उड़द की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें (Urad Ki Fasal Me Kharpatwar Niyantran Kaise Karen) : हमारे देश के कई किसान भाई ग्रीष्मकालीन में उड़द की खेती मार्च महीने में करते है। उड़द की फसल कम समय में पक के तैयार हो जाती है। पर उड़द की फसल में सही समय पर खरपतवार नियंत्रण नहीं किया जाए उत्पादन बहुत कम प्राप्त होता है।
उड़द की खेती में किसान सही समय पर खरपतवार नियंत्रण नहीं किया तो 50 प्रतिशत तक का उत्पादन कम प्राप्त हो सकता है। और कम उत्पादन प्राप्त होने से किसान को अच्छी कमाई और अधिक मुनाफा भी नही होगा। उड़द की फसल जब बुवाई के बाद 30 से 40 दिन की हो जाए इन से पहले अच्छे से खरपतवार नियंत्रण किया जाए तो उत्पादन अधिक और मुनाफा भी ज्यादा मिलेगा।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल में हम उड़द की फसल में खरपतवार नियंत्रण के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे इस लिए आप को हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तब बने रहना है।
उड़द की फसल में खरपतवार कैसे नियंत्रण करें?
उड़द की फसल में सही समय पर खरपतवार नियंत्रण नहीं किया जाए तो उड़द की फसल में कई रोग और कीट भी अटैक कर देते है और पोधा रोग ग्रस्त हो जाता है। जिन के कारण उत्पादन भी कम प्राप्त होता है। और किसान को बहुत नुकसान भुगतना पड़ सकता है।
उड़द की फसल में खरपतवार नियंत्रण आप दो प्रकार से कर सकते है। एक आप खुरपी की मदद से उड़द के पौधे की आस पास जो बिन जरूरी या जंगली घास उगा है इन्हे हाथ से खुरपी चला के इन जंगली घास को पौधे के आस पास से नष्ट करे। खुरपी से खरपतवार नियंत्रण करने से पौधे की जड़ो में अच्छे से हवा जावरजवर होता है और पौधे की विकास भी अच्छे से होती है।
उड़द की फसल में खरपतवार नियंत्रण रसायनी दवाई का छिड़काव कर के भी कर सकते है। पर सभी किसान बंधु को हमारा सुझाव है की उड़द की फसल हो या कोई और फसल हो इन में जब भी खरपतवार यानी के बीन जरूरी घास दिखाई दे तब खुरपी के माध्यम से खरपतवार नियंत्रण करे तो सब से अच्छा रहेगा। रासायनिक दवाई का छिड़काव कर के खरपतवार नियंत्रण करने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति धीरे धीरे कम हो जाती है। और कुछ साल बाद आप कोई भी फसल की खेती उस जमीन में करे उत्पादन कम ही मिलेगा।
इस लिए सभी किसान बंधु को हमारी और से एक गुजारिश है की उड़द की फसल हो या कोई और फसल की बुवाई की है इन में जब भी खरपतवार दिखाई दे तब आप खुरपी से ही निदाई गुड़ाई करे तो सब से अच्छा उत्पादन मिलेगा। और रसायनी दवाई से नियंत्रण करने के लिया भी मिट्टी में भेज अच्छा होना चाहिए तब जाकर यह दवाई काम करती है।
जब आप ने उड़द के बीज मुख्य खेत में लगा दिए है पर बीज अंकुरित होकर मिट्टी से बाहर नहीं निकले है तब आप को रासायनिक दावा पेन्डीमिथालीन 30 ई.सी.की तीन लीटर मात्रा 800 लीटर पानी में अच्छे से घोल बनाकर बुआई के दो दिन के अंदर छिड़काव करे इस रासायनिक दवाई की बजे से चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवार नष्ट हो जाते है। और उड़द की फसल में पहेली बिदाई गुड़ाई आप बीज बुवाई के बाद जब 20 दिन हो जाए तब और दूसरी बिदाई गुड़ाई आप उड़द की फसल 40 दिन की हो जाए तब करें।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को उड़द की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें (Urad Ki Fasal Me Kharpatwar Niyantran Kaise Karen) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
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