खीरे की फसल में कौन कौन से उर्वरक डाले (Khire Ki Fasal Me Kon Kon Se Urvarak Dale) : हमारे देश के कई किसान भाई खीरे की खेती बारिश के मौसम में जून महीने में और जुलाई महीने में होती है और गर्मी के मौसम में फरवरी से मार्च महीने तक की जाती है। खीरे को कुकुंबर के नाम से भी जाना जाता है। पानी की मात्रा 90 प्रतिशत होती है
खीरा एक बेलदार पौधा है। और इन इस्तेमाल गर्मी के दिनों में बहुत होता है। इन के फल को कच्चा भी खाया जाता है और सब्जी बना के भी खा शकते है। पर इन का अधिक इस्तेमाल सलाद बना के लोग खाते है। और गर्मी के मौसम में इन की डिमांड बहुत होती है। इसी लिए किसान खीरे की खेती से अच्छी कमाई करते है।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की खीरे की फसल में कौन कौन से उर्वरक डाले (Khire Ki Fasal Me Kon Kon Se Urvarak Dale) और इस का इस्तेमाल करने से कितना हमे उत्पादन प्राप्त होगा इन सभी बाते पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।
खीरे की फसल में कौन कौन से उर्वरक डाले (Khire Ki Fasal Me Kon Kon Se Urvarak Dale)
खीरे की खेती में पौधे की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए कुछ जरूरी खाद और उर्वरक डालना बेहद जरूरी है। कई लोग खीरे को किचन गार्डन में लगते है तो कई लोग घर पर ही गमले या ग्रो बैग में खीरा के उन्नत किस्म के बीज की बुवाई करते है और गर्मी के दिनों में खीरे के फल खाने का आनंद उठाते है। पर कई लोग ऐसे भी सवाल करते है की खीरे के पौधे को कौन कौन से उर्वरक देना चाहिए ताकि खीरे का फल अधिक मात्रा में प्राप्त हो शके।
हमारे कुछ प्रगतिशील किसान भाई जो हर साल खीरे की खेती बड़े पैमाने में करते है और अच्छा उत्पादन के साथ अधिक कमाई कर के बंपर मुनाफा प्राप्त करते है इन किसान का कहना है की खीरे के पौधे को नाट्रोजन कम मात्रा में और फास्फोरस और पोटेशियम अधिक मात्रा में देना चाहिए तब जाकर उत्पादन अधिक मिलता है और ज्यादा उत्पादन प्राप्त होता है।
खीरे के पौधे या फसल को मुख्यत्वे तीन प्राथमिक पोषक तत्व की बेहद जरूरत होती है। इन में नाट्रोजन, पोटेशियम और फास्फोरस इन के अलावा खीरे के पौधे को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की भी बहुत जरूरत होती है। इन में से खीरे के पौधे को नाट्रोजन की जरुरत सब से अधिक होती है इन से पौधे घना और हरा भरा रहता है। और जो पोटेशियम है इन से पौधे पर लगे फल का विकास तेजी होता है। और कई बीमारी से भी बचता है। डाइटीशियंस खीरे को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाता है।
खीरे की खेत तैयारी के समय आप एक हैक्टर के हिसाब से 18 से 20 टन अच्छे से सड़ी गोबर की खाद मिट्टी में अच्छे से मिला दे बाद में अंतिम जुताई से पहले नाट्रोजन 20 किलोग्राम, फास्फोरस 50 किलोग्राम और पोटाश 50 किलोग्राम की मात्रा से डाले बाद में जब फसल बीज बुवाई के बाद 35 से 40 दिन की हो जाए तब आप नाट्रोजन 30 किलोग्राम की दर से डाले।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को खीरे की फसल में कौन कौन से उर्वरक डाले (Khire Ki Fasal Me Kon Kon Se Urvarak Dale) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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