ईसबगोल की वैज्ञानिक खेती और किस राज्य में कौनसी किस्में की बुवाई करनी चाहिए।

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isabgol Ki Kheti Karne Ka Tarika
ईसबगोल की खेती करने का तरीका

ईसबगोल की खेती करने का तरीका (isabgol Ki Kheti Karne Ka Tarika) : हमारे देश भारत में ईसबगोल की खेती राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, और गुजरात इन के अलावा भी कई राज्य में ईसबगोल की खेती किसान करते है। ईसबगोल का इस्तेमाल कई बीमारी के इलाज के लिए किया जाता है और इन की पती कई इस्तेमाल पशु आहार के लिए किया जाता है।

वर्तमान समय में कई किसान औषधीय खेती कर रहे है और अपनी आय बढ़ा रहे है। ऐसे किसान ईसबगोल की खेती कर के अच्छा उत्पादन और कमाई प्राप्त कर रहे है। ईसबगोल का सेवन बड़े पैमाने में किया जाता है और इन का पौधा जाडीमुना होता है और इन के पौधे पर गेहूं जैसी बलिया आती है। इन की मांग साल भर मार्केट बाजार में बनी रहती है।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल में हम ईसबगोल की खेती करने का तरीका (isabgol Ki Kheti Karne Ka Tarika) और इन से होने वाला लाभ इन सभी पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे ताकि आप को भी ईसबगोल की खेती किस समय करनी है और कैसे करनी है इन के बारे में अच्छे से जानकारी मिले।

ईसबगोल की खेती करने का तरीका (isabgol Ki Kheti Karne Ka Tarika)

ईसबगोल की खेती से अधिक उत्पादन और पौधे की अच्छी विकास के लिए बलुई दोमट मिट्टी सब से सही मानी जाती है। ईसबगोल की खेती अच्छी जिवास युक्त मिट्टी में करनी चाहिए। और तापमान की बात करें तो उष्ण जलवायु में भी अच्छे से होती है और मिट्टी का पीएच नाप सामन्य होना चाहिए।

ईसबगोल की उन्नत किस्में कौन कौन सी है?

इसबगोल की उन्नत क़िस्म विविध जलवायु और तापमान के हिसाब से कई सारी है इन में से गुजरात के लिए सब से अच्छी और अधिक उत्पादन देनेवाली ईसबगोल की वैरायटी गुजरात ईसबगोल 2 है। और राजस्थान के लिए आर.आई. 89 ईसबगोल इन के अलावा भी आर.आई.1 ईसबगोल ऐसे ही मध्य प्रदेश के लिए जवाहर ईसबगोल 4 और हरियाणा के लिए हरियाणा ईसबगोल 5 यह सब ईसबगोल की उन्नत किस्म विविध राज्य में सब से अच्छा उत्पादन और अधिक लोकप्रिय है।

ईसबगोल की बुवाई करने के सही समय क्या है?

ईसबगोल की खेती करने का सही समय अक्टूबर महीना से नवंबर महीना सब से अच्छा माना जाता है। इन की खेती कतार में की जाती है। और कतार से कतार की दुरी 25 से लेकर 30 सैमी तक रखनी चाहिए। और बीज बुवाई से पहले इन्हे एक किलोग्राम बीज को 3 ग्राम थाईरम से बीज उपचार करना चाहिए। बाद में इन की बुवाई करनी है।

कई किसान भाई ईसबगोल की खेती दिसंबर महीने में भी करते है पर इन किसान भाई को उत्पादन बहुत कम और भूसी की मात्रा भी कम प्राप्त होती है इस लिए ईसबगोल की खेती सही समय पर करनी चाहिए ताकि उत्पादन अच्छा मिले।

ईसबगोल की खेती से अधिक उत्पादन के लिए इन बाते का रखे ध्यान

ईसबगोल की खेती में आप को अपने विस्तार के हिसाब से ईसबगोल की उन्नत किस्म का चुनाव करना है। ईसबगोल की खेती आप उष्ण जलवायु वाले विस्तार में भी बडी आसानी से कर शकते है। जीस विस्तार में मिट्टी की नमी अधिक होती है ऐसी जगह पर ईसबगोल क खेती नहीं करनी है। ईसबगोल की खेती बलुई दोमट मिट्टी में करनी है। और बुवाई करने का सही समय अक्टूबर महीने के लास्ट सप्ताह से नवंबर महीने के मध्य या तो लास्ट सप्ताह तक कर शकते है। और इन की खेती कतार में करनी है।

ईसबगोल का उत्पादन और लाभ

इसबगोल की खेती कम लागत में कर शकते है। और इन की खेती से बंपर मुनाफा प्राप्त होता है। इसबगोल के बीज बुवाई के बाद 110 से 115 दिन में अच्छे से तैयार हो जाती है। अगर आप ने इसबगोल की खेती एक हैक्टर जमीन में की है तो आप को 12 से 15 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है। इन की मांग साल भर मार्केट में बनी रहती है इस लिए क्वालिटी के हिसाब से इन के भाव 12000 से लेकर 12500 रूपए तक मिल जाते है। इसी लिए किसान ईसबगोल की खेती से किसान अधिक उत्पादन के साथ बंपर कमाई कर शकते है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को ईसबगोल की खेती करने का तरीका (isabgol Ki Kheti Karne Ka Tarika) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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