गेहूं की यह किस्म एक हैक्टर से 80 क्विंटल तक पैदावार देती है जाने कब और कैसे करे बुवाई

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Ageti Gehu Ki Buvai Kab Karen

अगेती गेहूं की बुवाई कब करें (Ageti Gehu Ki Buvai Kab Karen) : हाल के समय में खरीफ फसल की कटाई का काम पुरे जोर से चल रहा है। इस के साथ कई किसान भाई ने रबी फसल के लिए खेत की तैयारी भी शुरू कर दी है। और रबी मौसम में अधिकतम किसान गेहूं की खेती करते है। और गेहूं की फसल मुख्य रूप से रबी मौसम में की जाती है।

हमारे देश भारत के हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उतर प्रदेश, आदि राज्य में किसान गेहूं की खेती बड़े स्तर पर करते है और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर के कमाई करते है। पर गेहूं की फसल से अधिक उत्पादन और अधिक कमाई के लिए किसान को कुछ बाते का ध्यान रखना चाहिए जैसे की उन्नत किस्म के बीज और इन बीज की बुवाई सही समय पर करनी चाहिए।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल में हम अगेती गेहूं की बुवाई कब करें (Ageti Gehu Ki Buvai Kab Karen) और कैसे करें इन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे इन के अलावा गेहूं की अधिक उत्पादन देने वाली किस्म के बारे में भी बहुत कुछ जानेंगे इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

अगेती गेहूं की बुवाई कब करें (Ageti Gehu Ki Buvai Kab Karen)

गेहूं की बुवाई करने का सही समय आम तो अक्टूबर महीने से नवंबर महीना है। पर कई किसान दिसंबर महीने में भी गेहूं की बुवाई करते है। पर गेहूं की बुवाई सही किस्म और सही समय पर करें तो उत्पादन में बहुत फर्क दिखाई दंगा। इस लिए आप गेहूं की उन्नत किस्म की बुवाई 10 अक्टूबर से 10 नवंबर तक कर देनी चाहिए। ताकि उत्पादन अधिक प्राप्त हो शके। और पिछेती गेहूं की बुवाई आप 10 दिसंबर से 25 दिसंबर तक कर देनी चाहिए।

गेहूं की उन्नत किस्म और इन की खासियत

हमारे देश के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की उन्नत किस्म कई सारी विकसित की है पर इन में से एक गेहूं की किस्म HD 3086 भी है इस किस्म को पूसा गौतमी नाम से भी जानते है। गेहूं की यह उन्नत किस्म को कृषि वैज्ञानिकों ने साल 2020 में तैयार किया है। और इन्होने यह भी बताया है की गेहूं की यह उन्नत किस्म हमारे देश के उतरी भारत में सब से अधिक पैदावार देती है। इस लिए गेहूं की यह किस्म किसान के लिए वरदान रूप साबित होती है।

गेहूं की यह उन्नत किस्म एचडी 3086 भारत के पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिए भी उपयुक्त है इन में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्य शामिल है। और इन सभी राज्य में सिंचाई की सुविधा भी अच्छी है। इस लिए गेहूं का उत्पादन भी अधिक होगा। बुवाई के बाद यह 135 से 145 दिन में अच्छे से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

गेहूं की यह किस्म सिंचित अवस्था के लिए उपयुक्त है। और इस किस्म की फसल में पीले और भूरे रतुए जैसी खतरनत बीमारी के सामने भी अधिक प्रतिरोधक है इस लिए गेहूं की यह उन्नत किस्म HD 3086 किसान के लिए सब से अच्छी गेहूं की किस्म मानी जाती है।

गेहूं की उन्नत किस्म HD 3086 का उत्पादन

गेहूं की यह उन्नत किस्म एचडी 3086 भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में औसतम पैदावार एक हैक्टर से 55 क्विंटल और उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में एक हैक्टर से 50 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर शकते। पर व्यवहारिक स्थितियों में उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में इसकी ज्यादा से ज्यादा एक हैक्टर से 80 क्विंटल तक पैदावार ले शकते है। और उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों की बात करें तो एक हैक्टर 65 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर शकते है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को अगेती गेहूं की बुवाई कब करें (Ageti Gehu Ki Buvai Kab Karen) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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