गन्ने की फसल में घातक रेड रोड या कैंसर रोग का ऐसे करें नियंत्रण

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Ganne Me Lal Sadan Rog Ki Dava

गन्ने में लाल सड़न रोग की दवा (Ganne Me Lal Sadan Rog Ki Dava) : गन्ने की फसल का कृषि अर्थ व्यवस्था में एक महत्त्व पूर्ण योगदान है। और गन्ने की खेती बलुई दोमट और भारी मिट्टी में सफलता पूर्वक की जा शक्ति है। और किसान को अच्छा उत्पादन भी प्राप्त होता है पर कई बार गन्ने की फसल में किसी रोग का अटैक हो जाता है तब किसान को बहुत नुकशान भी होता है।

गन्ने की फसल में जब रेड रॉड रोग का अटैक होता है तब गन्ने की फसल पूरी तरह से पीली पड़ जाती है। और गन्ने का रंग भी लाल हो जाता है। किसान भी बहुत दुविधा में आ जाता है की अब गन्ने की फसल को कैसे ठीक करें ताकि उत्पादन अच्छा मिले और मुनाफा हो शके। इस रेड रोड रोग गन्ने की फसल के लिए घातक है इन का इलाज जल्द से जल्द कर लेना है इन ही गन्ने की पूरी के पूरी फसल बर्बाद हो शक्ति है।

हमारे कृषि विज्ञानिको ने गन्ने की खेती करने वाले सभी किसान को एक खास बात बताई है की जब गन्ने की फसल में रेड रोड रोग का अटेक होता है तब आप कुछ दवाई का छोडकाव कर के इस गन्ने की फसल को बर्बाद होने से बचा शकते है। और अच्छा उत्पादन के साथ अधिक कमाई भी कर शकते है।

गन्ने में लाल सड़न रोग की दवा (Ganne Me Lal Sadan Rog Ki Dava)

गन्ने की फसल में जब भी इस प्रकार का रेड रोड रोग दिखाई दे तब आप अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र का संपर्क करें और जीस गन्ने की फसल में यह रोग का अटैक हुआ है इस गन्ने की फसल को जमीन से उखाड़ के जला देना है इन के अलावा आप गन्ने के अच्छे से चीर कर देखना है की उस में लाल सड़न है की नहीं इन की भी जांस करनी चाहिए।

गन्ने की फसल में जिस स्थान पर यह रोग का अटैक हुआ है इस जगह पर आप ब्लीचिंग पाउडर मिलकर गड्डे को अच्छे से बंध करें। यह लाल सड़न दिखाई दे तब आप को उस गन्ने की सारी फसल जला देनी ही उचित है क्यों की इस प्रकार के रोग वाली गन्ने को कोई चीनी मिलें भी स्वीकार नहीं करते है।

गन्ने की जीस फसल में यह रोग लगता है उस खेत में तीन से चार साल तक गन्ने की खेती नहीं करनी चाहिए। पर उसी खेत में दुबारा गन्ने की फसल करनी है तो आप को ट्राइकोडर्मा घुलनशील जैविक फफूंदी नाशक दवा, स्यूडोमोनास और मेटाराइजम का कल्चर बनाकर इसे सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर खेत में अच्छे से मिला सकते हैं इन से फसल सुरक्षित और बेहतर होगी।

रेड रॉड रोग का उपचार

गन्ने की फसल में जीस जगह यह रोग का प्रकोप दिखाई दे उस जगह पर आप 0.2 प्रतिशत थायो फेनेट मेथाइल, कार्बेन्डाजिम मिट्टी में जड़ के पास अच्छे से डाले। इन के अलावा आप 0.1 फीसदी थायो फेनेट मेथिल/काबेन्डाजिम/ टिबूकोनाजोल सिस्टेमेटिक फफूंदी नाशक का छिड़काव भी कर शकते है।

गन्ने में इस रोग के बिचाव के लिए आप बुवाई के समय ट्राइकोडर्मा का इस्तेमाल करें यह एक ऐसा फंगस है मिट्टी में मौजूद संक्रमण को कम करता है। इन्हे आप गोबर के साथ अच्छे से मिला के गन्ने की फसल में डाले। और जब गन्ने के बीज की बुवाई करते है तब भी आप को खेत की अच्छे से गहरी जुताई करें इन के बाद जब आ को इस रोग के लक्षण दिखाई दे तब इस गन्ने को आप जमीन से उखड के जला दे। इन के अलावा आप लाल सड़न के नियंत्रण के लिए अजॉक्सिस्ट्रोबिन 18.2% + डाइफ़ेनोकोनाज़ोल 11.4% एस सी की 1 मिलीलीटर एक लीटर पानी में अच्छे से घोल बना के छिड़काव करें।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को गन्ने में लाल सड़न रोग की दवा (Ganne Me Lal Sadan Rog Ki Dava) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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