जीरे की खेती कैसे करे इन हिंदी (Jeera Ki Kheti Kaise Kare in Hindi)
जीरे की खेती कैसे करे जीरे की फसल से कैसे अधिक उत्पादन प्राप्त करे जाने पूरी जानकारी
जीरे की खेती कैसे करे इन हिंदी (Jeera Ki Kheti Kaise Kare in Hindi) : जीरा (वानस्पतिक नाम:क्यूमिनम सायमिनम) ऍपियेशी परिवार का एक पुष्पीय पौधा है। यह पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर भारत तक के क्षेत्र का देशज है। इसके प्रत्येक फल में स्थित एक बीज वाले बीजों को सुखाकर बहुत से खानपान व्यंजनों में साबुत या पिसा हुआ मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह दिखने में सौंफ की तरह होता है। संस्कृत में इसे जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला।
जीरा इसी नाम (जैविक नाम: क्युमिनम सायमिनम) के जैविक पौधे के बीज को कहा जाता है। यह पौधा पार्स्ले परिवार का सदस्य है। इसका पौधा 30–50 से॰मी॰ (0.98–1.64 फीट) की ऊंछाइ तक बढ़ता है और इसके फ़लों को हाथ से ही तोड़ा जाता है
जीरे की खेती कैसे करे इन हिंदी (Jeera Ki Kheti Kaise Kare in Hindi)
जीरे की खेती कर के किसान अच्छी कमाई कर शकते है। इन की मांग साल भर बाजार में बनी रहती है इस लिए इन के बाजारी भाव भी 20 किलोग्राम के 6,000 से लेकर 10,000 हजार तक साल 2023 में देखे गई थे। अगर किसान को जीरे की खेती कर के अच्छा उत्पादन और अधिक कमाई करनी है तो जीरे की खेती के बारे में जानना बेहद जरूरी है। इन ही तो जीरे की खेती में नुकशान भी भुगतना पड़ शकता है। इस लिए आज के इस आर्टिकल जीरे की खेती कैसे करे इन हिंदी (Jeera Ki Kheti Kaise Kare in Hindi) के माध्यम से अच्छे से जानेगे।
जीरे की खेती के बारे में बुवाई से लेकर कटाई तक की जानकारी इस आर्टिकल के आप को जानने को मिलेगी इस लिए आप यह आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहे।
जीरे की फसल को कौन से वातावरण में अच्छी होती है
जीरा ठंडे मौसम की फसल है , वानस्पतिक वृद्धि के लिए ठंडे मौसम परन्तु फूल आने और बीज पकने के समय उच्च तापमान और लम्बी प्रकाश अवधि वाले दिन उत्तम रहते हैं .
जीरे की उन्नत किस्में कौन कौन सी है
आर एस 1 , एस 404 , 19 आर जेड , 43 एम् सी , एम् यू सी , सी यू 198 , एन पी डी 1, एन पी 126 जे , सेलेक्शन 7-3 , गुजरात जीरा आदि 3 इन से भी अधिक किस्में है।
भूमि एवं उसकी तैयारी कैसे करे
जीरे के सफल उत्पादन के लिए रेतीली या दोमट भूमि सर्वोत्तम रहती है , भूमि में पर्याप्त मात्रा में जीवाश्म पदार्थ होना चाहिए . मध्यम एवं भारी मिट्टी में जीरे की फसल को उकठा नामक रोग लग जाता है , पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें उसके उपरांत 3-4 बार कल्टीवेटर चलायें।
सिंचाई कब करे
बोने के बाद पहली सिंचाई हलकी रखते है , उसके 15-20 दिन बाद दूसरी सिंचाई एवं उसके बाद 15-15 दिन के अन्तर में केवल 3 सिंचाई पर्याप्त होती हैं . लेकिन यह याद रहे की जीरे की फसल में फूल आने की अवस्था में खेत में नमी रहना बहुत आवश्यक है , यदि पाला ओस जो जीरे के लिए बहुत हानिकारक होता है गिरने की स्थिति बने तो 1 दिन पहले हलकी सिंचाई आवश्यक है l पत्तियों को 50 लीटर पानी में कुचल कर पीसकर पकाए जब वह 20-25 लीटर रह जाए तब छानकर रख ले और फिर उपयोग l सभी को अच्छी तरह से मिलाकर भुरकाव कर अच्छी तरह से बखर कर जीरे की बोवाई करें .
कीट और रोग नियंत्रण
रोक के लिए 250 मिली लीटर नीमपानी २५ मिली लीटर माइक्रो झाइम प्रति पम्प मिलाकर अच्छी तरह से तर बतर कर छिडकाव करें इसके अलावा सुपर गोल्ड मैग्नीशियम 1 किलोग्राम प्रति एकड़ पानी में घोल कर छिडकाव करें . नीम पानी बनाने के लिए 25 किलो ग्राम नीम की ताज़ी पत्तियों को 50 लीटर पानी में कुचल कर पीसकर पकाए जब वह 20-25 लीटर रह जाए तब छानकर रख ले और फिर उपयोग करें .
अधिक उत्पादन के लिए
बैग माइक्रो फर्टी सिटी कम्पोस्ट 40 किग्रा , 2 बैग माइक्रो सुपर पॉवर 50 किग्रा , 2 बैग सुपर गोल्ड केल्सिफार्ट 10 किग्रा सभी को अच्छी तरह से मिलाकर भुरकाव कर अच्छी तरह से बखर कर जीरे की बोवाई करें
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को जीरे की खेती कैसे करे इन हिंदी (Jeera Ki Kheti Kaise Kare in Hindi) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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