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पुंगनूर गाय की पहचान कैसे करें (Punganur Gay Ki Pahchan Kaise Karen) : 2024 में मकर संक्रांति के मौके पर PM मोदी अपने आवास में गौसेवा करते नजर आए। इस फोटो में दिख रही गाय को लेकर लोगो के मन मे सिंताअसल में जनक है। असल में यह पुंगनूर ब्रीड की गे है। जिन्हे छोटे से घर में भी रखा जाता है। यह बेहद रेयड ब्रीड है, और आंध्र प्रदेश के पुंगनूर गावं में इनकी उत्पति हुई है। यह दुनिया के सबसे छोटी नस्ले की गे है।
हलाकि पुंगनूर गाय का दूध काफी पौष्टिक मन जाता है। विशेषज्ञ इस गे को सोने की खान बताते है। है की पुंगनूर गे के दूध में एयू पदार्थ पाया जाता है। केमिकल नाम है। आज भी आंध्र प्रदेश में तिरुपत्ति, तिरुमाला समेत विभिन्न मंदिर में इसी गे का दूध खीर अभिषेक प्रसाद तैयार करने में इस्तेमाल होता है।
पुंगनूर गाय की पहचान कैसे करें (Punganur Gay Ki Pahchan Kaise Karen)
यह जो पुंगनूर गाय है यह एक दुर्लभ प्रजाति की गाय है। यह गाय हमारे देश भारत में आंध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले के पुंगनूर शहर पर रखा गया है। इस गाय के शरीर का रंग सफ़ेद और हल्का भूरा होता है। इस पुंगनूर गाय का सिर (माथा) काफी चौड़ा होता है। और जो सींग होते है वे छोटे होते है। इस गाय की उचाई की बात करे तो 2.5 से लेकर 3.5 तक का होता है।
पुंगनूर गाय का काफी पौष्टिक होता है दूध
विशेषज्ञों के मुताबिक पुंगनूर नस्ल की गे का दूध काफी पौष्टिक होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंसेज जीकेविके से पशु विज्ञान के रिटायर्ड प्रोफ़ेसर डॉक्टर बीएल चिदानंद ने बताया की इसके दूध में फैट काफी ज्यादा होता है। उन्होंने कहा की इसके आलावा ओमेगा फैटी एसिड्स, कैल्सियम, पोटैशियम और मैग्नेशियम भी भरपूर होता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी है।
पुंगनुर नस्ल की गाय हर दिन एक से तीन लीटर गाय देती है। इसके दूध में आठ फीसदी फैट होता है। जो देसी गायों के दूध के 3-4 फीसदी की तुलना में काफी ज्यादा है। विशेषज्ञों का कहना है कि गाय को अगर अच्छे से रखा जाए और उन्हें ठीक से खिलाया-पिलाया जाए तो इनके दूध की क्वॉलिटी और बेहतर होगी।
पुंगनूर गाय को पालने में है आसानी
पुंगनूर गाय दिखने में काफी अच्छी होती है। और इसे देवी के रूप में भी माना जाता है। इसकी आखो में खास किस्म की चमक होती है। विशेषज्ञों का कहना है की अपने छोटे आकर और बेहद प्यारे स्वभाव के चलते इन गायो को पालना बेहद आसान है। असल में पुंगनूर गाय को पालना सन्मान का विषय है। नस्ल की शुद्धता के आधार पर इसकी कीमत एक लाख से 10 लाख रुपए के बीच हो सकती है। एक पशु चिकित्सक के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास पर रखी गई गायों में अधिकतर इसी नस्ल की हैं।
एक समय पुंगनुर नस्ल की गायों के खत्म हो जाने का खतरा मंडरा रहा था।
बता दें कि एक वक्त जब पुंगनुर नस्ल की गायों के खत्म हो जाने का खतरा मंडरा रहा था। हाइब्रिड गायों की तुलना में कम दूध को देखते हुए किसानों ने इन्हें बेचना या छोड़ना शुरू कर दिया था। इसके बाद इस नस्ल की गायों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू किए गए।
इसे बचाने के लिए 2020 में आंध्र प्रदेश सरकार ने मिशन पुंगनुर लांच किया था। इसके तहत इस नस्ल की गायों को बचाने और उनके संरक्षण की दिशा में काम शुरू किया गया। इसके बाद पीएमओ भी इस मिशन का हिस्सा बना था। इसके अलावा वैज्ञानिक स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं।
पुंगनुर गाय कितना दूध देती है?
यह गाय एक ब्यात में यानि के 260 दिन में 540 से लेकर 545 लीटर तक का दूध देती है। और इस दूध के फैट की बात करे तो 8 प्रतिशत या थोड़े कम और ज्यादा भी हो शकते है। और अन्य गाय के दूध की बात करे तो 4 से 5 तक के देखे जाते है। हमारे देश भारत में यह गाय आंध्र प्रदेश राज्य के चित्तूर जिले में पुंगनूर इलाके में देखने को मिलती है।
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