किसान इस खास फसल की खेती करना शुरू करदे तो 6 महीने में लाखो रुपए की कमाई कर शकते है। आज के इस आर्टिकल में हम बरसात में कद्दू की खेती कैसे करें (Barsat Me Kaddu Ki Kheti Kaise Kare) और इन से मुनाफा कितना हो शकता है इन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करेंगे।
बरसात के मौसम में किसान तरह तरह की हरी सब्जियों की खेती करते है जैसे की भिंडी, ग्वार, तुरिया, करेला, लौकी, पेठा, परवल, खीरा, और कद्दू आदि सब्जियों की खेती करते है और अच्छा उत्पादन के साथ मुनाफा भी अधिक प्राप्त करते है। कद्दू का उपयोग सिर्फ सब्जी बनाने में ही नहीं किया जाता पर इन का इस्तेमाल कई औषधीय दृष्टि से भी लाभदायक है।
अगर किसान इस कद्दू की खेती (Pumkin Farming) करना शुरू करदे तो कुछ ही महीने में मालामाल बन जाएगे इस खेती में मात्र 5 महीने में 5 लाखसे भी अधिक कमाई हो शक्ति है। इस खेती में लागत भी कम होती है और उत्पादन बंपर मिलता है। तो आई ए आज के इस आर्टिकल ले माध्यम से हम कद्दू की खेती कैसे करे और इस की केटी करने के लिए किन बातो का ध्यान रखना चाहिए। बात करे तो कद्दू की खेती की सारि जानकारी आप को इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएगी। पर आप को इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहना होगा।
कद्दू जब बाजार में बिक ने किसान जाते है तब इन दाम अच्छा मिलता है और इस का स्वाद जिस किसने एक बार चखलिया वे बार बार इन का स्वाद चखेगा इस लिए तो इन की बजरी मांग ज्यादा है और हम सब जानते ही है की जिस सब्जी का बजरी भाव अच्छा है उस सब्जी वर्गी फसल की खेती बहुत किसान करते है और अच्छा दाम भी प्राप्त करते है तो कद्दू भी एक ऐसी ही सब्जी वर्गी फसल है जिनका बाजारी दाम अच्छा है। इस लिए इन की खेती से कम समय में आप अच्छा खच्चा मुनाफा कर शकते है तो आई ए जानते है कद्दू की खेती के बारे में ज्यादा से ज्यादा।
कद्दू की खेती में किस बातो का ध्यान रखना चाहिए?
कद्दू की खेती से अधिक उत्पादन लेने के लिए आप इन के बीज अच्छी उपजाव मिट्टी में बुवाई करे। इन की खेती में गर्म और आद्र दोनों जलवायु की जरुरत होती है। कद्दू की फसल में पानी की भी अधिक जरुरत होती है पर पानी की अच्छे से निकास हो जानी चाहिए। अधिक जलभराव वाली मिट्टी में इन की खेती ना के बराबर की जाती है। और जिस जमीन पर कद्दू की खेती करे उस जमीन का पीएच मान 5 से लेकर 7 के बिच का अच्छा माना जाता है।
कद्दू की खेती में खेत की तैयारी में दो से तीन बार अच्छे से गहरी जुताई करे बाद में इस जमीन पर पेड़ तैयार करना होगा फिर मल्चिंग पेपर उस पेड़ पर लगा और पेड़ से पेड़ की दुरी 6 किट की रखे यह मल्चिंग पेपर लगाने से कद्दू की खेती में खरपतवार की समस्या टल जाती है और इस खरपतवार से कद्दू की फसल में बहुत नुकशान होता है। यह पेड़ पर मल्चिंग पेपर लगाने के बाद कद्दू की उन्नत किस्में के बीज लगा शकते है।
कद्दू की खेती में तापमान और जलवायु
कद्दू की खेती में शीतोष्ण और समशीतोष्ण दोनों जलवायु की आवश्यकता होती है। और कद्दू की फसल में तापमान की बात करे तो न्यूतम तापमान 15℃ तक का और अधिकतम 35℃ तक का अच्छा माना जाता है। इन से अधिक तापमान कद्दू के पौधे से लिए और कद्दू के फल के लिए हानिकारक होता है। कद्दू के बीज को अंकुरित होने के लिए 20℃ तक का तापमान अच्छा रहता है और पौधे एवं फल की अच्छी विकास के लिए सामान्य तापमान की जरुरत होती है।
कद्दू की उन्नत किस्में
हमारे देश भारत में कद्दू की कई सारी उन्नत किस्में मौजूद है। जैसे की पूसा विश्वास, काशी उज्जवल, डी.ए.जी.एच. 16, काशी धवन, पूसा हाईब्रिड 1, पंजाब सम्राट, पाउ मगज कद्दू-1 आदि किस्में अधिक उपज वाली है
कद्दू के बीज की रोपाई कैसे करे?
कद्दू के बीज लगाने के लिए आप ने जो पेड़ तैयार किया है उस पेड़ में कद्दू के बीज से बीज की दुरी 2 से 3 फिट की रखे और एक हैक्टर जमीन में इन की खेती करनी है तो आप को लगभग 3 से 4 किलोग्राम कद्दू के बीज की जरुरत पड़ेगी। इन के बीज मुख्य खेत में लगाने से पहले इन बीजो को थीरम या बाविस्टीन से उपचारित जरूर करले बाद में इन बीजो की रोपाई कर शकते है। बारिश के मौसम में कद्दू की खेती जून महीने में की जाती है। पर कई विस्तार में किसान कद्दू की खेती अगस्त महीने में भी करते है।
कद्दू की फसल में खाद कौन सी डाले और कितनी डाले
कद्दू की फार्मिंग (Kaddu Ki Farming) में खाद देना बेहद जरूरी है। इन की खेत तैयारी के समय आखरी जुताई से पहेले एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 टन अच्छे से सड़ी गोनर की खाद डाले और अच्छे से मिट्टी में मिला दे। इन के आलावा रासायनिक खाद की बात करे तो नाइट्रोजन 40 किलोग्राम, फास्फोरस 45 से 50 किलोग्राम और पोटाश 45 से 50 किलोग्राम देनी चाहिए।
कद्दू की फसल में रोग एवं कीट
कद्दू के पौधे पर जब फूल और फल दिखाई देते है तब इन पर कई रोग एवं कीट अटैक करते है। जैसे की लालड़ी रोग, जड़ गलन, फल मक्खी रोग, सफ़ेद सुंडी रोग, मोज़ैक रोग, एन्थ्रेक्नोज रोग, फल सड़न रोग, दीमक आदि रोग एवं कीट अटेक करते है। इन का सही समय पर योग्य दवाई का इस्तेमाल कर के इन फसल को इस रोग एवं कीट से मुक्त करना चाहिए। नहीं तो किसान को इन का बहुत नुकशान भुगतना पड़ेगा।
कद्दू के फल की तुड़ाई और लाभ
कद्दू के पौधे बुवाई के बाद तक़रीबन 100 से 115 दिन के समय पर फल देने के लिए तैयार हो जाता है। कद्दू के फल का ऊपरी हिच्छा जब हरे रंग से हल्के पिले रंग का दिखाई दे या सफेद रंग का दिखाई दे तब इन फल की तुड़ाई कर ले और इन के पौधे पर लगे हरे फल को आप 75 से 85 दिन बाद तोड़ाई कर शकते है।
अगर किसान ने कद्दू की खेती एक हैक्टर जमीन में की है तो 400 क्विंटल तक का उत्पादन मिलता है या इन से अधिक या कम भी मिल शकता है। ये तो आप की महेनत पर निर्भर है। कद्दू का मार्किट भाव 10 से 20 रुपिए रहता है। अगर कद्दू का बाजारी भाव 15 रुपिए मिले तब भी किसान को 6 लाख रुपिए तक की कमाई होगी।
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आज के यह आर्टिकल में हम ने आप को बरसात में कद्दू की खेती कैसे करें (Barsat Me Kaddu Ki Kheti Kaise Kare) कैसे करे और अधिक उपज प्राप्त कर के बंपर मुनाफा करने की जानकारी अच्छे से बताई है।
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