हल्दी की खेती इस प्रकार कर के किसान अधिक उपज के साथ अच्छी कमाई कर शकता है।

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हल्दी की खेती करने का समय इन हिंदी (Haldi Ki Kheti Karne Ka Sahi Samay in Hindi) : नमस्कार किसान भाई आज हम हल्दी की खेती कैसे करे इसके बरे मे आज हम आपको सबकुश बताएगे। हल्दी की खेती करके किसान भाई आप अधिक पैदावार और अधिक मुनाफा कर सकते हो। जाने हल्दी की खेती कब और कैसे की जाती है। हल्दी की खेती पूरे भारत में की जाती है। और इसके मुख्य रूप में औषधी के गुण होते है, इसलिए इसका इस्तमाल स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए किया जाता है।

Haldi Ki Kheti Karne Ka Sahi Samay in Hindi

हल्दी , जिसे अक्सर स्वास्थ्य के लिए जड़ी बूटी मानी जाती है। विश्व में हल्दी को महत्वपूर्ण औषधी मानी जाती है। हल्दी स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है, इसके कारण इसकी खेती विश्व में मोटे पाए की जाती है। इसलिए हल्दी की खेती विश्व के कई देशों में की जाती है। भारत में विशेष रूप से पूरे देश में खेती जाती है। सले आज हम आपको हल्दी की खेती का वैज्ञानिक और लाभकारी तरीका बताते है।

हल्दी की बुआई का सही समय ?

हल्दि की बुवाई का सबसे अच्छा समय मई महीना से लेकर जून महीने तक काअच्छा माना जाता है। बाकी कई किसान भाई इन की खेती अलग अलग समय में करते है। पर इन की खेती के लिए सब से अच्छा समय जून महीना माना जाता है। इन की खेती के लिए बीज भारत में हर राज्य में कृषि सरकारी संस्थानों में उपलब्ध सस्ते दामों पर अच्छे बीज मिलते है और इन के बीज की खरीदी कर के बुवाई कर शकते है। अगर किसान को किसी भी फसल के बीज उन्नत और अच्छे मिलेंगे तब भी आपको अधिक मुनाफा प्राप्त होगा और इन उत्पादन से अच्छी कमाई किसान कर शकेंगे।

हल्दि की बुवाई कैसे करे?

हल्दी की बुवाई के लिए लाइन से लाइन की दूरी 35 से लेकर 40 सेमी तक रखें, और पौध से पौध की दूरी 20 से लेकर 25 सेमी तक रखें। इस तरह से बुवाई करते हे तो आपको बढ़िया मुनाफा होगा। हल्दी की बुवाई की गहराई 4 से लेकर 5 सेमी गहराई में बुआई करें। ताकि अच्छी तरह से बीज का अंकुर बाहर निकल सके और विकास भी अच्छा हो। हल्दी के बीज की मात्रा एक एकड़ में 6 से लेकर 7 क्विंटल तक बीज की जरूरत होती है। हल्दी के बीज में प्रति लीटर पानी में 2.5 ग्राम मैंकोजेब और क्विनालफॉस मिलाकर बीजों का शोधन करें। इससे बीज का अच्छा उपचार होता है।

हल्दी की बागों में खेती कैसे करे ?

हल्दी की खेती को छायादार जगहों में बागों के साथ मिलाकर किया जा सकता है। लेकिन किसानों को अतिरिक्त आमदनी प्रदान कर सकता है। इसलिए हल्दी की खेती सबसे अच्छी खेत में होती है। हल्दी की बुआई के तुरंत बाद मल्चिंग बेहद जरूरी है, जिससे खेती में बेहतर प्रदर्शन हो। और अच्छा बीज उग सकता है।

हल्दी के खेत में मिश्रित खाद कोन सी डाले ?

हल्दी के खेत में प्रति एकड़ 8 टन वर्मीकम्पोष्ट, नीम की खली 8 से 9 क्व‍िंटल, नाइट्रोजन 60 से 70 किलो, फॉस्फोरस 35 से लेकर 40 किलो, और पोटाश 35 से लेकर 45 किलो अच्छे से मिट्टी में मिलाएं। इससे हल्दी के बीज को उगनेमे कोई दिकत्त नहीं होगी। और बीज से पौधा अच्छे से अंकुरित होते है और पौधा विकास भी बढ़िया करता है। हल्दी में पोटाश और फास्फोरस को बुआई से पहले और बचा हुआ पोटाश पौधों की 60 दिन बाद जब बढ़वार की अवस्था में डाले।

हल्दी की खेती से उत्पादन और बजरी भाव?

हल्दी के अच्छे बीजों और उच्च गुणवत्ता वाली खेती से प्रति एकड़ 180 से लेकर 250 क्विंटल तक हल्दी प्राप्त हो जाती है। किसान भाई हल्दी का बाजारु भाव की बात करे तो 1 क्विंटल का 10,000 से लेकर 12,000 रूपिये होते है। 1 किलोग्राम का भाव 90 रूपिये से लेकर 120 रूपिये तक का बाजार में भाव देखा जाता है।

किसान भाई हल्दी की खेती एक लाभकारी और स्वास्थ्य से भरपूर खेती है। जो किसानों को अच्छा लाभ प्रदान कर सकती है। इसके सही उपयोग और वैज्ञानिक तरीके से खेती करने से किसान बेहतर उत्पादक ले सकते हैं और अधिक आमदनी ( मुनाफा) कमा सकते हैं।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को हल्दी की खेती करने का समय इन हिंदी (Haldi Ki Kheti Karne Ka Sahi Samay in Hindi) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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