Kisan Andolan 2.0: ‘चलो दिल्ली’ मार्च टला, किसानों ने बनाया 4 दिनों का नया प्लान, जानें पूरी जानकारी

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किसान आंदोलन पंजाब 2024 (Kisan Andolan Punjab 2024) : भारत ने एसकेएम ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया और राज्य की सीमा पर दो जगह डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भाजपा के नेताओं के पुतले फूंके।

किसान नेताओं ने अब 29 फरवरी तक के लिए ‘चलो दिल्ली ‘ मार्च को टालने का ऐलान किया है। साथ ही घोषणा की है कि वे शनिवार को कैंडल मार्च निकालेंगे और 26 फरवरी को केंद्र सरकार का पुतला जलाएंगे। पंजाब और हरियाणा सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने आंदोलन के अगले कदम पर चर्चा के लिए शुक्रवार शाम को एक महत्वपूर्ण बैठक रखी है। बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) द्वारा यह निर्णय लिया गया है।

Kisan Andolan Punjab 2024

खनौरी में झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई और लगभग 12 पुलिसकर्मियों के घायल होने के बाद किसान नेताओं ने बुधवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च दो दिनों के लिए रोक दिया था। अब उसी तारीख को और आगे बढ़ा दिया गया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों ने 29 फरवरी तक दिल्ली चलो मार्च को रोकने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति की घोषणा 29 फरवरी को की जाएगी।

वहीं, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों पर शनिवार को किसान कैंडल मार्च निकालकर सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे और पूरे देश में शोक सभाएं आयोजित की जाएंगी।

किसानों का प्रोग्राम क्या है?

24 फरवरी: किसान आंदोलन पंजाब 2024 (Kisan Andolan Punjab 2024) शाम को 21 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह और तीन अन्य किसानों की मौत पर श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। और श्रंद्धाजलि दी जायेगी।

25 फरवरीः को दोनों बॉर्डर पर युवा और तमाम किसान संगठनों के लिए सेमिनार होगा, जिसमें किसानी और खेतीबाड़ी से जुड़े बुद्धिजीवियों को बुलाया जाएगा। और 25 फरवरी को दोनों बॉर्डर पर युवा और तमाम किसान संगठनों के लिए सेमिनार होगा, जिसमें किसानी और खेतीबाड़ी से जुड़े बुद्धिजीवियों को बुलाया जाएगा। 

26 फरवरी: देशभर के गांवों में डब्ल्यूटीओ के पुतले जलाए जाएंगे और दोपहर 3 बजे के बाद दोनों सीमाओं पर पुतले जलाए जाएंगे। 26 फरवरी को ट्रैक्टर मार्च के बाद दोपहर बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पीएम मोदी और हरियाणा के सीएम के अलावा कॉरपोरेट घरानों के करीब 20 फुट ऊंचे पुतले फूंके जाएंगे।

27 फरवरी: एसकेएम (गैर राजनीतिक) की राष्ट्रीय समिति और किसान मजदूर संघर्ष समिति की दोनों सीमाओं पर बैठक होगी और अगले दिन उनकी संयुक्त बैठक होगी। 27 को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा आपसी चर्चा करेंगे।

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किसानों ने काला दिवस क्यों मनाया?

एसकेएम ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया और राज्य की सीमा पर दो जगह डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भाजपा के नेताओं के पुतले फूंके थे। हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच हिंसा में मारे गये किसान शुभकरण सिंह के प्रति शोक व्यक्त करने के लिए एसकेएम ने काला दिवस मनाने का आह्वान किया था। भारती किसान यूनियन ने शुक्रवार को कहा कि उसने सिंह की मौत के विरोध में पंजाब के 17 जिलों में 47 स्थानों पर प्रदर्शन किया।

पंजाब और हरियाणा के खनौरी सीमा बिंदु की ओर जा रहे किसानों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले छोड़े। और किसान हिसार और नारनौंद रोड स्थित खेड़ी चोपता गांव से खनौरी बॉर्डर की ओर जा रहे थे तभी पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े ।

Kisan Andolan Punjab 2024

किसान प्रदर्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को याचिका दाखिल की है। और केंद्र सरकार को किसानों की उचित मांगों पर विचार करने का आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे है। किसानों के अधिकारों का हनन करने का भी आरोप लगाया है।

याचिका में दावा किया गया है। किसान संगठनों द्वारा अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद केंद्र और कुछ राज्यों ने चेतावनी जारी की है। और दिल्ली की सीमाओं की किलेबंदी कर दी है।

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