कुंदरू की उन्नत किस्में कौन सी है? इन की खेती में एक साल महेनत और 4 साल तक लाखो रुपए की कमाई

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now

कुंदरू की उन्नत किस्में कौन सी है? (Kundru Ki Unnat Kism Konsi Hai) : अगर आप भी एक किसान है और कोई ऐसी फसल के बारे में चोंच रहे है की एक बार लगा के 4 से 5 साल तक इन फसल से कमाई करनी है तो आप सही आर्टिकल पर है। आज के इस आर्टिकल में हम आप को कुंदरू की खेती के बारे में बहुत कुछ जानकारी देने यह एक ऐसी फसल है जो एक बार खेत में लगा के कई साल तक उत्पादन प्राप्त कर के लाखो रुपए का मुनाफा कर शकते है।

Kundru Ki Unnat Kism Konsi Hai

कुंदरू की फसल एक बार लगाकर एक साल अच्छे से महेनत करनी होगी बाकि 4 से 5 साल तक अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा और अच्छी कमाई होगी। इन की खेती करने से किसान को हर साल खेत की तैयारी भी नहीं करनी पड़ेगी तो वे तो सीधी सी बात है। खेत की जुताई के पैसे तो बस जाएंगे और इन के अलावा इस फसल से उत्पादन बंपर मिलेगा और बाजार भाव अच्छा मिलने से कमाई भी अधिक और मुनाफा अच्छा होगा।

कुंदरू में मौजूद पोषक तत्व

कुंदरू के कच्चे फल बहुत मानव शरीर के लिए फायदेमंद होते है। इन में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते है। जेम के प्रोटीन, कैल्शियम, कैरोटीन, बीटा, विटामिन ए, आयरन, फायबर, एंटी ऑक्सीडेंट, आदि पोषक तत्व अच्छी मात्रा में मौजूद होते है। जो मानव शरीर के लिए बहुतही लाभदायक है।

कुंदरू के जड़ो और पतों का भी औषिधिक दवाई में इस्तेमाल किया जाता है। इन के पतों और जड़ो के रस का इस्तेमाल मधुमेह जैसी बीमारी के इलाज में किया जाता है। इन के अलावा पतियों का लेप बना के शरीर के गहरे घाव पर भी लगाया जाता है। इन के अलावा कुंदरू के छोटे फल का सलाद और सब्जी बनाने में भी उपयोग लिया जाता है।

कुंदरू की उन्नत किस्में कौन सी है? (Kundru Ki Unnat Kism Konsi Hai)

आज के ज़माने में हमारे कृषि वैज्ञानिको ने कुंदरू की कई सारी उन्नत किस्में विकसित की है जो अधिक उत्पादन देती है और कई रोग और बीमारी के सामने प्रतिरोधक है। इन में से कुछ कुंदरू की उन्नत किस्में के नाम इस प्रकार के है। अर्का नीलाचल कुंखी, अर्का नीलाचल सबुजा, काशी भरपूर (VRSIG 9), इंदिरा कुंदरू 5, इंदिरा कुंदरू 35, सुलभा (सी जी- 23), आदि किस्में है।

अर्का नीलाचल कुंखी : कुंदरू की यह उन्नत किस्में सब्जी एवं सलाद के लिए बहुत ही अच्छी है। यह अगेती किस्में है और इन के फल साइज में लंबे होते है और वजन में 22 से 25 ग्राम तक के होते है। इन के उत्पादन की बात करे तो एक पौधे से 20 से 25 किलोग्राम प्राप्त होता है। इन के एक पौधे से 800 से 900 फल की तुड़ाई एक मौसम में कर शकते है।

अर्का नीलाचल सबुजा : कुंदरू की यह किस्में के फल दिखने में गहरा हरा रंग का होता है। इन के फल का वजन 20 से 25 ग्राम तक का होता है। और इन के फल की तुड़ाई आप 10 से 11 महीने तक कर शकते है। और एक पौधे से 70 से 80 बार फल की तुड़ाई कर शकते है। एक पौधे से तक़रीबन 900 से 950 फल प्राप्त होते है। इन के एक पौधे से 40 से 55 किलोग्राम तक के फल तुड़ाई कर शकते है।

काशी भरपूर (VRSIG 9) : कुंदरू के इस उन्नत किस्में के पौधे बुवाई के बाद 45 से 50 दिन में अच्छे से उपज देने के लिए तैयार हो जाता है। इन के पौधे पर लगे फल हल्के हरे रंग के और सफ़ेद धारी और अंडे आकर के होते है। इन के एक पौधे से लगभग 18 से 25 किलोग्राम तक के फल प्राप्त होते है। अगर किसान ने इन की खेती एक हैक्टर में की है तो 350 से लेकर 400 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

इंदिरा कुंदरू 5 : इस उन्नत किस्में के कुंदरू के फलो का रंग हल्का रहा और अंडाकार के होते है। इस किस्में को अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। इन के एक पौधे से 20 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है। और एक हैक्टर जमीन में से 400 से 450 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

इंदिरा कुंदरू 35 : कुंदरू के इस उन्नत किस्में के फल थोड़ा अधिक लंबा होता है जो 6 सैमी तक के होते है। इन के एक पौधे से 21 से 23 किलोग्राम के बिच तक का उत्पादन प्राप्त होता है। और इन की एक हैक्टर जमीन में से 420 से 460 क्विंटल तक का उत्पादन होता है।

सुलभा (सी जी- 23) : कुंदरू की यह उन्नत किस्में बुवाई के बाद 40 से 50 दिन बाद पहेली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इन के फल गहरे हरे रंग के और फल के लंबाई की बात करे तो 8 से 9 सैमी तक की होती है। इन के एक पौधे से तक़रीबन 21 से 22 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है। और एक हैक्टर जमीन से 400 से 430 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

कुंदरू की खेती करने का सही तरीका

कुंदरू की खेती से अच्छा उत्पादन और अधिक कमाई कमाई करनी है तो आप इन के पौधे बलुई दोमट मिट्टी में पौधे की रोपाई करे। इन के पौधे की बुवाई करने से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर के इन खेती में सड़ी गोबर की खाद और वर्मीकम्पोष्ट मिट्टी में अच्छे से मिला के मेड तैयार कर के इन कुंदरू के उन्नत किस्में के पौधे की रोपाई करे। इन की फसल की अच्छी विकास के लिए 6 से 7 दिन के अंतर में एक सिंचाई करते रहे। इन की एक बार की रोपाई कर के लगातार 4 साल तक बंपर उत्पादन प्राप्त कर के अधिक कमाई कर शकते है।

कुंदरू के फल का उतपादन और कमाई

कुंदरू की एक यही तो खासियत है जो एक बार मुख्य खेत में लगा के 4 साल तक लगातार अच्छा उत्पादन प्राप्त कर के अधिक कमाई कर शकते है। इन की एक हैक्टर जमीन में खेती करे तो 300 से 400 क्विंटल तक का उत्पादन मिलता है। और इन की मांग बाजार में बहुत है इन कुंदरू के फल एक किलोग्राम के 60 से लेकर 80 रुपए तक बिकते है। पर इन के फल आप 40 से 50 रुपए तक बेचे तब भी आप को अच्छी कमाई होगी। मानो एक हैक्टर से आप को 300 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त हुआ और आप ने मार्किट में 40 रुपए एक किलोग्राम से बीके तब भी आप को एक साल के 12 लाख रुपये की कमाई होगी।

अन्य भी पढ़े :

आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को कुंदरू की उन्नत किस्में कौन सी है? (Kundru Ki Unnat Kism Konsi Hai) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

इन सब की मदद से किसान खेतीबाड़ी से अच्छी इनकम कर सकता है। इस लिया आप हमारी यह वेबसाईट आईखेडूतपुत्रा को सब्सक्राब करे ताकि आप को अपने मोबाईल में रोजाना नई आर्टिकल की नोटिफिकेशन मिलती रहे। इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

इस लेख को किसान के साथ शेयर करे...

नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

Leave a Comment