हेलो किसान बंधु उम्मीद रखता हु की आप सब खैरियत में ही होगे। आज एक और आर्टिकल में आप सभी का तहेदिल से स्वागत करता हूं। आज के इस आर्टिकल की मदद से हम लीची खेती की संपूर्ण माहिती (Litchi Kheti Ki Sampurn Mahiti) बारीक से इस की जानकारी हासिल करेंगे।
आज के समय में हमारे देश भारत में भी लीची की खेती किसान बड़े पैमाने में करते है और अच्छी उपज भी लेते है। भारत को लीची उत्पादन में दूसरा स्थान मिला है। लीची की खेती कब और कैसे करे जाने पूरी जानकारी (Litchi Ki Kheti Kab Aur Keise Kare Jane Puri Jankari) इस आर्टिकल में हम लीची की जानकारी प्राप्त करेंगे।
हमारे देश भारत में लीची की खेती जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उतार पदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, इन के अलाभी कई राज्य में लीची की खेती की जाती है।
आज के जमाने में लीची की खेती खेती में बहुत अच्छी कमाई होती है और लीची में से शरबत, जैम, और कार्बोनेटिड ड्रिक्स भी बनाया जाता है। इसी लिया तो इस लीची का अच्छा दाम मिलता है और किसान को बंपर कमाई होती है।
लीची की खेती के लिए कोन सी मिट्टी आवश्कता होती है।
लीची की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में कर सकते है पर बलुई दोमट मिट्टी में इन की खेती करने से इन की विकास अच्छी होती है और उत्पादन भी अधिक मिलता है।
लीची की खेती जनवरी महीने में या फरवरी महीने में इन के पेड़ पर फूल और फल लिखाई देते है। और यह फल अप्रैल महीने में या मई महीने में पूरी तरह से पक के तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है।
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लीची की उन्नत किस्में
लीची की खेती से अधिक उत्पादन के लिए और अच्छी गुणवत्ता वाले फल प्राप्त करने के लिए आप को लीची की उन्नत किस्में को पसंद करना चाहिए।
लीची की उन्नत और अधिक उपज देने वाली उन्नत किस्में के नाम कुछ इस प्रकार के है जैसे की डी रोज, चाइना, पूर्वी, देशी, कस्बा, ग्रीन, त्रिकोलिया, आदि लीची की प्रसिद्ध किस्में है इन किस्में की खेती कर के किसान अधिक कमाई कर सकते है।
लीची की खेती में तापमान और जलवायु कैसा होना चाहिए।
लीची की खेती में तापमान 20°C से 30°C तक का अच्छा माना जाता है और अधिक तापमान 30°C तक का सहन कर सकते है इन के अधिक तापमान होने से इन के फल के लिए हानिकारक होता है।
लीची का पेड़ समशीतोष्ण जलवायु में अच्छे से विकास करता है, इस की खेती में साल की 1150 से 1250 मिलीमीटर बारिश की जरूरत होती है। जब इन के फल पकने की अवस्था में आता है तब बारिश पड़ने से फल को बहुत नुकसान होता है।
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लीची के पौधे कैसे तैयार करे
लीची के पौधे से अच्छी उत्पादन प्राप्त करने के लिए लीची के पौधे को गूटी विधि से तैयार करने की सलाह हमारे कृषि वैज्ञानिक ने दी है। और जब आप बीज बुवाई कर के पोधा तैयार करते है तब इस पौधे की विकास अच्छे से नहीं होती और उत्पादन में भी काफी फर्क दिखाई देते है।
लीची के पौधे को तैयार करने के लिए आप को मई महीने में या तो जून महीने में लीची के बड़े पेड़ की डाली को पसंद करना होगा और डाली पर 45 से 55 सेमी डाली के पिछले हिच्चे पर 2.5 सेमी का छल्ला बनाया जाता है।
लीची की इन गोलाकार रिंग या चल्ले के ऊपरी हिच्छे पर iBA ki 2000 पी. पी. एम. मात्रा का पेस्ट बनाया जाता है।
जिस डाली पर आप ने पेस्ट लगाया है उस रिंग पर गूटी बांध देनी चाहिए और इस को नमी युक्त घास से ढक के रखे और इन्हे पॉलिथीन का कवर करे और उस को सुतली से अच्छे से बांध कर रखे।
लीची के डाल पर गूटी बांधने के बाद 2 से 2.5 महीने में इन से जड़े निकलनी शुरू हो जाती है। इन के बाद डाली से थोड़े पाते काट के मुख्य खेत में रोपाई कर देनी चाहिए।
लीची की रोपाई कैसे करे
लीची की रोपाई के लिए आप को बारिश का मौसम आने तक इंतजार करना है। जब बारिश अच्छी हो जाती है तब लीची के पौधे को मुख्य खेत में लगा देना चाहिए। लीची के पौधे की मुख्य खेत या बाग में बुवाई जून महीना या जुलाई का महीना सब से अच्छा बताया गया है। इस समय बारिश भी अच्छी होती है इसी लिया लीची के पौधे बड़ी तेजी से विकास करते है
लीची के पौधे मुख्य खेत में लगाने से पहले आप को 8 से 10 मीटर की दूरी पर 4 फिट लंबा 4 फिट चौड़ा और 4 फिट गहरा खड्डा खोद के तैयार करे इस तैयार खड्डों में अच्छे से सड़ी गोबर की खाद, नीम की फली, सुपर फास्फेट इन सभी को मिट्टी में अच्छे से मिला के इन खड्डों को भर दे और एक हल्की सिंचाई भी कर ले।
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लीची की उपज
लीची के पौधे मुख्य खेत में लगाने के बाद 10 से 20 साल में काफी बड़े हो जाते है। और इस एक लीची के पेड़ से लगभग 90 से 100 किलोग्राम फल प्राप्त होता है। लीची के फल की मांग बाजार में बहुत ही होती है इस लिया लीची का मार्टेक दाम 90 से 180 या इन से भी अधिक दाम मिल जाता है।
नमस्ते मेरे किसान बंधू एवं मित्रो आज के इस आर्टिकल में हमने आप को लीची खेती की संपूर्ण माहिती (Litchi Kheti Ki Sampurn Mahiti) बड़ी आसानी से बताई है।
यह आर्टिकल आप को लीची की खेती (Litchi Ki Kheti) करने के लिए बहुत ही हेल्प फूल होगा ऐसी उम्मीद हम रखते है और यह आर्टिकल आप को पसंद आया है तो आप अपने सगा सबंधी एवं मित्रो और किसान बंधू को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे
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