मटर एक सब्जी वर्गी फसल है जो हमारे देश के कई विस्तार में इन की खेती किसान करते है और अच्छी मात्रा में उत्पादन प्राप्त कर के अच्छा मुनाफा करते है। और अक्टूबर महीने में या नवंबर महीने में इन मटर की उन्नत किस्में की बुवाई करेंगे तो एक हेक्टर से तक़रीबन 90 से लेकर 100 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त होती है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की वे मटर की उन्नत किस्में कौन कौन सी है (Matar Ki Unnat Kisme Kon Konsi Hai) और इन की बुवाई कैसे करे ताकि किसान को अधिक पैदावार मिले और अच्छी कमाई हो शके।
![Matar Ki Unnat Kisme Kon Konsi Hai](https://ikhedutputra.com/wp-content/uploads/2023/10/matar-ki-unnat-kisme-kon-konsi-hai-1024x683.webp)
जब अक्टूबर महीना में या नवंबर महीने में किसान सोयाबीन, धान, मक्का, तिल आदि फसल की कटाई करते है और इस महीने में सरसो, चने, गेहूं, मटर, जीरा आदि फसल की बुवाई करते है। इस समय मटर की यह उन्नत किस्में के बीज की बुवाई किसान कर के अच्छी कमाई कर शकता है। और इन की बुवाई भी बड़े पैमाने में किसान करते है।
मटर की मांग साल भर बाज़ार में रहती है। इसी लिए इन की खेती से किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर शकता है। पर मटर की खेती से अधिक उत्पादन और अच्छा मुनाफा प्राप्त करने के लिए किसान को यह भी जानकारी होनी बेहद जरुरी है की इन की खेती कैसे करे और उन्नत किस्में के बीज कौन कौन से है। यह जानकारी बहुत सारे किसान भाई को नहीं होती है इस लिए उत्पादन भी कम मिलता है। तो आई ए जानते है मटर की प्रसिद्ध वैराइटी और इन की उत्पादन क्षमता के बारे में।
मटर की फसल में ध्यान देनेवाली बाते
मटर की खेती आम तो सभी प्रकार की मिट्टी में कर शकते है पर पौधे की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन के लिए गहरी दोमट मिट्टी सब से अच्छी मानी जाती है। और जमीन के पी.एच 6 से 7.5 के बिच होना बेहद जरुरी है।
मटर की फसल समशीतोष्ण जलवायु में अच्छा विकास होता है। इन के पौधे ठंड जलवायु में वृद्धि करता है और शर्दी के मौसम में पड़ने वाला पाला भी सहजता से सहन कर शकता है।
मटर की फसल में तापमान की बात करे तो न्यूतम तापमान 5°C तक का और अधिकतम तापमान 25°C तक का अच्छा माना जाता है इन के अधिक तापमान इन की फसल को नुकशान पंहुचा शकता है।
तैयारी में दो से तीन बार अच्छे से हल की मदद से गहरी जुताई करे और जमीन को भुरभुरी कर के आखरी जुताई से पहले अच्छे से सड़ी गोबर की खाद डाले और मिट्टी में अच्छे से मिला दे बाद में पाटा चला के जमीन को समतल करे।
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मटर की उन्नत और अधिक उत्पादन देने वाली किस्में कौन कौन सी है?
अर्ली बैजर : मटर की यह उन्नत वैराइटी के बीज बुवाई के बाद 60 से 70 दिन बाद हरे फलियों की तुड़ाई कर शकते है। इस उन्नत किस्में की बुवाई किसान ने एक हैक्टर जमीन में की है तो तक़रीबन 90 से लेकर 100 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
बोनविले : मटर की इस उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद 65 से 70 दिन बाद हरे मटर की फलियों की तुड़ाई कर शकते है। इस वैराइटी की खेती किसान ने एक हैक्टर में की है तो 100 से लेकर 115 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
विवेक मटर 8 : मटर की यह भी उन्नत किस्में है जो अधिक उत्पादन के लिए जनि जाती है। इन ी फसल किसान ने एक हेक्टर जमीन में की है तो 70 से लेकर 80 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
मालवीय मटर : मटर की यह उन्नत किस्में की बुवाई हमारे देश के पूर्वी इलाके में बहुत की जाती है। और इस किस्में के बीज बुवाई के बाद तक़रीबन 115 से 120 दिन बाद फलियों की तुड़ाई कर शकते है। इन का उत्पादन की बात करे तो एक हैक्टर से 25 से 30 क्विंटल तक प्राप्त होता है।
पंजाब 89 : मटर की यह उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद 80 से 90 दिन बाद फलियों की तुड़ाई कर शकते है और एक हेक्टर में इन किस्में की फसल से 55 से लेकर 60 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
पंत 157 : मटर की यह भी किस्में के बीज बुवाई क बाद 120 से 125 दिन बाद फलियों की तुड़ाई कर शकते है। और इन की फसल एक हैक्टर जमीन में किसान ने की है तो तक़रीबन 65 से 70 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
![Matar Ki Kheti In Hindi](https://ikhedutputra.com/wp-content/uploads/2023/10/Matar-Ki-Kheti-In-Hindi-1024x683.webp)
मटर की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग एवं कीट
मटर की फसल में जब पौधे अच्छे से वृद्धि करते है और पौधे पर फूल, और फूल में से फलिया बनने लगते है तब कई रोग एवं कीट अटैक करते है। पर जब कोई रोग या कीट का अटैक दिखाई दे तब योग्य दवाई का छिड़काव कर के इन ग्रसित पौधे को मुक्त करना चाही। नहीं तो किसान को बहुत नुकशान भुगतना पड़ता है।
मटर की फसल में इस प्रकार के रोग एवं कीट ज्यादातर दिखाई देते है। जैसे की रतुआ, चूर्णी फफूंदी, तुलासिता, चेपा, फली छेदक रोग, जीवाणु झुलसा रोग, उकठा (विल्ट) इन सभी रोग एवं कीट का सही समय और योग्य दवाई से नियंत्रण करे।
मटर की सफल से उत्पादन और लाभ
मटर की फसल में विविध उन्नत किस्में उत्पादन भी अलग अलग होता है कई किस्में का उत्पादन अधिक होता है तो कई उन्नत किस्में के मटर का कम होता है। और मटर के सूखे बीज प्राप्त करने के लिए इन के पौधे को ज़मीन से काट लिया जाता है बाद में धुप में दो से तीन दिन तक सूखने के लिए रखा जाता है। और इन पौधे और फलियों से दाने को अलग़ करने के लिए आप यंत का उपयोग कर शकते है। और सूखा मटर एक हैक्टर में से 20 से 25 क्विंटल तक का प्राप्त होता है। इन का बजरी भाव अच्छा होने से एक हैक्टर में से तक़रीबन 60 से 70 हजार रुपए की कमाई कर शकता है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को मटर की उन्नत किस्में कौन कौन सी है (Matar Ki Unnat Kisme Kon Konsi Hai) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को मटर की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
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