अगर किसान कम समय और कम लागत में अच्छी कमाई कर के लखपति बनना चाहते है तो यह किसान का सपना साकार हो सकता है। आज के इस आर्टिकल में हम आप को परवल की बुवाई कौन से महीने में होती है (Parwal Ki Buvai Kon Se Mahine Me Hoti Hai) इन के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी।
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किसान इस खास फसल की खेती करना शुरू करदे इन की खेती अच्छे से करे तो किसान को अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जी प्राप्त कर सकते है और इन को बाजार या मार्केट में अधिक दाम पर बेचकर बंपर कमाई के साथ अधिक मुनाफा कर सकते है और साथ साथ अपना सपनो को भी पूरा कर सकते है।
इन की सब्जी में पोष्टिक गुण अधिक पाई जाते है। इन की सब्जी खाने से मानव शरीर को बहुत सारे लाभ होते है। और कई सारे रोग और बीमारी के इलाज और खतरे से बचाव कर सकते है। आज के इस आर्टिकल हम जानेंगे की वे कोन सी सब्जी है और इन की खेती केसे करे ताकि अपने सोए हुआ किस्मत चमका सकते है। और अधिक मुनाफा कर के अपने सपनो को साकार कर कहते है।
हम जिस सब्जी वर्गी फसल की बात कर रहे है इन फसल का नाम है परवल की खेती। यह एक ऐसी सब्जी वर्गी फसल है की इन की खेती करने से किसान को बहुत कम लागत होगी और कम समय में अच्छी कमाई कर सकते है।
परवल की बुवाई कौन से महीने में होती है
परवल की खेती करने के लिए आप को जैविक तकनीक से जो जमीन तैयार की गई है इन की जरूरत होगी और परवल की खेती का सही और उच्चित समय जून महीना या अगस्त महीना इन के अलावा अक्टूबर से नवंबर महीना सब से अच्छा माना जाता है।
परवल की खेती (Parwal Ki Kheti) इन महीने में करने से इन की फसल अच्छे से वृद्धि करती है और अधिक मात्रा में और अच्छे गुणवाता वाले फल प्राप्त होता हैं। इस लिया मार्केट में इन का दाम भी अधिक मिलता है और मुनाफा भी बंपर होता है।
परवल की खेती आम तो सभी प्रकार की मिट्टी में कर शकते है पर अधिक उपज के लिए इन की खेती बलुई दोमट मिट्टी में करनी चाहिए। और जमीन की पी.एच मान सामान्य होना चाहिए।
परवल की अच्छी उपज के लिए आद्र और गर्म जलवायु की जरुरत होती है। इन की खेती को सर्दी का मौसम में पड़ने वाला पला हानि पंहुचा शकता है। और तापमान की बात करे तो न्यूतम तापमान 20℃ से 25℃ तक का अच्छा माना जाता है और इन से अधिक तापमान पड़ने पर नुकशान होता है।
परवल की अधिक उपज देने वाली कई सारि उन्नत किस्में है। जैसे की काशी अलंकार, सोनपुरा, संतोखबा, स्वर्ण अलौकिक, नरेंद्र परवल 260, तिरकोलबा, सफेदा, सोनपुरा, संतोखबा, इन से भी कई सारी उन्नत किस्में है जो अधिक उपज और उत्तम फसल देने वाली है।
यह उन्नत किस्में की बुवाई दो प्रकार से कर शक्ति है एक समतल जमीन में और मेड तैयार कर के समतल जमीन में 4 से 5 मीटर की दुरी रखे और मेड पर बुवाई करनी है तो कम से कम 1 मीटर की दुरी रखे।
परवल की खेती में अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है पर पौधे रोपाई के बाद एक सिंचाई जरुर करे बाद में 8 से 10 दिन बाद सिंचाई करते रहे और गर्मी के मौसम में नमी बनी रहे इस लिए जरूरियात मुजब सिंचाई करनी चाहिए।
परवल की खेती में जब फूल फल दिखाई दे तब कई सारे रोग और कीट अटैक करते है इन का सही वक्त पर योग्य दवाई का छिड़काव कर के नियंत्रण करना होगा नहीं तो उत्पादन में बहुत गिरावट देखने को मिलेगी और किसान को इन का नुकशान भुगतना पड़ेगा। परवल की खेती में लाल फल सड़न रोग, जड़ गलन, भृंग कीट रोग, फल मक्खी रोग, चूर्णिल आसिता रोग, आदि रोग और कीट अटैक करते है।
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परवल का उत्पादन और फायदे
परवल का इस्तेमाल विविध रूप से करते है। जैसे की मिठाई में अचार बनाने में सब्जी बनाने के लिए इन की सब्जी सेहाद के लिया बहुत लाभदायक है। इन के अलावा इन के फल में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, और मानव शरीर को उपयोगी कई पोषक तत्व अच्छी मात्रा में मौजूद होते है।
इन सभी काम में और अच्छी मात्रा में गुण होने की बजे से बाजार में इन की मांग और भी काफी बढ़ जाती है। बढ़ती मांग होने की बजे से इन के बाजारी दाम अच्छा मिलता है। यह परवल की बाजारी दाम एक क्विंटल के 3800 से लेकर 4500 रुपिए तक की होती है। इसी लिया तो हम बता रहे है की इन की खेती कर के किसान अपनी अच्छी कमाई कर सकते है।
आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को परवल की बुवाई कौन से महीने में होती है (Parwal Ki Buvai Kon Se Mahine Me Hoti Hai) इन के बारे में बहुत कुछ बताया है।
यह आर्टिकल आप को परवल की फार्मिंग (Parwal Ki Farming) के लिए बहुत ही उपयोगी होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है और इस आर्टिकल को आप ज्यादा से ज्यादा अपने मित्रो और किसान बंधू को शेयर करे।
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