सरसों की खेती कैसे करें (Sarson Ki kheti Kaise Karen) : सरसों की खेती हमारे देश के कई राज्य में किसान बड़े पैमाने पर करते है जैसे की पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उतर प्रदेश, झारखंड, असम, आदि राज्य में सरसों की खेती किसान भाई करते है और अधिक उत्पादन प्राप्त कर के अच्छी कमाई भी करते है।
सरसों का इस्तेमाल अधिकतम तेल बनाने के लिए किया जाता है। और कई लोग तो इन के पत्तो की सब्जी भी बने ते है इन के आलावा सरसों की खली भी बनती है जो दुधारू पशुओ को चारे के रूप में खिलाया जाता है ताकि दूध का उत्पादन भी बढ़ता है। हाल के समय में सरसों भूरी, राया, पीली, और तोरिया इन सब की बुवाई की जाती है। इन में से अधिक बुवाई वर्तमान समय में तोरिया सरसों की की जाती है जो कम समय में अच्छे से पक के अधिक उत्पादन देती है।
सरसों की खेती कैसे करें (Sarson Ki kheti Kaise Karen)
सरसों की खेती (Mustard Farming) ठंड के मौसम में सरसों की खेती करना सब से अधिक उपयुक्त माना जाता है। सरसों की फसल के लिए 15℃ से 25℃ तक का तापमान सब से अच्छा माना जाता है। और सरसों की खेती आप सभी प्रकार की मिट्टी में बड़ी आसानी से कर शकते है इन में से बलुई दोमट मिट्टी सरसों की खेती के लिए सब से अच्छी मानी जाती है।
सरसों की खेती करने के लिए किसान को हर साल बीज खरीदने की जरूरत नहीं है। क्यों की सरसों के बीज भी बहुत महंगे होते है। इस लिए सलाह दी जाती है की अगर आप ने पिछले साल भी सरसों की खेती की है और अच्छा उत्पादन प्राप्त हुआ है तो आप इस उत्पादन से ही बिजाई के लिए कुछ बीज रख शकते है और समय आते ही इन बीज की बुवाई मुख्य खेत में कर शकते है।
सरसों की खेती कब की जाती है?
सरसों की खेती अगर किसान एक हैक्टर जमीन में करना चाहता है तो आप को एक हैक्टर जमीन के लिए 4 से 5 किलोग्राम बीज की जरूरत होगी और सरसों की खेती सितंबर महीने से अक्टूबर महीने के बिच कर देनी चाहिए।
सरसों की खेती करने से पहले खेत तैयारी
सरसों के बीज की बुवाई करने से पहले और आखरी जुताई के साथ आप दीमक और चितकबरा और कुछ कीटों के नियंत्रण के लिए क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम एक हैक्टर के हिसाब से इस्तेमाल करें। और सरसों की फसल से अधिक उत्पादन के लिए आप अच्छे से सड़ी गोबर की खाद एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 ट्रॉली डालना है। इन के अलावा आप एजोटोबेक्टर 2 से 4 किलोग्राम तक डालना है।
सरसों की खेती करने के लिए आपको कोई खास जुताई करने की जरूरत नहीं है आप दो से तीन बार अच्छे से गहरी जुताई करें बाद में पट्टा चला के जमीन को समतल करें इन के बाद आप बीज की बुवाई कर शकते है। और सरसों की बुवाई आप कतार विधि से करें इन में कतार से कतार की दुरी 45 सैमी तक की और पौधे से पौधे की दुरी 20 सैमी तक की रखनी चाहिए। इन के अलावा आप सीडड्रिल मशीन का भी इस्तेमाल कर शकते है।
सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण करना बेहद है जरुरी
सरसों की फसल में बुवाई के बाद कई प्रकार के बीन जरुरी खास यानि के निदामन उग जाता है इन के लिए आप को सरसों के बीज बुवाई के बाद जब फसल तीन हप्ते की हो जाती है तब आप को एक निदाई गुड़ाई करनी है। और यह निदाई गुड़ाई खुरपी से करे तो सब से अच्छा है क्यों की रासायनिक दवाई का इस्तेमाल कर के आप निदाई गुड़ाई करते है तब यह दवाई जमीन की उत्पादन शक्ति कम करती है इस लिए आप जब भी सरसों की फसल में निदाई गुड़ाई करें तब खुरपी से करने का आग्रह रखे।
सरसों की फसल से उत्पादन और लाभ
सरसों की फसल में उत्पादन की बात करे तो यह आप की महेनत और बदलते मौसम, जलवायु पर निर्भर है। अगर सरसों की फसल में कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आती है और आप ने फसल की अच्छे से देखभाल की है और इस में समय सर सिंचाई और खरपतवार मुक्त राखी है तो सरसों की एक हैक्टर जमीन में से 25 से 30 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त हो शकता है। और इन को मार्केट में बेचकर आप बंपर कमाई के साथ अधिक मुनाफा भी प्राप्त कर शकते है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सरसों की खेती कैसे करें (Sarson Ki kheti Kaise Karen) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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