गन्ना की खेती कैसे करे (Sugarcane Farming) : गन्ना एक प्रमुख व्यवसायिक फसल है। प्रदेश में प्रमुख गन्ना उत्पादक जिले नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, बैतूल दतिया जिले हैं।भारत में वर्तमान में कुल गन्ना उत्पादन का लगभग 50% सिर्फ नरसिंहपुर जिले में है।जो वैज्ञानिक तकनीक व कुशल सस्य प्रबंधन के माध्यम से ही संभव है। साथ ही दिनो-दिन प्रदेश में सिंचाई क्षेत्रफल में वृद्वि के कारण नये गैर-परम्परागत क्षेत्रफलों में भी गन्ना की खेती की जा सकती है।
विश्व में गन्ने उत्पादन में ब्राजील प्रथम स्थान पर है। और इसके बाद दूसरा स्थान भारत का आता है। इसी तरह चीनी के उत्पादन में भी ब्राजील प्रथम स्थान पे है। और चीनी में भारत का दूसरा स्थान है। भारत में सभी राज्यों में गन्ने की खेती होती है। जैसे से की महाराष्ट, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, हरियाणा और राजस्थान ऐसे कई राज्यों में गन्ने की खेती होती है। भारत में गन्ने की खेती उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा होती है।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की गन्ने की खेती कैसे करे और गन्ने की खेती ऐसे करके किसान भाई आप ज्यादा उत्पादन मिलता है। गन्ने की खेती के बारे में यह सब जानने के लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे।
गन्ने की उत्तम मिट्टी का चुनाव
गन्ने के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी सर्वोत्तम मणि मानी जाती है। ग्रीष्म के मौसम में मिट्टी पलटने वाले हल सें दो बार जुताई करें। और अक्टूबर महीने के प्रथम सप्ताह में रोटावेटर से जुताई कर मिट्टी भुरभुरी कर लें और पाटा चलाकर समतल कर लीजिए। रिजर की सहायता से 3 फुट की दूरी पर नालियां बना लें। परंतु वसंतु ऋतु में लगाये जाने वाले गन्ने के लिए नालियों का अंतर 2 से 3 फुट रखें। अंतिम बखरनी के समय भूमि को लिंडेन 2% पूर्ण 10 किलो प्रति एकड़ से उपचारित अवश्य करें।
गन्ने बोने का सही समय
गन्ने की खेती (sugarcane farming) करने से पहले इसका सही समय जान लेना बेहद है। अच्छा उत्पादन लेने के लिए गन्ने बोने का सही समय अक्टूबर से लेकर नवम्बर और फरवरी से लेकर मार्च तक का समय होता यही।
गन्ने की खेती के लिए तापमान
किसान भाई गन्ने की खेती के लिए तापमान 30℃ सेल्सियस से लेकर 40℃ सेल्सियस तक का तापमान की जरुरत पड़ती है। जब वातावरण शुष्क हो तब गन्ना बोना चाहिए। और गन्ने की खेती सभी मिट्टी में की जा सकती है। लेकि दोमट मिट्टी चर्वोतम मणि जाती है।
गन्ने की अच्छी वैरायटी
किसान भाई जिस वैरायटी की हम बात करने वाले है, यह वैरायटी आपको अधिक उत्पादन देने वाली है। इसलिए आप गन्ने की खेती करना चाहते है तो आप इसी वैरायटी का चुनाव करे। जैसे की COVC-99463, COLK-99463, COPB-94, COLK 15201 और CO 11015 यह गन्ने की सभी वैरायटी बहुत ज्यादा उत्पादन देने वाली है।
COVC-99463 गन्ने : यह गन्ने की वैरायटी कर्णाटक के सबसे ज्यादा बोये जाती है। उपज की बात करे तो 90 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टर मिलता है। ए गन्ने से गुड़ उत्तम बनता है। इसलिए यह वैरायटी की मांग पुरे भारत में बहुत ज्यादा रहती है।
COLK-99463 : यह वैरायटी हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, और झारखंड में सबसे ज्यादा बोये जाती है। यह वैरायटी को पानी की सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है। उपज की बात करे तो 80 से 95 क्विंटल प्रति हेक्टर होती है। इसमें रोग भी काम आते है।
COPB-94 : यह गन्ने की वैरायटी उत्तर भारत में सबसे ज्यादा बोये जाती है। इस वैरायटी को पानी की जरुरत बहुत ज्यादा पड़ती है। यह गन्ने वैरायटी पंजाब में सबसे ज्यादा बोई जाती है। इस वैरायटी का उत्पादन 100 से 110 टन प्रति हेक्टर होता है।
गन्ने का बीज उपचार
किसान भाई कम से कम 8 से 9 महीने के गन्ने का ही बीज में उपयोग करे। जिस गन्ने का उपयोग करने वाले है वह गन्ने में कोई रोग या कोई दूसरी बीमारिया न हो वही गन्ने का उपयोग करे। जिस गन्ने में अंकुरण निकले हो वह गन्ना उपयोग में लाना नहीं चाहिए।
किसान भाई 250 ग्राम या कार्बनडाईजिम 100 ग्राम क्लोरोपयरीफास 300 मिली और 100 लीटर पानी में घोल बनाकर बीज के टुकडो को 10 मिनिट तक घोल में डूबाकर उपचारित करे।
गन्ने बुवाई का अंतर
किसान भाई गन्ने की बुवाई में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 80 सेमी से लेकर 90 सेमी तक रखी जाती है। और गन्ने टुकड़ा 90 सेमी रखे। गन्ने के बुवाई के लिए 15,000 से लेकर 25,000 टुकड़े प्रति हेक्टर की जरुरत पड़ती है। गन्ने से गन्ने की दुरी 60 सेमि से 70 सेमि रखनी चाहिए।
गन्ने की बुवाई की विधि
किसान भाई उत्तर भारत में गन्ने की बुवाई समतल और नाली विधि से की जाती है। समतल विधि में 90 सेमी की दूरी पर 7 से 10 सेंमी गहरे देशी हल से नाली बनाएं और कूँड़ों में गन्ने के छोटे छोटे टुकड़े जमीन में डाल दे। नाली विधि में 90 सेमी की दूरी पर 45 सेमी चौड़ी, 15 से 20 सेंमी गहरी नाली बना ली जाती है। बुवाई के समय कूँड़ में पहले उर्वरक डालें उसके ऊपर गन्ने के बीज की बुवाई करें।
गन्ने की खेती में खाद प्रबंधन
गन्ने की खेती में खाद की बात करे तो बुवाई से पहले प्रति हेक्टर में 3 से 5 ट्राली देशी सड़ी हुई खाद डाले। और उसके बाद जब गन्ने में अंकुरण निकले तब प्रति हेक्टर में 80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 35 किलोग्राम फोस्फरस, 30 किलोग्राम पोटैशियम, 35 किलोग्राम कैल्शियम, 15 किलोग्राम सल्फर और 10 किलोग्राम सल्फेट अपने खेत में डाल दे।
गन्ने की खेती में सिंचाई
गन्ने की बुवाई से पहले हलाकि सी सिंचाई करे। उसके बाद 20 से 25 दी बाद फिरसे एक सिंचाई करे। उसके बाद ऐसे ही पाने देते रहे। सूखी पत्ती बिछाकर नमी को सुरक्षित रखना उपज के दृष्टिकोण से लाभप्रद पाया गया है।
गन्ने की कटाई
किसान भाई कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गन्ने की कटाई तब करनी चाहिए, जब गन्ने की पत्तियां पीली हो जाए। मुख्य फसल को फरवरी और मार्च में काटे फरवरी पूर्व कटाई करने से मार्केट में इसका दाम अच्छा मिलता है। कटाई करते समय गन्ने को जमीन की सतह के करीब से कटा जाना चाहिए।
गन्ने की खेती में कमाई कितनी
किसान भाई एक हेक्टर में सालाना 12 से 13 लाख रुपये की कमाई होती है। लेकिन किसान भाई कमाई आपके ऊपर निर्भय रहता है। इसलिए जैसी आप खेती करते है उस पर आधार रखता है। इसलिए आपको खेती अच्छे से करनी होगी बाद में आपको अच्छी कमाई मिलेगी।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को गन्ने की की खेती (sugarcane farming) के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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