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तोरई की हाइब्रिड वैरायटी (Turai Ki hybrid variety) : अगर आप भी एक किसान है और तोरई की खेती करना चाहते यह आर्टिकल आप को तोरई की खेती करने के लिए काफी मददगार साबित होने वाला है। आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम तोरई की बेस्ट 6 हाइब्रिड वैरायटी जो बंपर उत्पादन के लिए और अधिक लोकप्रिय है इन के बारे में बहुत कुछ जानंगे।
हमारे कई किसान बंधू तोरई की खेती करते है और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर के अच्छी कमाई भी करते है। इस कमाई की एक वजह यह भी है की इस तोरई की खेती बहुत कम किसान करते है। इस लिए इन का मार्किट रेट (भाव) भी अधिक रहता है। और यह भी जानलो की जीस की मांग मार्किट में अधिक है इस का भाव अच्छा ही मिलेगा।
तोरई की बेस्ट 6 हाइब्रिड वैरायटी जो बंपर उत्पादन के लिए जानी जाती है।
तोरई की आम तो हमारे देश भारत में विविध राज्यों में कई सारी उन्नत किस्में है। इन में से कुछ किस्में का नाम कुछ इस प्रकार से है और यह सभी हाइब्रिड वैरायटी काफी लोकप्रिय भी है। जेस की आरती (VNR), नामधारी (NS 474), Ankur (Latika), माहिको (पल्लवी), IRIS (MAX 001), गोल्डन सीड्स (अनीता) इन से भी कई उन्नत किस्में तोरई की है।
VNR (आरती) : तोरई की इस वैरायटी के बीज की चौबाई करने के बाद तक़रीबन 45 से 55 दिन बाद पहेली तुड़ाई के लिए तोरई तैयार हो जाती है। इन का वजन 200 से लेकर 230 ग्राम तक का होता है। इन का रंग हरा और ऊपरी हिच्चे पर धारिया होती है। और जो इन की लंबाई की बात करे तो 25 से 35 सैमी तक की होती है।
नामधारी(NS 474) : तोरई की यह वेरायटी नामधारी सीड्स ने तैयार की है। इन के बीज चौबाई के बाद 40 से 50 दिन में पहेली तुड़ाई कर शकते है। इन का रंग हरा और ऊपरी छिलका धरीदार होती है। इस तोरई की लंबाई तक़रीबन 35 से लेकर 45 सैमी तक की होती है। और जो वनज होता है वे 230 से 250 ग्राम तक का होता है।
Ankur (Latika) : अंकुर की यह तोरई की उन्नत वेरायटी है जो काफी लोकप्रिय है। और अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। इन के बीज की चौबाई करने के बाद 40 से 50 दिन में पहेली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इन का रंग भी गहरा हरा होता है। और ऊपरी हिच्चे में धरी होती है। इन के एक तोरई का वजन 240 से 260 ग्राम तक का होता है।
माहिको (पल्लवी) : तोरई की यह हाइब्रिड वैरायटी महिको ने तैयारी की गई है। इन के बीज की चौबाई करने के बाद 40 से 50 दिन में पहेली तुड़ाई कर शकते है। इन का रंग हरा और ऊपरी छिलका धारीदार होता है। इन के एक तोरई का वजन 180 से 200 ग्राम तक का होता है। और लंबाई की बात करे तो 45 से 50 सैमी तक का होता है।
IRIS (MAX 001) : तोरई की यह उन्नत किस्में को आईरिस ने तैयार किया है। इन के बीज चौबाई के बाद 40 से लेकर 50 दिन में पहेली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इन के एक तोरई का वजन 220 से लेकर 250 ग्राम तक का होता है। इन के कलर की बार करे तो हल्का हरा होता है। और लंबाई 30 से 40 सैमी तक की होती है।
गोल्डन सीड्स (अनीता) : तोरई की उन्नत किस्म को गोल्डन सीड्स ने तैयार की है। तोरई की इस वैरायटी के बीज की रोपाई करने के बाद 50 से लेकर 55 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। और इन का रंग आकर्षित और चमकदार हरा होता है। एक तोरई का वजन 200 से लेकर 235 ग्राम तक का होता है। इन की लंबाई तक़रीबन 35 से 45 सैमी तक की होती है।
तोरई की यह सभी उन्नत किस्में अधिक उत्पादन और अधिक लोकप्रिय है जो काफी तगड़ा उत्पादन देने के लिए जनि जाती है और कई किसान इन की खेती भी करते है और अच्छा उत्पादन के साथ बंपर कमाई कर के मुनाफा भी प्राप्त करते है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को तोरई की हाइब्रिड वैरायटी (Turai Ki hybrid variety) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
इन सब की मदद से किसान खेतीबाड़ी से अच्छी इनकम कर सकता है। इस लिया आप हमारी यह वेबसाईट आईखेडूतपुत्रा को सब्सक्राब करे ताकि आप को अपने मोबाईल में रोजाना नई आर्टिकल की नोटिफिकेशन मिलती रहे। इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।