अरहर (तुअर) की फसल से अधिक उपज के लिए इस प्रकार खेती करे 

अरहर (तुअर) की खेती मुख्य तवे दाल बनाने के लिए की जाती है, और अरहर की दाल में प्रोटीन अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। 

# 7 

अरहर की खेती जीवांश युक्त बलुई दोमट मिट्टी में और दोमट मिट्टी में अच्छे से वृद्धि करती है और अच्छी उपज भी देती है। 

# 6 

अरहर के पौधे नम तथा शुष्क जलवायु वाले होते है, अरहर के पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए नम जलवायु की जरूरत होती है

# 5 

अरहर की खेत तैयारी में दो से तीन बार गहरी जुताई के बाद 13 से 15 टन सड़ी गोबर की खाद अच्छे से मिट्टी में मिला देनी चाहिए।  

# 4 

अरहर की उन्नत किस्मे जैसे की उपास 120, पूसा 855, जवाहर अरहर 4, बहार, आईसीपीएच 8, डब्लूबी 20 इन के अलावा भी कई साडी है। 

# 3 

अरहर के बीज की बुवाई जून से लेकर जुलाई तक कर शकते है, अरहर की विविध प्रजाति के बीज विविध समय पर पक के तैयार हो जाते है। 

# 2 

अरहर की खेती की अध्क जानकारी के लिए यह क्लिंक करे 

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