कम सिंचाई में भी रागी की खेती कर के अच्छी कमाई कर शकते है।

रागी एक अनाज की फसल है, रागी को अफ्रीकन रागी, लाल बाजार, फिंगर बाजार, आदि नाम से जाना जाता है।

# 7 

रागी की खेती बलुई दोमट मिट्टी, काली मिट्टी, जैविक तत्व वाली, और कार्बनिक पदार्थ वाली, आदि मिट्टी में उगाया जाता है।

# 6 

रागी की खेती शुष्क जलवायु और आद्र शुष्क जलवायु में अच्छे से विकास करती है और अधिक उत्पादन भी मिलता है।

# 5 

रागी की उन्नत किस्में की बुवाई करनी चाहिए केसे की जे.एन.आर 852, चिलिका, जी.पी.यू 45, आदि किस्में है।

# 4 

रागी की फसल में गोबर की खाद एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 टन डालनी चाहिए ताकि उपज बहुत ज्यादा मिले।

# 3 

रागी की फसल की बुवाई मई महीने से लेकर जून महीने के बीच में कर देनी चाहिए, कई विस्तार में जून के बाद भी बुवाई करते है।

# 2 

रागी की खेती में इस प्रकार के रोग एवं कीट भी अटैक करते है जैसे की भुराड़ रोग, चेपा, जड़ सड़न, बालियों का कीट आदि है।

# 1