पपीता की खेती इस
तकनीक
से करे और अधिक पैदावार प्राप्त करे।
पपीता खाने में स्वादिष्ट और
पाचन का सुधार
करता है, शरीर में लगे
घाव
को ठीक करता है,
वजन
कम एवं
त्वचा
निखरता है।
# 7
पपीता के पौधे किसी भी उपजाव मिट्टी में अच्छे से वृद्धि करते है, इन की खेती
बलुई दोमट मिट्टी
में अच्छे से विकास होता है।
# 6
पपीता एक उष्णकटिबंधीय और
गर्म
एवं
आद्र जलवायु
में अच्छे से विकास होती है, इन को
20°C
से
32°C
तक का तापमान अनुकूल आता है।
# 5
इन की खेत तैयारी में दो से तीन बार गहरी जुताई करनी चाहिए, बाद में एक हैक्टर में
13
से
15 टन
सड़ी
गोबर
की खाद डालनी चाहिए।
# 4
पपीता के पौधे
पॉलिथीन
में तैयार किया जाता है, इन पौधों को पॉलिथीन से निकल के मुख्य खेत में खड्डों में रोपाई करते है।
# 3
पपीता के पौधे पर जब फल आने लगे तब कई पारकर के
रोग
एवं
कीट
अटैक करते है, तब योग्य दवाई का छिड़काव करना चहिए।
# 2
पपीता के पौधे रोपाई के बाद
9
से
10
महीने में फल देते है, पपीता का फल
हरे रंग
के होते है बाद में पक जाने पर
पीले रंग
के हो जाते है।
# 1
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