रास्पबेरी की खेती कर के किसान अच्छी कमाई कर शकते है।

रसभरी में कई पोषक तत्व पाए जाते है जो मानव शरीर के लिए हेल्थफुल है, जैसे की विटामिन सी, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटेशियम, आदि पोषक तत्व पाए जाते है।

# 7 

रसभरी की फसल बलुई दोमट मिट्टी में अच्छे से विक्षीत होती है, और इस जमीन की पी.एच मान 6 से 7.5 के बीचका होना चाहिए।

# 6 

रसभरी की खेती समषीतोष्ण जलवायु में अच्छे से विकास करती है, और तापमान 14°C से 25°C तक का अच्छा माना जाता है।

# 5 

रसभरी की खेत तैयारी में जून महीने में दो से तीन बार गहरी जुताई कर लेनी चाहिए, बाद में पाटा चलाके भूमि को समतल कर लेना चाहिए।

# 4 

रसभरी की खेती जून से जुलाई महीने में किसान करते है,आम तो पॉलीहाउस में पूरे साल भर के किसी भी महीने में कर शकते है, 

# 3 

रसभरी के पौधे नर्सरी में से खरीद के मुख्य खेत में ऊंचे मैड पर या जमीन से ऊंचे 10 से 15 सैमी ऊंचाई पर करनी चाहिए।

# 2 

रसभरी के फल जनवरी महीने में पक के तैयार हो जाते है, बाद में इने अच्छे से पैकिंग कर के मार्केट में बेचने के लिए भेज शकते है।

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