अगर किसान को लौकी की खेती से अधिक कमाई करनी है तो रखे इन बातो का ख्याल

लौकी का उपयोग सब्जी बनाने में और हलवा जैसी मिठाई बनाने में किया जाता है, यह पेट की कई बीमारी में लाभदायक है।

# 7 

मिट्टी की आवश्कता : लौकी की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए अच्छी दोमट मिट्टी में इन के हाइब्रिड बीज की बुवाई करनी चाहिए।

# 6 

जलवायु : लौकी की खेती को समशीतोष्ण जलवायु की जरूरत होती है, पर ठंड के मौसम में पड़ने वाला पाला इन की पैदावार को प्रभावित करते है।

# 5 

तापमान : लौकी के बीज को अंकुरित होने के लिए सामान्य तापमान की आवश्कता होती है पर फल की अच्छी विकास के लिए 30°C से 35°C तक का होना चाहिए

# 4 

लौकी की उन्नत किस्में : हमारे कृषि वैज्ञानिको ने लौकी की पूसा संतुष्टि, अर्का बाहर, सम्राट, काशी बाहर आदि किस्में मौजूद हैं।

# 3 

बुवाई : लौकी के बीज को क्यारी में या तो मेड पहेले तैयार करे और बाद में बीज से बीज की दूरी दो से चार फिट की रखनी चाहिए।

# 2 

तुड़ाई और लाभ : लौकी के बीज की बुवाई के बाद 45 से 50 दिन में फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है, फल की तुड़ाई डंठल के साथ करे।

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