ikhedutputra ब्लॉग में आप सभी किशान भाईयो का तहे दिल से स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में भारत की बेस्ट 6 सोयाबीन की वैरायटी (Bharat Ki Top 6 Soybean Ki Varieties) के बारे में हम आज अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे।
सोयाबीन का खाद्य पदार्थ में एक प्रमुख स्थान है। सोयाबीन एक तिलहनी फसल में आती है। इन का वैज्ञानिक नाम (Glycine max) है। सोयाबीन का मूल निवास मध्य एशिया माना जाता है।
सोयाबीन की खेती आज के ज़माने में व्यापक रूप से की जाती है। सोयाबीन मुख्य तवे कई खाद्य में और इन में से तेल भी निकाला जाता है। सोयाबीन में अधिक मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है।
सोयाबीन में कई विटामिन और मिनरल भी पाए जाते है। जैसे की विटामिन बी 6, विटामिन ए, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, थाइमिन, कैल्शियम, ऊर्जा, आयरन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आदि पोषक तत्व पाए जाते है।
सोयाबीन का उपयोग हम आटा में दूध, टोफू, तेल, और सब्जी इन सब में सोयाबीन का उपयोग किया जाता है। इन के अलावा सोयाबीज के बीज खाने में धान के रूप में किया जाता है।
हमारे देश भारत में सोयाबीन फसल की बुवाई 20 जून से किसान शुरू कर देते है। सोयाबीन की खेती में अधिक उपज के लिए किसान को पता होना चाहिए की सोयाबीन की वैराइटी कौन कौन सी है।
आम तो सोयाबीन की कई सारी वैराइटी है पर सोयाबीन की बंपर पैदावार के लिए हमारे देश भारत में बेस्ट 6 सोयाबीन की वैरायटी (Bharat Ki Top 6 Soybean Ki Varieties) की बात हम करेंगे।
इन सभी उन्नत किस्मे की जानकारी किसान भाई को होनी बेहद जरुरी है ताकि इन किस्मे की बुवाई कर के किसान अधिक उपज प्राप्त कर शेक और अधिक कमाई भी कर शके।
भारत में सोयाबीन की फसल की बुवाई महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, गुजरात आदि राज्य में की जाती है। पुरे भारत के मध्य प्रदेश राज्य में 48% सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है।
भारत में महाराष्ट्र राज्य में भी 45% का उत्पादन किया जाता है। पर विश्व भर के देशो में भारत सोयाबीन उत्पादन में चौथे नंबर पर है। और भारत में सालाना 13 मिलियन टन तक का उत्पादन होता है।
भारत की बेस्ट 6 सोयाबीन की वैरायटी
भारत में सोयाबी की कई सारी वैराइटी है पर आज हम बात करेंगे सोयाबीन की अधिक उपज देने वाली बेस्ट 6 सोयाबीन की वैराइटी की MACS 1407, JS 2034, JS 2069, BS 6124, KDS 726, RKS 45, आदि है।
MACS 1407 : सोयाबीन की एमएसीएस 1407 वैराइटी की बुवाई ज्यादातर असम, छत्तीसगढ़, बंगाल, इन राज्य में की जाती है और अधिक उपज भी किसान प्राप्त करते है।
सोयाबीन की इन वैराइटी की बुवाई एक हैक्टर के करे तो लगभग 40 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त होती है। और इन वैराइटी में गर्डल बीटल, स्टेम फ्लाई, लीफ माइनर, व्हाइट फ्लाई, आदि कीट प्रतिरोधी वैराइटी है।
सोयाबीन की इन वैराइटी के तना बड़े होते है इन में लगने वाली फली बिखरती नहीं है। यह वैराइटी पूर्व तरीके से वर्षा पर आधार रखती है। इन वैराइटी की बुवाई 15 जून से 10 जुलाई तक की जाती है।
सोयाबीन की यह वैराइटी 90 से 110 दिन में पक के तैयार हो जाती है। इन सोयाबीन के दाने में लगभग 20% तेल और 45% प्रोटीन पाए जाता है
सोयाबीन की फुले संगम (केडीएस 726) वैराइटी
JS 2034 : सोयाबीन की इस वैराइटी की बुवाई 20 जून से लेकर 5 जुलाई तक कर शकते है। इस वैराइटी के दाने पीले रंग के और फूल का सफ़ेद रंग होता है।
इस वैराइटी के फलिया चपटी होती है, यह वैराइटी कम बारिश में भी अधिक पैदावार देती है। यह वैराइटी की बुवाई एक हैक्टर में की है तो 25 से 27 क्विंटल तक की उपज मिलती है।
सोयाबीन की इस वैराइटी 80 से 90 दिन में पक के तैयार हो जाती है और इस की बुवाई एक एकड़ में करे तो 30 से 35 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
सोयाबीन की (जेएस 2069) वैराइटी
JS 2069 : सोयाबीन की इस वैराइटी की बुवाई भी जून महीने में की जाती है। इस वैराइटी की बुवाई एक अकड़ में करे तो 35 से 40 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है।
सोयाबीन की इस वैराइटी की फसल एक हैक्टर में करे तो 23 से 27 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त होती है। सोयाबीन की यह वैराइटी 85 से 90 दिन में पक के तैयार हो जाती है।
सोयाबीन की (बीएस 6124) वैराइटी
BS 6124 : सोयाबीन की इस वैराइटी की बुवाई 10 जून से लेकर 30 जून तक किसान करते है। इस वैराइटी की बुवाई एक एकड़ में करे तो 34 से 40 किलोग्राम की आवश्यकता होती है।
सोयाबीन की इस वैराइटी के फूल बैंगनी रंग के होते है और पौधे का पाता भी लम्बा होता है। सोयाबीन की इस वैराइटी की एक हेक्टर में से 20 से 26 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त होती है।
सोयाबीन की यह वैराइटी 90 से 100 दिन में पक के तैयार हो जाती है।
सोयाबीन की फुले संगम (केडीएस 726) वैराइटी
संगम KDS 726 : सोयाबीन की इस वैराइटी के पौधे बड़े और मजबूत होते है। यह वैराइटी को महाराष्ट्र के महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया है।
सोयाबीन की यह वैराइटी के फली में तीन दाने दिखने को मिलेगा। इस वैराइटी के फली में दाने थोड़े मोटे होते है। दाने मोटे होने के करना वजन भी अधिक होता है।
सोयाबीन की यह वैराइटी की बुवाई महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, आदि राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है। यह वैराइटी 100 से 110 दिन में पक के तैयार हो जाती है।
सोयाबीन की यह वैराइटी की एक हैक्टर में से 37 से 40 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त होती है। इस वैराइटी में तेल की मात्रा 19% पा जाते है।
सोयाबीन की प्रताप सोया 45 (आरकेएस 45) वैराइटी
RKS 45 : सोयाबीन की यह वैराइटी के फूल सफ़ेद रंग के होते है और फली में दाने का रंग पीले होता है। इस वैराइटी के सोयाबीन की खेती अधिकतम राजस्थान विस्तार में की जाती है।
यह वैराइटी की बुवाई एक हैक्टर में करे तो 30 से 35 क्विंटल तक की उपज मिलती है और इन के दाने में प्रोटीन 20% होता है। और इस वैराइटी कम बारिश वाले विस्तार में भी अच्छी होती है।
सोयाबीन की यह वैराइटी बुवाई के बाद 90 से 100 दिन में पक के तैयार हो जाती है।
अन्य भी पढ़े
FAQ’s
सोयाबीन की कितनी प्रजातियां हैं?
सोयाबीन की हमारे देश भारत में कई सारी है जैसे की MACS 1407, JS 2034, JS 2069, BS 6124, KDS 726, RKS 45, इन के अलावा भी कई सारी किस्मे मौजूद है।
सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्म कौन सी है?
सोयाबीन की जल्दी पक के तैयार हो जाने वाली वैराइटी की बात करे तो JS 95 60 है और यह वैराइटी 80 से 85 दिन में पक के तैयार हो जाती है। इस वैराइटी के दाने पीले रंग के और फूल बैंगनी रंग के होते है।
सोयाबीन बोने का सही समय कौन सा है?
सोयाबीन बोने का सही समय जून महीना और जुलाई के पहेले सप्ताह में बोया जाता है।
सोयाबीन की 1 एकड़ में बुवाई करे तो बीज दार कितना होगा?
सोयाबीन की 1 एकड़ में बुवाई करे तो विविध वैराइटी का विविध बीज दर रहता है पर ज्यादा तो 35 से 40 किलोग्राम बीज दर रहता है।
सोयाबीन किस मिट्टी में उगाया जाता है?
सोयाबीन अधिक ऊपजाव मिट्टी में बलुई दोमट मिट्टी में उगाया जाता है उस मिट्टी में सोयाबीन की फसल की विकास अच्छी होती है और पैदावार भी ज्यादा मिलती है।
सारांश
नमस्ते किशान भाईयो इस आर्टिकल के माध्यम से आपको भारत की बेस्ट 6 सोयाबीन की वैरायटी (Bharat Ki Top 6 Soybean Ki Varieties) इन के बारे में बारीक़ से जानकारीमिली होगी।
सोयाबीन की उन्नत किस्मे कौन कौन सी है। इन के बारेमे भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा। सोयाबीन की खेती कब और कैसे की जाती है इन के बारे में भी बहुत कुछ बताया है।
सोयाबीन की खेती एक हेक्टर में करे तो उपज कितनी प्राप्त कर शकते है। इन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
सोयाबीन की खेती में ए आर्टिकल आप को बहुत हेल्पफुल होगा। उम्मीद रखते है की ए आर्टिकल आप को बहुत पसंद भी आया होगा। इस लिए ए आर्टिकल को अपने सबंधी एवं मित्रो और किशान भाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।
भारत की बेस्ट 6 सोयाबीन की वैरायटी (Bharat Ki Top 6 Soybean Ki Varieties) इन आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद