ikhedutputra ब्लॉग में आप सभी किशान भाईयो का दिल से स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम हाइब्रिड टमाटर की खेती (Haybrid Tamatar Ki Kheti) के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
टमाटर की खेती हमारे देश भारत में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश आदि राज्य में किसान बड़े पैमाने में टमाटर की खेती करते है।
टमाटर सब्जी के आलावा कई प्रकार से उपयोग में लिए जाता है जैसे की टमाटर के सॉस, सलाद, सुप, चटनी इस प्रकार टमाटर का उपयोग किया जाता है।
टमाटर की खेती एक सब्जी वर्गी फसल है। हम सब जानते है की टमाटर का उपयोग कई सब्जी में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। टमाटर को कई खाद पकवान में भी उपयोग में लेते है।
टमाटर की मांग सालभर मंडी में रहती है। इस लिए टमाटर के दाम भी अच्छे मिलते है और किसान को मुनाफा भी अधिक मिलता है। टमाटर की फसल में लागत कम है और मुनाफा अधिक है।
रोजाना खोराक में हम प्याज, आलू और टमाटर का उपयोग काफी हद तक करते है। टमाटर में कई विटामिन, एवं पोषक तत्व मौजूद होते है। टमाटर लाल, पीला, हरा, नारंगी, गुलाबी और भूरे रंग में पाया जाता है।
टमाटर में कई औषिधिक गुण भी पाए जाते है जैसे की विटामिन सी, ए, ई, के, मेग्नेशियम, कैल्शियम, पोटेशियम, फायबर, सोडियम, आयरन, फासफोर, कॉपर, जिंक, शुगर, फोलेट, आदि पोषक तत्व मौजूद होते है।
टमाटर कई रोग के दवाई में और कई रोग में रहत भी मिलती है। जैसे की लिवर के लिए, पाचन तंत्र को मजबूत रखने में ब्लड प्रेशर को नियंत्रण रखने में और कैंसर और डायबिटीज इन सब में भी टमाटर बहुत लाभदायक होता है।
टमाटर में इस प्रकार के विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते है वे मानव शरीर के लिए और मनुष्य के स्वास्थय के लिए बहुत लाभ दायक है। और शरीर को फिट और तंदुरस्त रखने में मददगार है।
टमाटर की खेती में आज के ज़माने में करने के लिए टमाटर की कई हाइब्रिड किस्मे है इन में से कई किस्मे तो बारहमासी टमाटर हे जो साल भर में किसी भी मौसम में बुवाई कर के अच्छा उत्पादन प्राप्त कर शकते है।
अगर टमाटर की खेती उन्नत किस्मे की करे तो उपज भी अधिक प्राप्त होती है और लगत भी कम लगती है। आज के इस आर्टिकल में हम टमाटर की उन्नत किस्मे के बारे में जानेगे।
टमाटर की खेती के बारे में आप के मन में जो भी सवाल है इन सभी सवाल के जवाब आप को इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएंगे। इस लिए आप को इस आर्टिकल के अंत तक बने रहना होगा।
हाइब्रिड टमाटर की खेती (Haybrid Tamatar Ki Kheti)
टमाटर की खेती हाइब्रिड किस्मे की करने से उत्पादन अधिक मिलता है और इन टमाटर के फल विशेष गुणवत्ता वाले होते है। इन टमाटर की किस्मे में रोग एवं कीट कम अटेक करते है।
टमाटर की इन वैराइटी में रोग प्रतिकारक शक्ति अधिक होती है और पैदावार ज्यादा प्राप्त कर शकते है और फल बड़े आकर के और स्वाद में बड़े मीठे होते है।
टमाटर की खेती के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त है?
टमाटर की खेती आम तो सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जाते है। पर टमाटर के पौधे की अधिक विकास और अच्छी पैदावार के लिए टमाटर की फसल दोमट मिट्टी में करनी चाहिए।
टमाटर की फसल रेतीली मिट्टी में और लाला मिट्टी में भी अच्छे से विकास करती है और उपज भी अधिक मिलती है। टमाटर की खेती जींस मिट्टी में करे उस मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 8.5 के बिचका होना चाहिए।
टमाटर की खेत तैयारी में एक से तीन बार गहरी जुताई करनी चाहिए बाद में पाटा चलाके जमीन को समतल कर लेना चाहिए ताकि पानी की जल भराव की समस्या टल जाए।
टमाटर की खेती में जल भराव से कई प्रकार के रोग एवं कीट अटेक करते है और टमाटर के पौधे रोग ग्रस्त हो जाते है और पौधे की विकास रुक जाती है और पैदावार भी कम प्राप्त होती है।
टमाटर की खेती दो प्रकार से कर शकते है एक तो पंक्ति में और बेड तैयार कर के कर शक्ति है।
टमाटर लगाने का तापमान कितना होना चाहिए?
टमाटर कीखेती सामान्य तापमान में अच्छे से विकास करती है। पर शर्दी के मौसम में पड़ने वाला पाला टमाटर के पौधे को बहुत नुकशान पहुंचाता है।
टमाटर की फसल 20°C से 32°C तक का तापमान में अच्छे से वृद्धि होती है पर जब इन से अधिक तापमान बढ़ जाता है तब बहुत नुकशान भी होता है।
टमाटर की फसल में जब तापमान 38°C से अधिक होता है तब टमाटर के फूल और फल दोनों जमीन पर गिरने लगते है और किसान को बहुत नुकशान होता है।
टमाटर की हाइब्रिड किस्मे
टमाटर की खेती में आज के ज़माने में टमाटर की कई साडी उन्नत किस्मे है जैसे की देशी टमाटर की किस्मे पूसा शीतल, अर्का विकास, पूसा रूबी, सोनाली, पूसा गौरव, अर्का सौरभ, आदि प्रमुख किस्मे है।
टमाटर की हाइब्रिड किस्मे के नाम कुछ इस प्रकार के है पूसा हाइब्रिड 1,पूसा हाइब्रिड 4, पूसा हाइब्रिड 2, अनिनाश 2, टमाटर की इन किस्मे की बुवाई करे और अच्छी पैदावार पाए।
पूसा शीतल : इस किस्मे की रोपाई ठंडे विस्तार में बहुत किसान करते है। इस किस्मे की उपज एक हेक्टर में से 360 क्विंटल तक की प्राप्त होती है। इस किस्मे की खेती ज्यादातर पहाड़ी विस्तार में की जाती है।
अर्का रक्षक : टमाटर की इस वैराइटी बहुत लोकप्रिय है। इस किस्मे के टमाटर के फल वजन में भारी और पैदावार भी अधिक मात्रा में मिलती है।
टमाटर की इन किस्मे में रोग प्रतिकारक शक्ति अधिक होती है इस लिए इन में रोग एवं कीट से लड़ने की क्षमता अन्य टमाटर की किस्मे से अधिक होती है।
स्वर्ण समृद्धि : इस किस्मे की बुवाई शर्दी के मौसम में और बारिश के मौसम में किसान करते है। इन किस्मे के पौधे खेत में लगाने के बाद 45 से 55 दिन में पैदावार देने के लिए तैयार हो जाता है।
इस किस्मे के फल लाल रंग के होते है और एक हेक्टर में 850 से 950 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर शकते है। यह किस्मे कम समय में अधिक उपज देती है।
टमाटर की खेती कब करे
टमाटर की खेती में टमाटर के पौधे की नर्सरी नवंबर महीने में की जाती है और इन पौधे को मुख्य खेत में जनवरी महीने में बुवाई कर शकते है।
टमाटर की खेती आप सितंबर महीने में करना है तो जुलाई महीने में इन के पौधे नर्सरी में तैयार हो जाना चाहिए। और अगस्त महीने में मुख्य खेत में बुवाई कर शकते है।
टमाटर की फसल मई और अप्रैल महीने में करनी है तो नर्सरी जुलाई करनी होगी।
टमाटर में कौन कौन सी खाद डाली जाती है?
टमाटर की फसल में खाद देना बेहद जरुरी है टमाटर के पौधे की अच्छी विकास के लिए और टमाटर के फल की अच्छी पैदावार के लिए खाद योग्य समय पर डालना चाहिए।
टमाटर की खेती में इस प्रकार के खाद डालना चाहिए जैसे की सड़ी गोबर की खाद एक हेक्टर में 13 से 15 टन और नाइट्रोजन 80 से 95 किलोग्राम, पोटाश 55 से 60 किलोग्राम और स्फूर 70 से 80 किलोग्राम देनी चाहिए।
टमाटर की खेती में इन के अलावा बोरोन भी योग्य मात्रा में दे शकते है। जब टमाटर के पौधे पर फूल और फल आने लगे तब योग्य मात्रा में सिंचाई भी करनी चाहिए।
टमाटर की खेती में जब एक बार टमाटर के फल की तुड़ाई हो जाए तब फिर से खाद देना चाहिए ताकि उपज बरकरार रहे और पौधे की विकास भी अच्छी बानी रहे।
टमाटर की फसल में लगाने वाला रोग
टमाटर की खेती में जब पौधे पर फूल एवं फल दिखाई देते है तब कई प्रकार के रोग अटेक करते है और साडी फसल को बर्बाद करते है। इन में ज्यादातर इस प्रकार के रोग एवं कीट अटेक करते है।
सफ़ेद मक्खी, हरा तेला, फल सड़क इली, पिछेती जलसा रोग, उकठा रोग, आद्र गलन रोग, इस प्रकार के रोग एवं कीट टमाटर की खेती में ज्यादा तर दिखाई देते है।
टमाटर की खेती में जब इन रोग एवं कीट का अटेक किखाई दे तब योग्य दवाई का छिड़काव करते और टमाटर के पौधे को इन रोग और कीट से मुक्त करना चाहिए।
टमाटर के फल की तुड़ाई
टमाटर की उन्नत किस्मे की बुवाई करने से लगत कम होती है और मुनाफा अधिक होता है टमाटर की खेती एक हेक्टर में काकी है तो 180 से 190 टन की उपज प्राप्त कर शकते है।
टमाटर की खेती एक एकड़ में से 45 से 55 टन की उपज प्राप्त होती है इन किस्मे की बुवाई करने से अन्य किस्मे से बेहतर पैदावार मिलती है।
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FAQ’s
टमाटर का पौधा कितने दिन में फल देने लगता है?
टमाटर का पौधा 55 से 65 दिन में फल देने लगता है
टमाटर कौन से महीने में लगाना चाहिए?
आज के ज़माने में टमाटर की खेती बारेमास कर शकते है। टमाटर की खेती आप सितंबर महीने में करना चाहते है तो जुलाई महीने में इन की नर्सरी तैयार करनी चाहिए। और मई महीने में इन की रोपाई करनी है तो मार्च एवं अप्रैल महीने में नर्सरी तैयार करनी चाहिए।
टमाटर में कौन कौन सी खाद डाली जाती है?
टमाटर की खेती में अधिक उपज के लिए योग्य मात्रा में खाद देना बेहद जरूरी है। जैसे की सड़ी गोबर की खाद, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और बोरोन इस प्रकार के खाद देना चाहिए।
सबसे अच्छा टमाटर कौन सा है?
सब से अच्छा टमाटर अर्का रक्षक, अर्का विशेष, अर्का अभेद, अर्का अनन्या, पूसा रूबी, हाइब्रिड 1 आदि टमाटर की किस्मे सब से अच्छी है।
टमाटर की फसल कितने महीने चलती है?
टमाटर की फसल आप के महेनत पर निर्भर रखती है। टमाटर की फसल 8 से 10 महीने तक भी अच्छी पैदावार देती है
सारांश
नमस्ते किशान भाईयो इस आर्टिकल के माध्यम से आपको हाइब्रिड टमाटर की खेती (Haybrid Tamatar Ki Kheti) इन के बारे में बारीक़ से जानकारी मिली होगी।
टमाटर की उन्नत किस्मे कौन कौन सी है। इन के बारेमे भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा। टमाटर की खेती कब और कैसे की जाती है इन के बारे में भी बहुत कुछ बताया है।
टमाटर की खेती एक एकड़ में करे तो उपज कितनी प्राप्त कर शकते है। और टमाटर की खेती में कौन कौन से खाद और कितना देना चाहिए। इन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
टमाटर की खेती में ए आर्टिकल आप को बहुत हेल्पफुल होगा। उम्मीद रखते है की ए आर्टिकल आप को बहुत पसंद भी आया होगा। इस लिए ए आर्टिकल को अपने सबंधी एवं मित्रो और किशान भाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।
हाइब्रिड टमाटर की खेती इन आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद