धान की फसल में दिखाई देने वाले रोग और इन रोग का उपचार केसे करे जाने पूरी जानकारी

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नमस्ते किसान बंधू आज के इस आर्टिकल में हम जानेगे की धान की फसल में दिखाई देने वाले रोग और इन रोग का उपचार केसे करे (Dhan Ki Fasal Me Dikhai Dene Vala Rog Aur In Rog Ka Upchar Kese Kare) इन के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।

Dhan Ki Fasal Me Lagane Vale Rog avm Upchar

धान की फसल में ज्यादातर इस प्रकार के रोग दिखाई देते है इन रोग का सही समय पर उपचार करना चाहिए वरना सारी फसल बर्बाद हो जाती है और किसान को उत्पादन बहुत कम मिलता है।

धान की फसल में जब भी कोई रोग दिखाई दे तब तुरत योग्य दवाई का छिड़काव कर के उस रोग से धान की फसल को मुक्त करना चाहिए ताकि उत्पादन अच्छा किसान को मिले और मुनाफा भी अधिक हो सके।

हमारे देश के कई किसान ऐसे भी है जो धान की खेती की संपूर्ण जानकारी ना होने के कारण हर साल बहुत नुकसान भी भुगत ते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आप को बड़ी सरलता से हम समझाएंगे की धान की फसल में लगाने वाले रोग का निवारण केसे करे आई ए एक एक कर के जानते है।

चावल एक खाध फसल है, पूरे विश्व में कई लोग इसे रोजाना खाते है, हमारे देश में चावल का अधिक उत्पादन किसान करते है हमारे देश भारत में चावल की खेती बहुत किसान करते है और अच्छी उपज के साथ अधिक मुनाफा भी करते है।

आज के समय में खेती में किसान की अनुपलब्धता और जैविक और अजैविक कारणों से धान की उपज में बहुत कम होती जा रही है। इस सभी बातो को ध्यान में रखते हुए आज के इस आर्टिकल में धान की फसल में लगने वाले रोग के बारे में विस्तार से जानेंगे और उस रोग का निवारण भी जानेंगे।

बात करे तो धान की खेती बुवाई से लेकर कटाई तक की सारी बातो पर अधिक जानकारी हासिल करेंगे।

धान की फसल में विविध समय पर विविध रोग अटैक करते है, इस रोग से बचाने के लिए किसान कई सारे उपाय करते है। और कई किसान महेनतु भी है पर इस की खेती की पूरी नॉलेज नो होने के कारण फसल की देखरेख नही कर पाते तो आई। तो आई ए जानते है की धान की फसल में कोन कोन से रोग अटैक करते है और इस का उपचार केसे करे।

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धान की फसल में झोंका रोग

चावल की फसल में झोंका रोग ज्यादातर देखने को मिलता है। और यह रोग का फेलावा पायरिकुलेरिया ओराइजी करता है, यह रोग के अटैक से चावल के ऊपरी भाग में लिखाई देता है यह रोग से चावल के पत्तो पर भी विप्रित असर दिखाई देती है इस रोग से संकरित पौधे की पत्तो पर धब्बे दिखाई देते है। यह धब्बे का आकार धीरे धीरे बढ़ता है और कुछ ही दिनों में सारे पत्तो पर फेल जाते है और सारी फसल जैसे जली है ऐसी दिखाई देती है।

इस झांका रोग का उपचार कैसे करे

झांका रोग के उपचार में कई बातो का किसान को ध्यान रखना चाहिए जैसे की धान की फसल में बीज खरीद ते समय रोग प्रतिरोधक धान के बीज की खरीदी करे, बीज की पसंदगी समय रोग रहित धान के बीज पसंद करे, चावल के बीज की बुवाई से पहले ट्राइकोडर्मा से उपचारी करे, कटाई करने के बाद जो पौधे झांका रोग से ग्रसित है उस पौधे को अलग कर के जला देना चाहिए।

धान की फसल में झांका रोग से नियंत्रण पाने के लिए बयोवेल बायोवेल के जैविक कवकनाशी बायो ट्रूपर की 500 M.L 130 से 160 लीटर पानी में अच्छे से मिला के छिड़काव भी कर शकते है

झुलसा रोग एवं जीवाणु झुलसा

धान की फसल में यह रोग फैलाने का कार्य जैन्थोमोनस ओराइजी नामक जीवाणु करते है, इस रोग को सौ प्रथम जापान में धान की फसल में दिखाई दिया था, यह रोग धान की फसल में कभी भी लग शकता है बुवाई से लेकर पूरी तरह से पक जाने तक किसी भी समय में लग शकता है।

इस रोग के अटैक से धान के पौधे की पतिया पर सिरे पड़ जाते है और धीरे धीरे पते सूखने लगते है और पतों पर छोटे छोटे दाग धब्बे भी दिखाई देते है,

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झुलसा रोग का नियंत्रण

धान के बीज चयन के समय अच्छे बीज की ही पसंदगी करे, बीज को बुवाई करने से पहले 2.5 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन और 25 ग्राम कॉपर ऑक्सी क्लोराइड का घोल बना के इस में 10 से 12 घंटे तक बीज को डुबो दे बाद में मुख्य खेत में बुवाई करे।

जब यह झुलसा रोग धान की फसल में लग जाए तब किसान को बहुत सावधानी बरकनि है और नाइट्रोजन का बिलकुल प्रयोग ना करे और जिस खेत की फसल में झुलसा रोग लग गया है उस खेत का पानी अन्य खेत में भी नहीं जाने दे और इस खेत में सिंचाई भी बंध कर देनी चाहिए।

और इस रोग से धान की फसल को मुक्त करने के लिए जल निकास की भी अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए।

धान में ग्रैन डिक्लेरेशन

धान की फसल की कटाई के बाद धान कई जीवों से संक्रमित हो जाता है इसी के कारण धान कुछ ही समय में ख़राब होने का खतरा रहता है और धान पर काले रंग या भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते है।

नियंत्रण : धान फसल की कटाई होने से पहले मुख्य खेत में पूरी तरह से पानी निकाल दीजिए बाद में मशीन यंत्र द्वारा धान को अच्छे से साफ कर के कुछ समय तक धुप में सूखा कर बाद में किसी अच्छी जगह पर स्टोर करना चाहिए।

आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को अच्छे से बता दिया है की धान की फसल में दिखाई देने वाले रोग और इन रोग का उपचार केसे करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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