आज का यह आर्टिकल किसान को बहुत मददगार होने वाला है इस आर्टिकल में हम जानेगे की सोयाबीन की फसल में रोग एवं कीट का नियंत्रण (Soyabean Ki Fasal Me Rog Avm Kit ka Niyantran) कैसे करे ताकि किसान को सोयाबीन का उत्पादन अधिक प्राप्त हो शके।
हम सब जानते है की इस साल सोयाबीन की खेती अलग अलग राज्य में विविध समय पर किसान ने की थी। और सोयाबीन की कई सारी किस्मे ऐसी भी है जो जल्द पक के तैयार हो जाती है तो कई किस्में ऐसी भी है जो पकने में अधिक समय लेती है पर उत्पादन अच्छी मात्रा में किसान को मिलती है। जो भी किसान ने जून महीने में सोयाबीन की उन्नत किस्में की बुवाई कर दी थी इन सारे किसान की सोयाबीन की फसल में अब फलिया में दाने बनने लगे है। तो कई किसान ने बाद में बुवाई की थी इन की सोयाबीन की फसल में फूल किलने लगे है।
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सोयाबीन की खेती में रोग एवं किट का नियंत्रण कैसे करे
सोयाबीन की फसल में इस समय बहुत सारे रोग एवं कीट अटेक करते है इन रोग एवं कीट का समय सर नियंत्रण करना चाहिए वार्ना किसान की सोयाबीन की सारि फसल को बर्बाद कर के छोड़ता है। इसी लिए हमारे कृषि एक्सपर्ट की कुछ सलाह है और सुझाव भी दिया है। इन की मानो तो सोयाबीन की फसल में अधिक उत्पादन किसान प्राप्त कर शकता है।
हमारे कृषि संस्थान का कहेना है की जब सोयाबीन की फसल में फूल खिलने लगे और फूल में से फलिया बनने शुरू होती है तब सोयाबीन की फसल में कई सारे कीट और रोग अटैक करते है जैसे की एन्थ्राक्रोज, मोजेक वायरस, एरिअल ब्लाइट आदि रोग अतेक करते है। इन के अलावा कीट की बात करे तो तना मक्खी, चक्र भृंग, पते छेदन इल्ली आदि कीट भी अतेक करते है। इन रोग और कीट का सही समय पर नियंत्रण करना चाहिए। ताकि उपज किसान को अच्छी प्राप्त हो शके।
फफूंदजनित रोग से सोयाबीन की फसल को कैसे बचाए
सभी किसान बंधू को हमारे कृषि संस्थान की तरफ से सलाह है की सोयाबीन की फसल में फफूंदजनित रोगों से नियंत्रण के लिए किसान को टेबुकोनाजोल 25.9 E.C 625 मि.ली, या तो टेबूकोनाझोल 10% सल्फर 65% WG 1250 ग्राम, कार्बेन्डाजिम मेन्कोजेब 63% WP 1250 ग्राम, पिकोक्सीस्ट्रोबिन 22.52% W/WSC 400 मि.ली, इन के अलावा पायरोक्लोस्ट्रोबीन 133 g/l + इपिक्साकोनाजोल 50g/lSE 750 ग्राम, इन में से किसी एक रासायनिक दवाई का छिड़काव अच्छे से करे, इन दवाई से सोयाबीन की फसल में एन्थ्राक्नोज, रायजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट जैसे फफूंदजनित रोग का नियंत्रण कर शकते है।
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सोयाबीन की फसल में कीट का नियंत्रण कैसे करे
सोयाबीन की खेती में जब फूल खिलने लगे और फूल में से फलिया बनने लगे तब रोग के साथ कई कीट भी अटैक करते है और इन कीट का योग्य समय पर नियंत्रण करना चाहिए। यह कीट सोयाबीन के पौधे के पते, तने, फलिया आदि को बहुत नुकशान पहुंचाता है। इन के नियंत्रण में थायोमिथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50% ZC या तो बीटासायफ्लुथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड 350 मिली इन के अलावा आइसोसायक्लोसरम 9.2 WW.DC 10% W/V DC 600 मिली, या तो इंडोक्साकार्ब 15.8 EC 333 मिली, इन दवाई का उचित मात्रा में पानी के साथ छिड़काव करे इन के अलावा जो मक्खी है इन का भी नियंत्रण करे।
आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को यह सोयाबीन की फसल में रोग एवं कीट का नियंत्रण (Soyabean Ki Fasal Me Rog Avm Kit ka Niyantran) कैसे करे इन के बारे में बहुत कुछ बताया है।
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