धान की फसल में यह गर्दन तोड़ रोग का नियंत्रण कैसे करे और इन के लक्षण क्या क्या है

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now

हमारे देश भारत में कई सारे राज्य में किसान धान की खेती करते है और अधिक उपज के साथ अच्छी कमाई भी करते है। आज के इस आर्टिकल में हम धान के रोग और उनसे बचाव कैसे करे (Dhan Ke Rog Aur Unse Bachav Kaise Kare) ज्यादा से ज्यादि जानकारी प्राप्त करेंगे।

Dhan Ke Rog Aur Unse Bachav Kaise Kare

यह भी पढ़े : सोयाबीन की फसल में रोग एवं कीट और इन का नियंत्रण कैसे करे

किसान जब धान की खेती करते है तब इन में कई प्रकार के रोग एवं कीट अटैक करते है और इन रोग एवं कीट का सही समय पर नियंत्रण नहीं किया जाए तो धान की सारि फसल को बर्बाद कर देते है। और किसान को बहुत नुकसान भुगतना पड़ता है।

इसी लिए जब धान की फसल में जब कोई रोग का अटैक दिखाई दे तब तुरंत योग्य दवाई का सही नाप लेकर धान की फसल में अच्छे से छिड़काव करे और धान की फसल को इन रोग से मुक्त करे। ताकि धान की फसल से किसान को अधिक उत्पादन प्राप्त हो शके और किसान को अच्छी कमाई भी हो शके।

किसान जब धान की खेती करते है तब जब भी धान के पौधे पर बालिया और दाने बनने लगते है तब कई रोग अटैक करते है और यह रोग मौसम के बदलाव के कारण धान की खेती में लगजाता है। और यह रोग का नाम है गर्दन तोड़ रोग कई लोग इन को बदरा के नाम से भी जानते है। यह धान की फसल में बहुत नुकशान पहुंचाता है।

धान की खेती में जब यह गर्दन तोड़ रोग का अटैक होता है तब धान के पौधे सूखने लगते है और किसान भी अति चिंतित हो जाते है इसी लिए धान की फसल की उत्पादन क्षमाता कम हो जाता है। यह रोग या बीमारी मौसम के अचानक बदलाव के कारण फैलती है। यह रोग धान के पौधे की गाठे को कमजोर कर देते है

हमारे कृषि विभाग के एक्सपर्ट ने किसान को सलाह दी है की जब यह गर्दन तोड़ बीमारी धान की फसल में अटैक करे तब धान की फसल पर क्या क्या अचर होती है और इन रोग का नियंत्रण कैसे किया जा शकता है तो आई ए इस आर्टिकल के माध्यम से हम विस्तार से जानेगे।

धान की फसल में गर्दन तोड़ रोग का प्रभाव (लक्षण)

धान की फसल में जब बलिया बनने लगे और बलिया में धान के दाने बनने लगे तब कई सारे रोग एवं कीट अटैक करते है जैसे की नेक ब्लास्ट रोग यह बीमारी धान की फसल में अटैक होने से धान के पौधे के पतों पर छोटे छोटे आंख जैसे और बैंगनी रंग के धब्बे दिखाई देते है। और बाद में यह धब्बे के किनारे लम्बे होकर एक दूजे में मिल जाते है। कुछ ही दिनों में बड़े धब्बे हो जाते है और पौधे के पते सुख जाते है और पौधे की गाठे भी काली हो जाती है।

धान की फसल में यह गर्दन तोड़ बीमारी का नियंत्रण कैसे करे?

यह धान के पौधे के पतों पर जब भी यह रोग का अटैक दिखाई दे तब तुरंत योग्य दवाई का छिड़काव करना होगा। जैसे की कार्बेंडाजिम 50 WP/ 400 ग्राम या तो बीम 120 ग्राम को 200 लीटर पानी में अच्छे से घोलमिला के एक एकड़ धान की फसल में अच्छे से छिड़काव करे। और यह छिड़काव जब धान के पौधे पर बलिया में 50% फूल दिखाई दे तब एक छिड़काव जरूर करे और यह बात का भी किसान बंधू ध्यान दे की यह धान की फसल में दोपहर के बाद इन का छिड़काव करे तो अच्छा रहेगा।

अन्य भी पढ़े : किसान को मिर्च की अच्छी पैदावार के लिए या अधिक उत्पादन प्राप्त करना है तो यह तरीका अपनाईए

धान की फसल की देखभाल कैसे करे

धान की फसल में पौधे की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन के लिए किसान को कई सारि बातो का ध्यान देना चाहिए। जैसे की धान की फसल की रोपाई योग्य समय पर मुख्य खेत में कर देनी चाहिए। और इन पौधे पर जब कोई रोग या कीट का अटैक दिखाई दे तब योग्य दवाई का छिड़काव कर के इन पौधे को रोग या कीट से मुक्त करना चाहिए। ऐसे ही कई किसान बंधू ऐसे भी है की इन को धान की फसल की पूरी जानकारी नहीं होती इस लिए हमारे कृषि विभाग के एक्सपर्ट आप को सही जानकारी देते है और इन के कहने पर धान या अन्य फसल की देखरेख करते है तो अधिक उपज प्राप्त कर शकते है।

कृषि विभाग का संपर्क कैसे करे

हमारे देश भारत के हरियाणा राज्य की सरकार ने किसान की मदद के लिए एक टोल फ्री नंबर 18001802117 भी प्रचलित किया है और यह नंबर बिल कुल टोल फ्री है किसान इन नंबर पर कॉल कर के फसल की जरुरी माहिती हमारे कृषि एक्सपर्ट से ले शकते है। और आप भी हरियाणा राज्य के निवासी है तो यह नंबर पर कॉल कर के जरुरी माहिती प्राप्त कर शकते है।

आज के इस आर्टिकल में हमने आप को धान के रोग और उनसे बचाव कैसे करे (Dhan Ke Rog Aur Unse Bachav Kaise Kare) इन के बारे में बहुत कुछ जानकारी दी है। ऐसे ही विविध फसल और इन के रोग एवं कीट के प्रकोप से कैसे नियंतरण किया जा शकता है इन के बारे में बहुत कुछ जानकारी मिलेगी इस लिए यह हमारी वेबसाईट ikhedutputra.com को सब्सक्राब करे ताकि आप को रोजबरोज नई नई माहिती सब से पहले मिलती रहे।

धान की फसल में यह आर्टिकल आप को बहुत हेल्प फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। यह आर्टिकल अपने मित्रो और किसान बंधू को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। और इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

इसे भी पढ़े : कम बारिश में भी यह तरीका मूंगफली का उत्पादन बढ़ा देंगा

इस लेख को किसान के साथ शेयर करे...

नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

Leave a Comment