लौंग की फसल किसान को करदेंगी मालामाल रखे इन बातो का ध्यान

WhatsApp Group (Join Now) Join Now
Telegram Group (Join Now) Join Now

हमारे देश भारत में विविध राज्य में अलग अलग फसल की खेती किसान बंधू करते है। और इन सभी फसल में से एक फसल का नाम है लौंग की खेती। भारत के विविध विस्तार के जलवायु और जमीन भी अलग अलग है। आज कल किसान बंधू पारंपरिक खेती को छोड़कर नकदी फसल की खेती अधिक कर रहे है। इस लिए आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आप को एक ऐसी ही नकदी फसल की माहिती प्रदान कर रहे है जो किसान को अच्छी कमाई के साथ अधिक मुनाफा भी होगा इस फसल का नाम है लौंग की खेती करने का सही तरीका (Laung Ki Kheti Karne Ka Sahi Tarika) इन के बारे में अधिक से अधिक बात सीत करेंगे।

Laung Ki Kheti Karne Ka Sahi Tarika

लौंग की खेती करने का सही तरीका (Know The Right Way Of How To Cultivate Cloves)

लौंग एक मसाला वर्गी फसल है और मसाला में इन का एक अलग ही स्थान है किसान लौंग की खेती एक एकड़ जमीन में करे तब भी सालाना 2 से 2.5 लाख रुपए आसानी से कमाई कर शकते है। और यह लौंग की खेती एक बार कर के कई साल तक उत्पादन भी प्राप्त कर शकते है। हम सब जानते ही है की लौंग की बाजारी मांग साल भर रहती है। इन का उपयोग कई औषोधिक दवाई में किया जाता है। इन से बनाई जाने वाली दवाई कीटाणुनाशक और दर्दनाशक होती है।

हमारे देश भारत में धार्मिक कामो में जैसे की पूजा हवन जैसे धार्मिंक कार्यो में भी लौंग का इस्तेमाल करते है। इन के आलावा सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारी में भी इस का सेवन लाभदायक होता है इन के अलावा भी पेट के दर्द में, दांत के दर्द में और कई टूथ पेस्ट में भी लौंग का इस्तेमाल किया जाता है।

आज के इस आर्टिकल लौंग की फार्मिंग इन हिंदी (Clove Farming In Hindi) के माध्यम से हम लौंग की खेती कैसे करे और इन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और तापमान जलवायु कैसा अनुरूप आता है। खेत तैयारी और खेती में पौधे की रोपाई किस तरीके से करे बात करे तो लौंग की खेती के बारे में विस्तार से जानेगे और यह सब जानकारी के लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे ताकि आप को भी लौंग की खेती करने का सही तरीका (Laung Ki Kheti Karne Ka Sahi Tarika) के बारे में अधिक जानकारी मिल शके और आप भी इन की खेती कर के साल के 2 से 2.5 लाख रुपए आसानी से कमाई कर शके।

लौंग की खेती कैसे करे मिट्टी की पसंदगी

लौंग की फसल की अच्छी वृद्धि के लिए बलुई दोमट मिट्टी सब से अच्छी मानी जाती है। पर जीस मिट्टी में इन की खेती करे उस मिट्टी का जलनिकास अच्छा होना चाहिए। जल भराव वाली मिट्टी में इन की खेती ना के बराबर होती है। इन की खेती में बारिश की बात करे तो सामान्य बारिश की जरुरत होती है और शर्दी के मौसम में पड़ने वाला पाला भी इन के पौधे को नुकशान पहुंचाता है। इसी लिए इन की खेती अधिक बारिश या अधिक ठंडे विस्तार में नहीं की जाती है। इन की फसल की अच्छी विकास के लिए छायादार जगह और सामान्य तापमान की जरूरत होती है।

तापमान और जलवायु

लौंग की खेती गर्म विस्तार में की जाती है और इन की खेती के लिए गर्म विस्तार अधिक अनुकूल होता है। इस लौंग की फसल को नम कटिबंधीय जलवायु की जरूरत होती है। लौंग के पौधे को न्यूतम तापमान 10°C तक का सहन कर शकता है और लौंग के पौधे या पेड़ की अच्छी विकास के लिए 30°C से लेकर 35°C तक का तापमान सब से अच्छा माना जाता है। इन की खेती ठंडे विस्तार में नहीं करनी चाहिए वार्ना किसान को नुकशान भुगतना पड़ शकता है।

लौंग की खेत तैयारी कैसे करे

लौंग की खेती तैयारी में दो से तीन बार गहरी जुताई करे बाद में पाटा चलाके जमीन को समतल करे ताकि जल भराव की समस्या टल जाए और इन की खेती में जलभरव की समस्या पर अधिक ध्यान देना चाहिए नहीं तो बहुत नुकशान भुगतना पड़ेगा। इसी लिए लौंग की फसल में जलनिकास की अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए। यह सब हो जाने के बाद इन के पौधे की रोपाई के लिए 15 से 20 कीट की दुरी तेय कर के खड्डे तैयार करे और इन खड्डे की गहराई दो से तीन फीट की रखे बाद में इन खड्डे में मिट्टी के साथ खाद मिश्रित कर के खड्डे को भर से और एक सिंचाई भी जरूर करदे।

पौधे की रोपाई और सही तरीका

लौंग के बीज से पौधे तैयार करने में काफी समय लगता है जो पके लौंग है इन के बीज निकाल के 12 घंटे तक पानी में भूगोया जाता है बाद में इन भीगे बीज को तैयार खड्डे में बोया जाता है और इन के बीज मे से पौधे को तैयार करने में लगभग 1.5 से 2 साल समय लग जाता है इस लिए आप लौंग के तैयार पौधे किसी नजदीक की नर्सरी से ख़रीदे और इन पौधे को मुख्य खेत में जो खड्डे तैयार किया है इन खड्डे में रोपाई करे।

इस प्रकार लौंग के पौधे की रोपाई करने से पौधे की विकास जल्द होती है और पैदावार भी जल्द प्राप्त होती है। इन के यह पौधे की रोपाई बारिश के मौसम में करे क्योकि तब सिंचाई की भी कम जरुरत होती है। लौंग का पौधा रोपाई के बाद पांच साल बाद फल देना शुरू कर देता है और इन के पौधे की अच्छे से देखरेख रखेगे तब आप को कई साल तक इन के फल प्राप्त होते रहते है और किसान इन से अच्छी कमाई के साथ अच्छा मुनाफा भी कर शकता है।

खाद और उर्वरक

लौंग के पौधे की शुरू आती समय में अच्छी वृद्धि के लिए अच्छे से सड़ी गोबर की खाद प्रत्येक खड्डे में 13 से 15 किलोग्राम की मात्रा से दे इन के अलावा नाइट्रोजन, फोस्फरस, पोटाश, यह तीनो खाद भी देनी चाहिए और यह भी पौधे रोपाई के बाद 15 से 20 दिन बाद इन की मात्रा 100 ग्राम की रखनी चाहिए। यह खाद डालने के बाद एक सिंचाई भी जरूर करले।

लोग की तुड़ाई और इन से होने वाला उत्पादन एवं फायदा

लौंग के छोटे पौधे की मुख्य खेत में तैयार खड्डे में रोपाई हो जाने के बाद तक़रीबन 4 से 5 साल तक का समय पैदावार के लिए लग जाता है। इन के पौधे पर फल गुच्छे में लगते है। और इन का रंग भी गुलाबी और आकर्षित होता है। इन का फल लगभग 2 सैमी लंबा होता है। यह फल सुख जाने के बाद लौंग के रूप में बदल जाता है।

लौंग की फसल में पहले कुछ साल तक उत्पादन कम प्राप्त होता है। पर जब पौधा अच्छे से विकास कर के बड़ा पेड़ बन जाता है तब और लौंग के एक पेड़ से तक़रीबन 2 से 3 किलोग्राम लौंग प्राप्त होते है। इन का बाजारी भाव (दाम) एक किलोग्राम का भी 850 से लेकर 1000 तक का होता है।

लौंग की खेती किसान ने एक एकड़ जमीन में की है तो तक़रीबन 110 से अधिक पौधे की रोपाई कर शकते है। इस लिए लौंग की खेती कर के किसान एक एकड़ में से 2.5 से लेकर 3 लाख तक की कमाई बड़ी आसानी से कर शकता है।

अन्य भी पढ़े :

आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को लौंग की खेती करने का सही तरीका (Laung Ki Kheti Karne Ka Sahi Tarika) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को लौंग की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

इन सब की मदद से किसान खेतीबाड़ी से अच्छी इनकम कर सकता है। इस लिया आप हमारी यह वेबसाईट आईखेडूतपुत्रा को सब्सक्राब करे ताकि आप को अपने मोबाईल में रोजाना नई नोटिफिकेशन मिलती रहे। इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

इस लेख को किसान के साथ शेयर करे...

नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

Leave a Comment