हमारे देश भारत में फ्रेंच बीन की खेती कई सारे राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है। जैसे की उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, उतर प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्णाटक, और गुजरात के कई विस्तार में फ्रेंचबीन की खेती किसान करते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की फ्रेंच बीन की खेती करने का सही समय क्या है (French Beans Ki Kheti Karne Ka Sahi Samay Kya Hai) और इन की खेती कर के किसान कैसे लखपति बन शकता है।
फ्रेंचबीन एक दलहनी फसल में से एक है। इन का दलहनी फसल में एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस फ्रेंचबीन की खेती पहाड़ी विस्तार में गर्मी के मौसम में करते है और मैदानी विस्तार में सर्दी के मौसम में किसान करते है। और कई किसान इन की खेती फसल भर के किसी भी समय करते है और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर के अधिक कमाई करते है। इन की हरी फलियों का इस्तेमाल सब्जी बनाने में और सुखजाने पर इन के दाने की दाल बना के इस्तेमाल करते है। सब्जी वर्गी फसल में यह फसल कम समय में अधिक उपज वाली फसल है।
फ्रेंचबीन में कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते है। जैसे की प्रोटीन, कैल्शियम, वसा, फास्फोरस, आयरन, विटामिन सी, मिनरल, और कैरोटीन, थायमिन आदि पोषक तत्व मौजूद होते है जो मानव शरीर के लिए लाभदायक है।
फ्रेंचबीन की खेती से अधिक उत्पादन और लाखो रुपए की कमाई करने के लिए किसान को इन बातो का रखना चाहिए ध्यान जैसे की मिट्टी की पसंदगी, तापमान और जलवायु, फ्रेंचबीन की उन्नत किस्में, खाद और सिंचाई, रोग एवं कीट का सही समय पर नियंत्रण करना आदि बातो पर ध्यान रखना चाहिए तब जाकर फ्रेंचबीन की फसल से लाखो रुपए की कमाई कर शकते है।
फ्रेंचबीन की बुवाई कौन सी मिट्टी में करे
फ्रेंचबीन के उन्नत किस्में के बीज आमतोर पर सभी प्रकार की मिट्टी में कर शकते है। पर इन की फसल की अच्छी विकास और बंपर उत्पादन प्राप्त करने के लिए आप इन की खेती अच्छी जल निकास वाली बलुई दोमट मिट्टी में करे तो सभ से अच्छा माना जाता है। और मिट्टी का पी.एच मान 6 से लेकर 7 के बिच का अच्छा माना जाता है।
खेत तैयारी में दो से तीन बार मिट्टी को पलटने वाले हल की मदद से गहरी जुताई करे और आखरी जुताई से पहले 13 से 15 टन सड़ी गोबर की खाद डाले और मिट्टी में अच्छे से मिला देनी चाहिए। बाद में उस मिट्टी पर पाटा चलाके जमीन को समतल करे।
जलबायु और तापमान
फ्रेंचबीन गर्म जलवायु की फसल है इन की फसल की अच्छी विकास और अधिक फलियों की पैदावार के लिए 20°C से 25°C तक का तापमान सब से अच्छा माना जाता है। फ्रेंचबीन की फसल अधिक गर्मी और अधिक सर्दी दोनों को सहजता से सहन कर शक्ति है। और जब तापमान 15°C से कम होता है और 26°C से अधिक होता है तब उत्पादन में थोड़ा फर्क दिखाई देता है।
फ्रेंचबीन की उन्नत किस्में
फ्रेंचबीन की उन्नत किस्में दो प्रकार की आती है एक झाड़ीदार किस्में और एक बेलदार किस्में जिन किस्में का नाम कुछ इस प्रकार के है। जो अच्छा उत्पादन देती है।
झाड़ीदार उन्नत किस्में : जाइंट स्ट्रींगलेस, वी.एल. बोनी-1, अका्र कोमल, पेसा पार्वती, कंटेंडर, पंत अनुपमा इन से भी अधिक फ्रेंचबीन की उन्नत किस्में है जो अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है।
बेलदार उन्नत किस्में : पूसा हिमलता, केंटुकी वंडर, स्वर्ण लता, अर्का प्रसिद्धि, अर्का कृष्णा, आदि फ्रेंचबीन की उन्नत किस्में है।
फ्रेंचबीन की उन्नत किस्में की बुवाई का सही समय
फ्रेंचबीन के उन्नत किस्में के बीज की बुवाई विविध विस्तार में विविध समय पर करते है। जैसे की मैदानी विस्तार में इन के उन्नत किस्में के बीज बुवाई मुख्य खेती में अक्टूबर महीने से नवंबर महीने तक किसान करते है। और पहाड़ी विस्तार में इन की बुवाई गीष्म और वर्षा ऋतु में करते है। और तराई के विस्तार में फरवरी महीने से लेकर मार्च महीने तक करते है। इन की खेती आप समतल जमीन में पंक्ति में और उच्चे मेड पर कर शकते है। और बीज दर की बात करे तो झाड़ीदार उन्नतकिस्में के बीज एक हैक्टर के हिसाब से 80 से 90 किलोग्राम और बेलदार उन्नत किस्में की बुवाई एक हैक्टर में करे तो 25 से 30 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी। और बीज बुवाई करने से पहले बीज को उपचारित जरूर करे।
खाद और सिंचाई
फ्रेंचबीन की फसल की अच्छी विकास के लिए और पौधे से बंपर उत्पादन प्राप्त करने के लिए फसल को खाद जरूर देना चाहिए। अगर किसान बंधू के इन की खेती एक हैक्टर जमीन में की है तो खेत तैयारी के समय नाट्रोजन 20 किलोग्राम, फास्फोरस 70 किलोग्राम, और पोटाश 40 किलोग्राम के दर से डालना चाहिए। इन के अलावा 13 से 15 टन सड़ी गोबर की खाद और वर्मीकम्पोष्ट भी देना चाहिए। और जब फसल की बुवाई के बाद जब पौधे पर फूल दिखाई दे तब नाट्रोजन 20 किलोग्राम देना चाहिए।
फ्रेंचबीन की फसल में नमी बानी रहे इस लिए सप्ताह में एक बार या दस दिन में एक बार हलकी सिंचाई करे। ताकि पौधे की अच्छी वृद्धि हो शके और जब फूल दिखाई दे तब एक सिंचाई जरूर करे ताकि फलिया अच्छी और कोमल प्राप्त हो शेक।
फ्रेंचबीन की फसल में प्रमुख रोग एवं किट
फ्रेंचबीन की फसल में जब पौधे पर फूल फल लगने लगते है तब कई प्रकार के रोग एवं कीट अटेक करते है इन रोग एवं किट का सही दवाई का छिड़काव कर के पौधे को रोग एवं कीट से मुक्त करना चाहिए। नहीं तो किसान को उत्पादन बहुत कम प्राप्त होता है और किसान को भरी नुकशान का सामना करना पड़ेगा।
फ्रेंचबीन की फसल से उत्पादन और कमाई
फ्रेंचबीन की उन्नत किस्में के पौधे पर जब फूल खिलने लगे तब 2 से 3 सप्ताह बाद हरी फलियों की तुड़ाई शुरू हो जाती है। और यह फलियों में जब दाने भरावदार हो जाए तब इन फलियों की तुड़ाई कर लेनी चाहिए। और फलियों की देर से तुड़ाई करने से फलियों में सख्त रेशे बन जाते है। इस लिए मार्किट में इन फलियों का दाम कम मिलता है। इस लिए सही समय पर इन की फलियों की तुड़ाई कर लेनी चाहिए। ताकि आप को मार्किट दाम अच्छा मिले और इन से आप को अच्छी कमाई हो शके।
फ्रेंचबीन की जो झाड़ीदार किस्में है इन का उत्पादन एक हैक्टर से 70 से 80 क्विंटल तक प्राप्त होता है और जो बेलदार उन्नत किस्में है इन का एक हैक्टर से 80 से 100 क्विंटल तक उप्तादन प्राप्त होता है। पर जो झाड़ीदार किस्में है इन में तुड़ाई 4 से 5 कर शकते है पर जो बेलदार किस्में है इन की फलियों की तुड़ाई लंबे समय तक कर शकते है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को फ्रेंच बीन की खेती करने का सही समय क्या है (French Beans Ki Kheti Karne Ka Sahi Samay Kya Hai) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को लोबिया की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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