खीरे की खेती करने का तरीका (Khire Ki Kheti Karne Ka Tarika) : खीरे की खेती से किसान कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त कर के एक अच्छी कमाई कर सकता है। हमारे एक प्रगतिशील किसान भाई ने खीरे की खेती नवंबर महीने में शुरू की थी और आज तक इन किसान ने 251 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त कर लिए है। इन्होंने बताया की खीरे की तुड़ाई कर के जब मार्केट में बेचने के लिए भेजते थे तब पहले कई बार 35 से 40 रूपए एक किलोग्राम के मिलते थे। पर जब खीरे का उत्पादन बढ़ा तो 15 रुपए एक किलोग्राम के मिलने लगे फिर भी खीरे की खेती से 3 लाख 70 हजार रूपए की कमाई हो गई है।
बोटाद जिले के नाना पलियाद गाम में रहने वाले उस प्रगतिशील किसान का नाम है किरणभाई नाना पलियाद गाम में बहुत सारे ऐसे किसान है जो खीरे की खेती करते है और हर साल सब्जी वर्गी फसल की खेती कर के अच्छी कमाई करते है। पर किसान भाई ने कुछ अलग ही प्लान बनाया और खीरे की खेती से ही लाखो रुपए की कमाई कर ली।
किरणभई ने खीरे की खेती आधुनिक तकनीक से पॉलीहाउस में शुरू की थी। इस किसान ने यह भी जानकारी दी की पॉलीहाउस में खेती करने से कई फायदे होते है। पोलिहाउस में किसान जब चाहे तब किसी भी फसल की खेती कर सकता है। बस थोड़ा ज्ञान होना चाहिए। इस पोलिहाउस में आप बे मौसम किसी भी फसल की खेती कर सकते है। इस में आप को बहुत कीट और रोग का प्रकोप भी नही दिखाई देगा।
पॉलीहाउस में जो भी फसल की बुवाई की है इस में बहुत बीमारी का प्रकोप नहीं होने से उत्पादन भी अच्छी क्वालिटी का और अधिक प्राप्त होता है। और जिस उत्पादन की क्वालिटी अच्छी है इन का मार्केट भाव भी अच्छा ही मिलता है। इन के अलावा एक और भी कारण है। बे मौसम किसी फसल का उत्पादन मिलता है तब मार्केट में इन की मांग भी अधिक होती है इस लिया इन के भाव ज्यादा मिलते है। और किसान को अच्छा मुनाफा होता है।
किरणभई ने बताया की नवंबर महीने में इन्होंने खीरे की खेती की थी और आज तक के इन्होंने खीरे का 251 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त हुआ है। इन में कम से कम 15 रूपए 1 किलोग्राम का भाव मिला है। फिर भी उत्पादन की आई 3 लाख 70 हजार तक की हो गई है। किसनभाई ने खीरे की खेती में 70 हजार रुपए लागत के हिसाब से निकाल दिया फिर भी शुद्ध 3 लाख रूपए का मुनाफा हुआ है।
किरणभई ने यह भी पर्दा फास्ट किया की इन्होंने पॉलीहाउस 2023 में ही शुरू कर दिया था। और इस पॉलीहाउस में खीरे की खेती 20 अक्टूबर के दिन से शुरू करदी थी। खीरे की खेती में कतार से कतार की दूरी 30 सैमी की और पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी की रखी थी। फसल को सिंचाई के लिया और उर्वरक की पूर्ति के लिए ड्रिप इरिगेशन का प्रयोग किया था।
खीरे के उन्नत किस्में के बीज की बुवाई करने के बाद सींचाई एक सप्ताह में दो से तीन बार करते थे। और यह भी बताएं की इस खीरे की तुड़ाई भी दो से तीन दिन बाद होती रहती थी। किरनभाई खुद और अपने दो बच्चे और एक बेटी को साथ लेकर सुबह के समय खीरे की तुड़ाई कर लेते थे। जब तुड़ाई हो जाए तब इन्हें एक पैकिंग बैग में अच्छे से भर लेते और बेचने के लिए बोटाद जिले के सब्जी मार्केट में भेज देते थे। मार्केट में खीरे की मांग अधिक होने से भाव भी ज्यादा मिलता था इस लिए कम जगह और कम लागत में किरणभाई ने खीरे की खेती कर के अच्छी कमाई के साथ बंपर मुनाफा भी किया है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को खीरे की खेती करने का तरीका (Khire Ki Kheti Karne Ka Tarika) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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