हमारे देश भारत के कई राज्य में किसान पारंपरिक खेती के साथ साथ फल और सब्जियों की खेती कर रहे है और इन में अपनी रुचि भी बढ़ा रहे है। किसान ने बैंगन की खेती कर के अपनी किस्मत बदलदी (Bengan Ki Kheti Ne Kisan Ki Kismat Badaldi) यहा जाने पुरी जानकारी।
हमारे देश के इन राज्य में फल और सब्जियों की खेती किसान बड़े पैमाने में कर रहे है और अधिक उपज के साथ साथ अच्छी मात्रा में कमाई भी कर रहे है। जैसे की गुजरात, राजस्थान, बिहार, हरियाना, उतार प्रदेश आदि राज्य में किसान बड़े पैमाने में सब्जी वर्गी फसल एवं फलों की खेती करते है।
फलों की फसल और सब्जी वर्गी फसल की बुवाई नई तकनीक और तौर तरीके से कर के अच्छी उपज प्राप्त कर रहे है। पहेले के जमाने में पारंपरिक खेती करने में लागत बहुत लगती थी पर लागत के मुकाबले में मुनाफा काफी कम मिलता था पहेलेे की खेती में किसान मेहनत तो बहुत करता था पर कई बार बहुत बारिश तो कई बार कम बारिश होती थी इस लिया सारी फसल बर्बाद हो जाती थी।
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आज के जमाने में किसान सब्जियों की खेती कर के अपनी किस्मत को बदल सकते है।
आज के जमाने में किसान बागबानी या सब्जी वर्गी फसल कर के रोजगार से अधिक कमाई कर शकते है, हमारे देश भारत के गुजरात राज्य के बोटाद जिले के एक छोटे से गांव उमराला में रहें वाले किसान बाबू बोखरिया भी ऐसे ही एक किसान है।
यह बाबू बिखरिया ने आज के जमाने में कई सब्जी वर्गी फसल की बुवाई नई तकनीक और तौर तरीके से कर के अपनी किस्मत बदल्दी है
यह गुजरात के बोटाद जिले के उमराला गांव के छोटे किसान बाबू बोखरिया के पास जमीन भी कम है पर इन के तेज दिमाग में खेतीबाड़ी के नई तौर तरीके बहुत आते है। और उन्ही तौर तरीके अपना कर खेती करते है और कम लागत में साल के 5 से 7 लाख की कमाई करते है।
यह बाबू बोखरियां अपनी छोटी सी जमीन पर लगातार सब्जी वर्गी फसल की खेती करते है और हम ने उनकी मुलाकात ली तब भी इन की चोटी सी जमीन में इन्हों ने बैंगन की खेती की थी।
इन से मुलाकात हुई तब हम ने बाबू बोखरिया को पूछा की आप बैंगन की खेती कितने साल से कर रहे है तब इन्होंने बताया की बैंगन की खेती में 4 साल से कर रहा हु और इस बैंगन की खेती से में 4.5 लाख की कमाई भी मेने की है।
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बैंगन की खेती से अधिक कमाई कैसे करे।
इस छोटे से गांव के किसान ने साफ साफ बता दिया है की इन के पास 3 एकड़ जमीन है इन चोटी सी जमीन में इन्होंने बैंगन की खेती की है।
यह छोटे किसान बाबू बोखरिया कई सालो से तो ट्रेडिशनल फसल की खेती करते थे पर इन खेती में इन को लागत अधिक होती थी और मुनाफा बहुत कम मिलता था। तो यह मानसिक रूप से बहुत प्रेसान होते थे।
इन्होंने खेती करना बहुत बोरिंग लगराहा था ऐसे में अपने छोटे से दिमाग में एक आईडिया आया की क्यों हम इस ट्रेडिशनल खेती को छोड़ के सब्जी वर्गी फसल की खेती करना शुरू कर दे तब से लेकर आज तक यह छोटा किसान बाबू बोखरिया सब्जी वर्गी फसल कर रहे है।
इन्होंने पहेली बार ही बैंगन की खेती दो बीघे में करना आरंभ कर दिया और बैंगन के पौधे दो बीघा जमीन में लगा दिया। और इस बैंगन की फसल में से 40 हजार रूपए की लागत (खर्च) लगा इन के सामने 4 लाख की कमाई हो गई।
यह किसान ने बैंगन के फल तुड़ाई कर के बाजार यानी के मार्केट में बिकने के लिए भेजी तो इन बैगन के दाम अच्छे मिले और मुनाफा भी बड़ीया प्राप्त हुआ यह किसान को लगभग 4 लाख तक का मुनाफा अभी तक हो गया है।
हम आप को बता दे की बैंगन की खेती में खर्च तो है पर लागत के सामने मुनाफा भी काफी मिलता है। यह किसान ने हमे साफ साफ बता दिया की इतनी लागत में कितना बड़ा मुनाफा हो सकता है।
इन्होंने बताया की जो भी सब्जी वर्गी की फसल की बुवाई करे और इन फसल से जब फल प्राप्त होने लगे तब इन फल को लोकल मार्केट में ही बेच देना चाहिए।