चने की फसल में रोग एवं कीट से छुटकारा और खरपतवार से नियंत्रण कैसे करे

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किसान आज कल खरीफ फसल की कटाई कर के रबी फसल की तैयारी में लग गई है। कई किसान खेत तैयार कर रहे है तो कई किसान उन्नत किस्में के बीज की बुवाई कर रहे है। चने की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करना है तो किसान को चने की फसल को रोग एवं कीट इन के अलावा खरपतवार इन से फसल को छुटकारा देना होगा। तब जाकर किसान को अच्छा उत्पादन प्राप्त होता है। तो आई ए जानते है की चने की फसल में रोग और कीट से छुटकारा कैसे पाए (Chane Ki Fasal Me Rog Aur Kit Se Chutkara Kaise Payen) इन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे।

Chane Ki Fasal Me Rog Aur Kit Se Chutkara Kaise Payen

चने की उन्नत किस्में के बीज रबी मौसम में अक्टूबर महीने में या नवंबर महीने में करना सब से सही समय माना जाता है और इस समय चने की बीज बुवाई करने से अच्छा उत्पादन मलता है। चने की फसल बहुत सारे किसान बंधू करते है पर कई किसान को अच्छा उत्पादन मिलता है तो कई किसान को कम उत्पादन प्राप्त होता है। पर चने की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करेने के लिए किसान को कई बातो का ध्यान रखने चाहिए।

चने की खेती में बंपर उपज के लिए किसान रखे इन बातो का ध्यान

चने की खेती के लिए मिट्टी की पसंदगी, तापमान और जलवायु, उन्नत किस्में के बीज, इन बीज को उचित समय पर मुख्य खेती में बुवाई करना, जमीन की अच्छे से तैयारी, चने के पौधे को नुकसान करते कीट एवं रोग का नियंत्रण, योग्य समय सिंचाई और फसल को खरपतवार से मुक्त रखना आदि बातो का ध्यान रखना चाहिए। तब जाकर चने की फसल से किसान को अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।

रबी मौसम आते ही किसान कई सारी फसलों की बुवाई करने में लग जाते है। जैसे की जीरे, मटर, सौंफ, सरसों, गेहूं और चने आदि फसलों के बीज की बुवाई किसान रबी के मौसम में करते है। इन में से एक फसल है चने की जो किसान को अच्छी कमाई करने के महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जी हा किसान बंधू चने की फसल से आप एक अच्छी कमाई कर शकते है।

चने की फसल में पौधे की अच्छी विकास और पौधे से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए आप चने के हाइब्रिड बीज को अच्छी उपजाव जमीन दोमट मिट्टी, चिकनी मिट्टी, रेतीली मिट्टी इस प्रकार की सभी मिट्टी में बीज बुवाई कर शकते है। पर जमीन का जल निकास अच्छा होना चाहिए। इन के अलावा यह भी ध्यान रखे की मिट्टी का पी.एच मान 5.5 से लेकर 7 के बिच का सही माना जाता है।

चने का पौधा ठंड जलवायु का पौधा है और यह ठंड जलवायु में अच्छी वृद्धि करता है और अच्छा उत्पादन देता है। चने की फसल में न्यूतम तापमान 10°C तक का और पौधे की अच्छी विकास के लिए 20°C से लेकर 30°C तक का अच्छा माना जाता है।

खेत तैयारी में दो से तीन बार ट्रैक्टर की मदद से गहरी जुताई करे। और जमीन भुरभुरी हो जाने के बाद एक हैक्टर के हिसाब से 13 से 15 टन सड़ी गोबर की खाद डाले और मिट्टी में अच्छे से मिलादे। बाद में पाटा चलाके जमीन को समतल करे ताकि सिंचाई के समय कोई दिकत ना हो।

चने की उन्नत किस्में आम तो कई सारी है पर कुछ किस्में के नाम इस प्रकार के है। जैसे की जे. जी. 11, इंदिरा चना, रेमिक चेतक, हिम, फूले विक्रम, वैभव, जे जी के 2, मेक्सीकन बोल्ड, जी.एन. जी. 2144 इन से भी अधिक चने की उन्नत किस्में है जो अच्छा उत्पादन देती है और यह सभी किस्में की बुवाई भी अलग अलग है जैसे की कुछ किस्में की बुवाई अगेती करते है और कई किस्में पिछेती है।

चने की प्रसिद्ध वैराइटी के बीज बुवाई करने से पहले आप इन बीज का उपचार जरूर करे। चने के बीज को बुवाई से पहले राइजोबिया और पीएसबी कल्चर से उपचारित जरूर करे। इन से उपचारित करने से फसल में कई रोग एवं कीट का प्रकोप कम हो जाता है और फसल का अच्छे से विकास होता है।

चने की फसल में कई रोग और कीट अटैक करते है ज्यादातर चने की फसल में जड़ गलन, उकठा रोग, फल सड़क सुंडी, मुरझाना, झुलसा रोग, आदि रोग एवं कीट अटैक करते है इन सभी रोगो और कीटों का सही समय पर उपचार (नियंत्रण) योग्य दवाई का छिड़काव कर के करना चाहिए। नहीं तो किसान को चने की फसल में बहुत नुकशान हो शकता है।

उकठा रोग, जड़ गलन, झुलसा रोग इन के उपचार के लिए आप ट्राईकोडर्मा से जमीन को उपचारित करे और बीज को मुख्य जमीन में बुवाई से पहले इन को भी उपचारित जरूर करे।

कीट नियंत्रण के लिए आप बीज का अच्छे से उपचार करे उपचार करने के बाद बीज को थोड़ी देर तक धुप में सूखने दे और इन के उपचार में आप फिप्रोनिल या इमीडाक्लोप्रिड का इस्तेमाल करे तो अच्छा रहेगा।

चने की बुज बुवाई में अगर आप एक हैक्टर जमीन में चने की फसल करना चहिते है तो छोटे दाने वाले उन्नत किस्में के बीज 50 से 60 किलोग्राम की जरुरत होगी और जो चने बड़ी साईज वाली उन्नत किस्में है तो 100 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी। चने की बुवाई करने की सही विधि और तरीका सीडड्रिल है।

बीज बुवाई के लिए आप सीडड्रिल विधिका उपयोग करे तो सब से अच्छा रहेगा पर कई किसान भाई इन के बीज बुवाई पोरा ढंग से करते है। और चने की फसल पंक्ति में की जाती है। पंक्ति से पंक्ति की दुरी एक फिट से दौड़ फिट की राखी जाती है। और बीज की जमीन में गहराई 5 से 7 सैमी की राखी जाती है।

चने का उत्पादन और लाभ

चने की फसल बीज बुवाई के बाद 100 से 120 दिन में पूरीतरह से पक के कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इन की फसल में जब पौधे के पत्तो का रंग हल्का पीला दिखाई दे और दाने कठोर हो जाए तब पौधे की कटाई कर लेनी चाहिए। कटाई के बाद पौधे को धुप में अच्छे से सूखने के लिए रखा जाता है। अच्छे से सुखजाने के बाद थ्रेशर की मदद से दाने को अलग कर के बोरी में भरलिया जाता है।

चने की एक हैक्टर में फसल की है तो 17 से 20 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है। चने की बाजारी मांग साल भर रहती है इस लिए इन के मार्किट भाव अच्छा मिलता है। जैसे की एक क्विंटल का 7 से 9 हजार रुपए तक के होते है। इस प्रकार चने की फसल एक हैक्टर में से 80 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक की कमाई कर शकता है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को चने की फसल में रोग और कीट से छुटकारा कैसे पाए (Chane Ki Fasal Me Rog Aur Kit Se Chutkara Kaise Payen) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को चने की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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