कपास की यह टॉप 6 वैरायटी अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है, जो गुजरात के किसान को बना देंगी मालामाल

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Cotton Ki Top 6 Varieties Gujarat Me

कपास की टॉप 6 वैरायटी गुजरात में (Cotton Ki Top 6 Varieties Gujarat Me) : हमारे देश भारत के कई राज्य में कॉटन की खेती किसान करते है। इन में से गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान आदि राज्य में कपास की खेती की जाती है। भारत में इन सभी राज्य में कपास की खेती किसान करते है। गुजरात कपास की उत्पादन में भारत में नंबर 1 है। गुजरात के सभी किसान कपास की अधिक उपज के लिए कॉटन की उत्तम वैराइटी की पसंदगी करते है।

भारत के गुजरात राज्य में कपास की खेती बड़े पैमाने में किसान करते है और अधिक मुनाफा भी प्राप्त करते है। कॉटन की खेती को सफ़ेद सोने की खेती भी कहेते है। कपास एक रेसे वाली फसल है। कपास के रेसे में से कापड और बीज में से तेल भी निकाला जाता है। कपास की खेती में ज्यादा पैदावार के लिए उन्नत किस्मे के बीज की बुवाई करनी चाहिए।

गुजरात में हालही कपास की उन्नत किस्मे में 6 प्रकार के वैराइटी प्रसिद्ध है। जैसे की एटीएम, राशि 659, नवाब, आशा, अजित 111, सैराट, जयभेरी इन वैराइटी के बीज की मांग गुजरात राज्य में सब से अधिक है। आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम हम जानेंगे की गुजरात में कपास की कौन कौन सी वैरायटी की खेती किसान करते है। और कपास की कौन सी वैरायटी सब से अधिक उत्पादन देती है। इन सभी बाते पर विस्तार से जानेंगे इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

कपास की टॉप 6 वैरायटी गुजरात में (Cotton Ki Top 6 Varieties Gujarat Me)

हमारे देश भारत में कपास की खेती कई राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है। और कपास की खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए हमारे देश के कृषि वैज्ञानिकों अलग अलग जलवायु और मिट्टी में अच्छे से विकास कर शके और अच्छा उत्पादन प्राप्त हो शके ऐसे कई कपास की उन्नत किस्में के बीज तैयार किए है।

आमतौर पर कपास की कई सारी उन्नत किस्में है इन में से कुछ कपास की वैरायटी गुजरात राज्य के तापमान और जलवायु में अच्छे से विकास करती है और अधिक उत्पादन देती है। इस लिए यह कपास की उन्नत किस्में गुजरात के किसान को मालामाल बना रही है।

कॉटन की टॉप 6 वैराइटी इन गुजरात

गुजरात में आम तो कॉटन की कई सारि वैराइटी के बीज की बुवाई किसान करते है। किंतु कॉटन की टॉप 7 किस्मे के बीज की बुवाई कर के कॉटन की पैदावार में बड़ोतरी कर शकते है। आज के ज़माने में कई सारी सीड्स कंपनी है जो कॉटन के बीज की पैकेज बनाते है और बेचते है। कपास की उत्तम वैराइटी के बीज जास परख के खरीदना चाहिए।

कॉटन के बीज खरीद ते समय कई बातो का ध्यान रखना चाहिए। जैसे की कपास के बीज के पैकेज पर Bollgard ।। लिखा होना चाहिए। और लोट नंबर एवं लेबल नंबर भी देखना चाहिए। कपास के बीज की खरीदी करते समय सरकार मान्य बीज के पैकेज की ख़रीदे और उसी बीज की बुवाई करे और ज्यादा उपज पाए।

गुजरात में सब से ज्यादा इन कपास के बीज की बुवाई करते है एटीएम, राशि 659, नवाब, आशा, अजित 111, सैराट, जयभेरी इस प्रकार की उन्नत किस्मे की मांग ज्यादा है।

एटीएम (ATM) कॉटन वैराइटी

एटीएम : इस कपास की वैराइटी को कावेरी सीड्स लिमिटेड कंपनी द्वारा तैयार की गई कॉटन किस्म है। एटीएम कॉटन की वैराइटी की बुवाई गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और कर्णाटक आदि राज्य में एटीएम (ATM) कपास के बीज की बुवाई किसान करते है।

एटीएम कपास की अवधि 160 से 170 दिन की होती है पर अलग अगल विस्तार में अलग अलग होती है। कपास के बीज की रोपाई मई महीना या जून महीने में करते है। कपास की एटीएम वैराइटी में रस चूसने वाले कीत ना के बराबर अटेक करते है। इस में रस चूसने वाले कीट अटेक नहीं करते और इस के सामने रोग प्रतिकारक शक्ति अधिक होती है।

एटीएम कपास की फसल में 6 से 7 सिंचाई की आवश्यकता होती है। पर बारिश कम होने से दो से तीन सिंचाई का फर्क रह जाता है। इस कपास के बीज की बुवाई कतार में की जाती है। कपास की फसल कतार में की जाती है पर कतार से कतार की दुरी 4 फिट की और पौधे से पौधे की दुरी 1.5 फिट रखी जाती है। इस वैराइटी की उत्पादन की बात करे तो एक अकड़ में से 15 से 17 क्विंटल तक की पैदावार प्राप्त होती है।

राशि 659 (RCS 659 BG।।) कॉटन वैराइटी

राशि 659 : इस कपास की वैराइटी को राशि सीड्स कंपनी एलटीडी द्वारा तैयार की गई कॉटन किस्म है। कपास की इस वैराइटी अवधि 155 से 165 दिन की होती हैं पर विविध मिट्टी में विविध समय पर होती है। यह कपास की वैराइटी की बुवाई मई से जून महीने में की जाती है।

कपास की इस वैराइटी में पतों पर रस चूसने वाले कीट कम अटेक करते है। इस किस्मे को 5 से 6 सिंचाई की जरूरत पड़ती है। इस किस्मे के कपास के टिंडे बड़े आकर के होते है। कपास की इन वैराइटी के एक अकड़ में बुवाई की है तो 14 से 16 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर शकते है। इस के क़तर से क़तर की दुरी 4 फिट और बीज से बीज की दुरी 1.5 फिट रखनी चाहिए।

इस किस्मे के कपास की बुवाई गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्णाटक, तेलंगाना आदि राज्य में किसान करते है।

नवाब (NAWAB GOLD PCH 879 BG।।) कॉटन वैराइटी

नवाब : इस कपास की वैराइटी को प्रभात सीड्स कंपनी द्वारा तैयार की गई कॉटन किस्म है। कपास की इस वैराइटी खासियत ए है की इस के पौधे 4.5 से 5 फिट की ऊंचाई के कद के होते है। इस किस्मे के पौधे में प्रत्येक टिंडा 5 से 5.5 ग्राम का होता है।

कपास के बीज की बुवाई मई से जून महीने में किसान करते है। इस वेरती में एक और खासियत है जो CLCV वायरस के सामने प्रतिरोधक है। इस वैराइटी के पौधे को 4 से 6 सिंचाई की आवश्यकता होती है। इस के उत्पादन की बात करे तो एक अकड़ में 15 से 16 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त कर शकते है।

आशा (ASHA NCS 9011 BG।।) कॉटन वैराइटी

आशा : इस कपास की वैराइटी को नुजीविडू कंपनी द्वारा तैयार की गई कॉटन किस्म है। आज कल आशा किस्मे के कपास वैराइटी की डिमांड बाजार में बहुत बढ़ती जा रही है। इस कपास की वैराइटी के पौधे बहुत हाइट के होते है। इस किस्मे के टिंडे बड़े आकर के होते है। इस के पौधे 5 फिट से अधिक लम्बा होता है और पौधा खुला होता है। इस वैराइटी के पौधे को 5 से 6 सिंचाई जरूरत पड़ती है।

इस किस्मे के कपास के पौधे में कीट प्रतिरोधक शक्ति अधिक होती है और इस की बुवाई मई महीने में या जून महीने में किसान करते है। इस वैराइटी के की चोबाई पंक्ति में की जाती है और कतार से कतार की दुरी 4 से 4.5 फिट की रखते है और बीज से बीज की दुरी 1.5 से 2 फिट की रखी जाती है। इस वैराइटी के कपास के रेसे की लम्बाई अच्छी होती है और टिंडा भी काफी बड़ा होता है। एक अकड़ में से 14 से 15 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त कर शकते है।

सैराट (TULASI 171 BG।।) कॉटन वैराइटी

सैराट : इस कपास की वैराइटी को तुलसी सीड्स PVT LTD कंपनी द्वारा तैयार की गई कॉटन किस्म है। कपास की इस वैराइटी में टिंडे हारबंध आते है। पत्येक पौधे पर कई सारे टिंडे मौजूद होते है। इस किस्मे के कपास वजन में अधिक और विनाट में सरल होता है। इस वैराइटी के कपास एक अकड़ में से 15 से 16 क्विंटल तक की कपास की पैदावार प्राप्त कर शकते है। इस के बीज की बुवाई कतार में की जाती है और कतार से कतार की दुरी 4 फिट की रखी जाती है।

सैराट के बीज से बीज की दुरी 1.5 फिट रखी जाती है। और इस की बुवाई मई से जुलाई महीने में की जाती है। आज के ज़माने में किसान सैराट बीज की मांग बहुत करते है। इस किस्मे के कपास के पौधे खुल्ले और उचाई भी काफी होती है। इस किस्मे में चूषक कीट के प्रति रोधक होता है इस में वाइरस भी नहीं लगता। कपास की इस वैराइटी की उपज एक अकड़ में से 14 से 16 क्विंटल तक की प्राप्त कर शकते है। आज कल बाजार में इस वैराइटी की मांग काफी है।

जयभेरी (ZCH 547 BG।।) कॉटन वैराइटी

इस कपास की वैराइटी को रॉयल सीड्स PVT LTD कंपनी द्वारा तैयार की गई कॉटन किस्म है। जयभेरी पानीवाली और कम पानीवाली सभी प्रकार की जमीन के लिए अनुकूल वैराइटी है।

यह वेराईटी सभी प्रकार के किट और फंगस के आगे सहनशिल और मजबुत एवं मजबुत जडो की वजह से पौधे में सूख ने की समस्या ना के बराबर होती है।जयभेरी कपास की वेराईटी मे मध्यम एवं बड़े टिंडे उसका वजन 5.5 से 6 ग्राम प्रति टिंडे की रहती है और रु की क्वालिटी बहुत अच्छी और एक टिंडे में 25 से 27 सिड्स कि संख्या के साथ वजन बढिया देती हैं।


जयभेरी कपास की वेराईटी मे टिंडे की बैठक नजदीक नजदीक आते हैं। इस किस्मे के कपास विनाट में अच्छे होते है। इस के पत्येक पौधे में 100 से अधिक टिंडे होते है। जयभेरी कपास वैराइटी की उपज एक अकड़ में 15 से 16 क्विंटल तक की प्राप्त होती है और बाजार में आज कल जयभेरी कपास के बीज की काफी मांग है।

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FAQ’s

कपास बोने का सही समय कौन सा है?

कपास बोन का सही समय मनसूर में बारिश हो जाने के बाद करनी चाहिए। कपास की फसल की बोन का महीना मई से जून महीना है। इस महीने में कपास के बीज की बुवाई हो जाती है।

कपास की खेती कैसे मिट्टी में की जाती है?

कपास की खेती काली मिट्टी में सब से अधिक पैदावार देती है। कपास की बुवाई आम तो रेतीली मिट्टी में बलुई दोमट मिट्टी में भी की जाती है और उपज भी अच्छी प्राप्त होती है।

1 एकड़ में कितना कपास का उत्पादन कर शकते है?

कपास का अच्छा उत्पादन प्राप्त कारण के लिए कपास की अच्छे से देखभाल करनी होती है। एक अकड़ में से तक़रीबन 15 से 17 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर शकते है।

कपास कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?

कपास की बुवाई कतार में की जाती है और कतार से कतार की दुरी 4 फिट की रखी जाती है और बीज से बीज की दुरी 1.5 फिट रखी जाती है कई लोग 2 फिट की दुरी भी रखते है।

कपास में कौन सा खाद डाला जाता है?

कपास में सड़ा गोबर की खाद, यूरिया, डीएपी, म्यूरेट पोटाश, सुपर फास्फोर, जिंक, सल्फर, और वर्मीकम्पोष्ट जैसे खाद डालना चाहिए। कपास के पौधे की अच्छी विकास और कॉटन की अधिक पैदावार के लिए खाद जरूर डाले।

सारांश

नमस्ते किशान भाईयो इस आर्टिकल के माध्यम से आपको कॉटन की टॉप 6 वैराइटी इन गुजरात में (Cotton Ki Top 6 Varieties Gujarat Me) इन के बारे में बारीक़ से जानकारीमिली होगी।

कॉटन की उन्नत किस्मे कौन कौन सी है। इन के बारेमे भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा। कपास की खेती कब और कैसे की जाती है इन के बारे में भी बहुत कुछ बताया है।

कॉटन की खेती एक एकड़ में करे तो उपज कितनी प्राप्त कर शकते है। और कॉटन की खेती में कौन कौन से खाद और कितना देना चाहिए। इन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

कपास की खेती में ए आर्टिकल आप को बहुत हेल्पफुल होगा। उम्मीद रखते है की ए आर्टिकल आप को बहुत पसंद भी आया होगा। इस लिए ए आर्टिकल को अपने सबंधी एवं मित्रो और किशान भाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।

कपास की टॉप 6 वैराइटी इन गुजरात में इन आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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