धान हमारे भारत के अलावा भी कई देशों में मुख्य खाद्य फसल है और पुरे विश्व की आधी से भी ज्यादा लोगो को भोजन प्रदान करता है। इतना ही नहीं यह धान की फसल हमारे देश के अलावा भी बहुत विस्तार में बोई जाती है। हमारे देश भारत के कई राज्य में भी अधिक किसान धान की फसल उगते है। और इस धन की फसल की अच्छे से ध्यान रखे तो इन की फसल में अच्छा मुनाफा प्राप्त कर शकते है।
आज के इस आर्टिकल में हम धान में लगने वाले प्रमुख रोग के बारे में और इन रोग का नियंत्रण कैसे करे इन के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे और धान की फसल में जो किसान को अधिक नुकशान होता है इन से किसान कैसे बचे इन के बारे में भी बहुत कुछ जानेगे तो आई ए ज्यादा देरी किस बात की यह आर्टिकल में धान की फसल में झुलसा रोग का उपचार कैसे करे (Dhaan Ki Fasal Me Jhulsa Rog Ka upchar) के बारे में अच्छे से बात करेंगे।
हमारे देश भारत में धान की फसल कुछ विस्तार में कटाई के लिए तैयार हो गई है तो कोई विस्तार में कटाई के लिए कुछ समय की देरी है। इस समय धान की खेती में कई सारे रोग एवं किट अटैक करते है और इन कीट और रोग का सही समय पर नियंत्रण करना चाहिए नहीं तो किसान को बहुत नुकशान भुगतना पड़ शकता है। हमारे कृषि वैज्ञानिकों ने इस रोग और कीट के नियंत्रण के लिए कुछ बाते का ध्यान रखने की बात की है। धान की फसल में लगाने वाले रोग एवं उपचार (Dhaan Ki Fasal Me Lagne Vale Rog avm Upchar)
हमारे कृषि वैज्ञानिकों का कहना है की इस समय धान की फसल में जीवाणु पती झुलसा रोग लगने का खतरा अधिक रहता है। जीस धान की फसल में आप को पतिया का रंग पीले और पतों पर धब्बे दिखाई दे तब आप सावधान हो जाए इन की वजे से धान की फसल में बहुत नुकशान होने वाला है यह शुरूआती समय में तो पती पड़ती है बाद ने यह पती पूरी पीली पड़ जाती है। इन के नियंत्रण के लिए हमारे कृषि एक्सपर्ट ने बताया है की कांपर हाइड्रोक्साइड 1.25 किलोग्राम एक हैक्टर के हिसाब से और 150 लीटर पानी में अच्छे से घोलमिला के 8 से 10 दिन के अंतर में अच्छे से छोडकाव करना चाहिए।
हमारे कृषि एक्सपर्ट का कहना है की अगर किसान के बासमती धान की फसल की बुवाई की है तो इस में भी आभासी कंद रोग के अटैक का खतरा रहता है। इस बीमारी की वजे से धान की फसल में जो पौधे पर लगे दाने आकर में दाने फूल के पीले रंग के हो जाते है। इन का अटैक देखते ही आप इन का नियंत्रण करे नहीं तो सारि फसल बर्बाद हो शक्ति है और किसान को काफी नुकशान भुगतना होगा। इस बीमारी के नियंत्रण के लिए आप ब्लाइटोक्स 50 की 500 ग्राम नाप लेकर एक एकड़ के हिसाब से 8 से 10 दिन के अंतर में 2 से 3 छिड़काव कर शकते है
हमारे कृषि एक्सपर्ट का यह भी कहना है की धान की फसल में इस मौसम के अनुसार नष्ट करने वाली भूरे फुदको का भी अटैक देखने को मिल शकता है इस लिए किसान को अपनी धान की फसल में पौधे की निचले हिच्चे में मच्छरनुमा कीट की भी देखरेख रखनी चाहिए।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को धान की फसल में झुलसा रोग का उपचार कैसे करे (Dhaan Ki Fasal Me Jhulsa Rog Ka upchar) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को धान की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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