Dhaniya Ki Sabse Acchi Unnat Kism Konsi Hai : धनिया की सबसे अच्छी उन्नत किस्में कौन सी है? धनिया एक मसाला वर्गी फसल है जो स्वाद और खुश्बू से पुरे विश्व में जानी जाती है। इन की हरी पतिया कई सारी सब्जी में इस्तेमाल करते है जीन के करन सब्जी का स्वाद बढ़ जाता है। धनिया की बाजारी मांग सालभर मार्किट में बनी रहती है इस लिए इन की उन्नत किस्में की बुवाई कर के किसान बंपर उत्पादन के साथ अच्छी कमाई कर के अधिक मुनाफा प्राप्त कर शकते है।
धनिया की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने केलिए किसान को इन बातो का ध्यान रखना चाहिए। जैसे की मिट्टी की पसंदगी, तापमान और जलवायु, धनिया की उन्नत किस्में जो कई रोग एवं कीट के सामने प्रतिरोधक है। इन किस्मो का उसित समय पर बीज बुवाई करे। इनके अलावा योग्य साम्य पर खाद और सिंचाई करे।
धनियाकी फसल के लिये मिट्टी की पसंदगी।
धनिया की फसल आम दौर पर हम सभी प्रकार की मिट्टी में कर शकते है। पर धनिया की फसल से अधिक उत्पादन और पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए बलुई दोमट मिट्टी में करे। जमीन का P.H.आंक 5 -7 के बिच का अच्छा माना जाता है।
तापमान और जलवायु।
धनिया की फसल में तापमान के लिये न्यूनतम तापमान 15℃ और अधिकतम तापमान 30℃ तक का सही माना जाता है। इनसे अधिक तापमान धनिया की फसल को ग्रोथ के लिए बाधा रूप हो शकता है। पर सामन्य तापमान 20℃ से 27℃ तक का सही माना जाता है।
धनिया की बुवाई के लिए जमीन को कैसे तैयार करे?
सबसे पहेल हमें मिट्टी को अच्छी तरीके से गहरी जुताई करनी होगी। आखरी जुताई से पहले सड़ी गोबर की खाद डालके मिट्टी में अच्छे से मिला देनि चाहिए। इन के बाद पट्टा चलाके जमीन को समतल करे और उसके बाद जरूरी दूरी रख कर बुवाई के लीए क्यारीया तैयार करे।
धनिया की सबसे अच्छी उन्नत किस्में कौन सी है? (Dhaniya Ki Sabse Acchi Unnat Kism Konsi Hai)
धनिया की खेती के लिए हमें उसकी सबसे अच्छी किस्म का ज्ञान होना जरूरी है। धनिया की उन्नत किस्मे बाजार में कई सारी उपलब्ध है। जे से की सिम्पो एस 33, स्वाति किस्म, राजेंद्र स्वाति किस्म, गुजरात कोरिनेडर 1, आर सी आर 446, जी सी 1, जी सी 2, इनके अलावा भी कई सारी धनिया की उन्नत किस्मे है। तो आइए विस्तार से जानते है उन सभी किस्मे के बारे मे।
सिम्पो एस 33 : इस किस्म रोग के सामने प्रधिरोधक है। पौधे की लम्बाय भी मध्यम होती हे उसके कारण हमें बाजार में अच्छा दाम मिलता है। फसल को तैयार होने में करीब 135 से 155 दिन का समय लगता है। इस किस्में की बुवाई किसान ने एक एकड़ में की है तो 8 से 9 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
स्वाति किस्म : धनिया की यह उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद 80 से 90 दिन तक का समय लगता है। धनिया की इस उन्नत किस्में की खेती किसान ने एक हैक्टर में की है तो 750 से 850 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
राजेंद्र स्वाति किस्म : धनिया की यह उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद 190 से 110 दिन बाद तैयार हो जाती है। और उत्पादन की बात करे तो एक हैक्टर में से 1250 से 1350 किलोग्राम तक का प्राप्त होता है।
गुजरात कोरिनेडर 1 : धनिया की इस किस्में के बीज साइज में थोड़े बड़े होते है। और इन बीज का रंग हरा होता है। इन के बीज बुवाई के बाद 100 से 110 दिन का समय लगता है। इन बीज की खेती किसान ने एक हैक्टर जमीन में की है तो 1050 से लेकर 1150 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
आर सी आर 446 : धनिया की यह उन्नत किस्में की बुवाई ज्यादातर असिंचित विस्तार में अधिक किसान भाई करते है। यह किस्में के बीज मुख्य खेत में बुवाई करने के बाद 110 से 115 दिन में तैयार हो जाती है। और एक एकड़ जमीन मेसे 4.5 से 5.5 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
जीसी 1 : धनिया की यह उन्नत किस्में के बीज बुवाई के बाद 100 से 110 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इन के दाने माध्यम आकर के और पीले रंग के होते है। इन की एक एकड़ जमीन में फसल की है तो तक़रीबन 5 से 6 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
जी सी 2 : धनिया की यह किस्में के पौधे लंबे और घने होते है। इन के बीज की बुवाई के बाद 100 से 110 दिन का समय गलता है। और एक एकड़ में से 5 से 6 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
धनिया के उन्नत किस्में के बीज बुवाई करने की सही विधि
धनिया की विविध उन्नत किस्मे की बुवाई अक्टूबर महीने में या तो नवंबर महीने के पहले समप्ताह तक किसान बंधू करते है और अच्छा उत्पादन के साथ अच्छी कमाई कर के अधिक मुनाफा प्राप्त करते है। धनिया की फसल कतार में की जाती है। और कतार से कतार की दुरी 30 सेमी की रखनी चाहिए और बीज से बीज की दुरी 15 सैमी तक की रखने से अच्छा उत्पादन मिलता है। और इन के बीज की बुवाई करने की सहि विधि पोरा ढंग है। इन के एक एकड़ जमीन में बीज 8 से 10 किलोग्राम की आवश्यकता होती है।
खाद और सिंचाई
धनिया की फसल की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन के लिए योग्य समय पर खाद देना बेहद जरुरी है। धनिया की खेत तैयारी के समय सड़ी गोबर की खाद, नाट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, जिंक सल्फर, 2:2:2:1 इन सभी खाद योग्य मात्रा में देनी चाहिए। और सिंचाई की बात करे तो जमीन की नमी बनी रहे इस लिए समय सर हल्की सिंचाई करते रहे।
धनिया की फसल से उत्पादन और कमाई
धनिया की विविध किस्में बुवाई के बाद 100 से 130 दिन के बाद तैयार हो जाती है। धनिया की कटाई आप दो तरीके से कर शकते है। एक इन के हरी पतियों की और इन के बीज प्राप्त करने के लिए। हरी पतियों की कटाई आप पौधे से कभी भी कर शकते है पर बीज प्राप्त करने के लिए आप को कुछ महीने का इंतजार करना होगा जे से की पौधे की पतिया जब पीले पड़ जाए और पौधे से गिर जाए तब बीज अच्छे से पक जाते है। तब इन के पौधे की कटाई कर लेनी चाहिए।
पौधे की कटाई के बाद इन पौधे को दो से तीन दिन धुप में सुखाया जाता है। जब अच्छे से सुख जाता है तब पौधे के डठल से इन बीज को अलग कर लिया जाता है। धनिया की एक हैक्टर खेत में से 15 से 16 क्विंटल तक का बीज उत्पादन होता है। और धनिया के बीज का बाजारी भाव 60 से 65 रुपए तक के होते है। इन की एक बार की
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को धनिया की सबसे अच्छी उन्नत किस्में कौन सी है? (Dhaniya Ki Sabse Acchi Unnat Kism Konsi Hai) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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