दुनिया का सब से महंगा मसाला केसर की खेती कर के किसान अच्छी कमाई कर शकता है।

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केसर एक मसाला वर्गी फसल है. इस केसर को वसुधरा का सोना भी कहा जाता है। केसर दुनिया का सब से महंगा मसाला है। केसर की खेती (Saffron Cultivation) हमारे देश भारत के कुछ राज्य में किसान करते है।

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हमारे देश भारत में केसर की खेती (Kesar Ki Kheti) हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उतराखंड के कुछ विस्तार में किसान बड़े पैमाने में करते है और अच्छी उपज के साथ साथ कमाई भी अच्छी करते है।

केसर का पौधा सुगंधीदार होता है। केसर के पौधे पर खिलने वाले फूल का रंग बेंगनी, सफ़ेद और नीले होते है। इन फूलो के बिच में नारंगी या लाल रंग के तीन मादा होते है इन मादा को वर्तिकाग्र कहा जाता है और यही केसर के नाम से जाना जाता है।

हमारे कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव और खोज के कारण आज के ज़माने में केसर की खेती मैदानी विस्तार में और उत्तरप्रदेश के बुंदलेखंड के विस्तार में भी सफलता पूर्वक किसान कर शकते है और अधिक मुनाफा भी पा शकता है।

आज हम सब जानते है की सोना, चांदी, बहुत महंगा है पर केसर के दाम सुनते आप की पेरोतलेसे जमीन भी खीचक जाएंगी क्यों की एक किलोग्राम केसर का दाम बाजार में लगभग 3,00,000 रुपये है या तो इन से भी ज्यादा है।

आज के इस आर्टिकल के अंत तक आप हमारे साथ बने रहे ताकि आप के मन में केसर की खेती के बारे में जो भी सवाल है इन सभी सवाल के जवाब आप को इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएँगे।

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केसर की खेती के लिए मिट्टी की आवश्यकता कैसी होनी चाहिए।

केसर की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में नहीं कर शकते पर केसर की खेती के लिए बलुई या बलुई दोमट, चिकनी मिट्टी, रेतीली मिट्टी, बंजर मिट्टी में कर शकते है।

केसर की खेती के लिए खेत तैयारी में अच्छे से दो से तीन बार गहरी जुताई के बाद एक हेक्टर के हिसाब से सड़ी गोबर की खाद 13 से 15 टन, नाइट्रोजन 80 किलोग्राम, फॉस्फोरस 60 किलोग्राम और पोटाष योग्य मात्रा में डाल ना चाहिए।

केसर की फार्मिंग में जुताई हो जाने के बाद पाटा चला के ज़मीन को समतल कर लेना चाहिए ताकि बाद में जलभराव की शमश्या टल जाए। इन की खेती में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।

केसर की खेती में जलभराव हो ने से केसर के पौधे का कंद सड़ने लगता है और पौधे जमीन से जरूरी पोषक तत्व नहीं ले पाते और कुछ दिन बाद पौधा सुख के नष्ट हो जाता है।

केसर की खेती में सिंचाई जब भी करे जरूरियात मुजब हल्की सिंचाई करे जे से की जमीन की नमी बनी रहे और जल भराव ना हो शके इस प्रकार सिंचाई करनी चाहिए।

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केसर की खेती का सहि समय क्या है?

केसर की खेती करने का सही समय है जुलाई महीने से अगस्त का महीना पर केसर की फसल जुलाई महीने के 15 दिन बाद करे तो व्ही समय सब से अच्छा माना जाता है।

केसर की खेती के लिए मुख्य खेत में पहेले 5 से 7 सेंटीमीटर के खड्डे तैयार करना होगा बाद में इन खड्डे में केसर के कंद की रोपाई करे और पौधे से पौधे की दुरी कम से कम एक सेंटीमीटर की रखनी चाहिए।

केसर की खेती इस प्रकार करने से केसर के पौधे की अच्छे से विकास होती है और इन के पौधे पर निकल ने वाले फूल भी अच्छे से खिलते है और पराग भी अधिक मात्रा में निकलेंगे।

केसर के कंद की मुख्य खेत में रोपाई करने के बाद 20 दिन के अंतर में दो से तीन हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है। केसर के पौधे जब 3 से 4 महीने के हो जाते है तब इन के पौधे को कम से कम 8 घंटा धुप की आवश्यकता होती है।

केसर की खेती में बहुत ठंड पड़ने से भी इन के पौधे सुख के नष्ट हो जाते है। केसर के पौधे अक्टूबर महीने में फूलना शुरू हो जाते है इस केसर के पौधे पर सुबह सारे फूल खिल उठते है और जैसे जैसे दिन बढ़ता है वैसे वैसे फूल मुरझा ते है।

केसर के पौधे पर फूल से केसर की कटाई सूर्योदय से लेकर सुबह 9 से 10 बजे तक ही करनी चाहिए ताकि केसर उत्तम प्रकार की और अच्छी गुणवत्ता वाली केसर की प्राप्ती होती है।

सारांश

यदि यह केसर की खेती (Saffron Cultivation) की जानकारी आप को पसंद आई हो और इस आर्टिकल से आप संतुष्ट है ऐसी उम्मीद रखते है हम ।

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केसर की खेती (Kesar Ki Kheti) इस आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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