गेहूं की फसल में पहली खाद कौनसी डालें (Gehu Ki Fasal Me Pahli Khad Konsi Dale) : हमारे देश भारत में कई राज्य में गेहूं की खेती किसान भाई करते है पर कई किसान को गेहूं की फसल में सिचाई कब करे इन के बारे में बहुत जानकारी नहीं होती इन के वजे से किसान को गेहूं की फसल से अधिक उत्पादन नहीं मिलता और निराश हो जाते है। पर आज के इस आर्टिकल में हम आप को गेहूं की फसल में पहेली सिंचाई पर देने वाले खाद और कितनी मात्रा में देना होगा इन के बारे में बहुत कुछ जानकारी देंगे। ताकि किसान को गेहूं की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त हो शके।
गेहूं की पहेली सिंचाई कब करे
गेहूं की फसल में पहेली सिंचाई करने का कोई पका समय नहीं होता हमने कई बार किसी ना किसी किसान से चुना है और कई बार पढ़ा है की गेहूं की फसल में पहेली सिंचाई 25 से 30 दिन बाद कर देनी चाहिए। पर ऐसा बिलकुल नहीं है गेहूं की पहेली सिंचाई आप की जमीन (मिट्टी) पर निर्भर रहती है। किसी भी फसल है इन में सिंचाई मिट्टी की नमी पर डिपेंट करती है। मिट्टी में नमी ज्यादा संग्रह करने की शक्ति है तो पहेली सिंचाई 25 दिन के बाद करनी होगी पर मिट्टी की नमी ज्यादा संग्रह करने की शक्ति नहीं है तो 20 दिन पहेली सिंचाई करनी होगी।
गेहूं की फसल में पहेली सिंचाई कब करनी है यह सही समय निर्धारित करने के लिए आप खेत में जाकर गेहूं के छोटे पौधे को जमीन से निकले और पौधे के जड़ में मिट्टी अच्छे से चिपक के रहे तो सिंचाई की कोई आवश्यकता नहीं है। पर जब पौधे जमीं से निकले और जड़ के साथ मिट्टी नहीं चिपकी रहे तब आप को सिंचाई कर देनी चाहिए। गेहूं के पौधे के जड़ का जितना ग्रोथ ज्यादा होता है उनता उत्पादन ज्यादा प्राप्त होता है।
गेहूं की पहेली सिंचाई के साथ कौन कौन सी खाद और कितनी मात्रा में देनी चाहिए
गेहूं की बुवाई के साथ आप ने फास्फोरस, पोटाश खाद नहीं दी तो आप पहेली सिंचाई के साथ देनी चाहिए ताकि उत्पादन अधिक प्राप्त हो शके। गेहूं की फसल में यह खाद देने का यह आखरी समय है इन के बाद खाद देने से कोई फायदा नहीं होने वाला। कई बार किसान को DAP जैसे खाद बुवाई के समय नहीं मिलता तो कई बार किसान के पास बीज खरीदने के बाद पैसा भी नहीं होता इस लिए यह सब खाद नहीं ले पता है। गेहूं की फसल में DAP खाद बीज बुवाई के साथ आधी मात्रा और बाकि बची आधी मात्रा पहेली सिंचाई के साथ देनी चाहिए।
गेहूं की फसल एक एकड़ में 20 से 25 किलोग्राम DAP खाद की मात्रा लेनी है। और बीज बुवाई के साथ आप ने पोटाश नहीं डाला तो वे भी 20 से 25 किलोग्राम पहेली सिंचाई के साथ देनी चाहिए। पर कई किसान भाई ने यह सब खाद पहले से ही बीज बुवाई के साथ दाल दी है वे पहेली सिंचाई में यूरिया के साथ जिंक खाद डाले इन से अच्छा रिजल्ट मिलता है और उत्पादन में बड़ोतरी होती है। पर इन की सही मात्रा एक एकड़ में 60 किलोग्राम यूरिया और जिंक 21 प्रतिशत वाला 10 किलोग्राम और 33 प्रतिशत वाला 30 किलोग्राम इन दोनों खाद को अच्छे से मिला के गेहूं की फसल में हाथ की मदद से छोडकाव करे और बाद में सिंचाई कर शकते है।
यूरिया और जिंक का अच्छा रिजल्ट लेना है तो सिंचाई से पहले जिंक की पूरी मात्रा और यूरिया की आधी मात्रा का प्रयोग करे बाकि बची यूरिया सिंचाई के बाद डाले रिजल्ट तगड़ा देखने को मिलेगा।
गेहूं की फसल में मोइला रोग का नियंत्रण कैसे करे
गेहूं की फसल में मोइन रोग बहुत हानि पहुचाला है। इन का नियंत्रण करना बहुत जरुरी है। इन के उपचार में आप जब जिंक और यूरिया दे रहे है इन के साथ क्लोरोपैरिफ़ोर्स या तो कॉन्फीडोर इन के साथ साफ पावडर 500 ग्राम की मात्रा से एक एकड़ में ट्रॉप ड्रेसिंग में सिंचाई से पहले दे दीजिए। यह देने से गेहूं के पौधे की जड़ का अच्छा विकास होता है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को गेहूं की फसल में पहली खाद कौनसी डालें (Gehu Ki Fasal Me Pahli Khad Konsi Dale) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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