हमारा देश भारत एक खेती प्रधान देश है। हमारे देश के लगभग 65 से 75 प्रतिशत लोग खेतीबाड़ी पर आपनी आजीविका पर निर्भर है। आज के समय में और आज से सदियों पहेले की खेती में जमीन आसमान का अंतर है। आज इस आर्टिकल में हम जानेगे की जैविक खेती की संपूर्ण जानकारी (Jaivik Kheti Ki Sampurn Jankari) क्या है इन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
Benefits Of Organic Farming 2
आज से कई साल पूर्व खेती में रासायनिक दवाई और रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करते थे। किन्तु आज के समय में जनसख्या बढ़ जाने से अनाज, सब्जी वर्गी फसल और फ्रूट की मांग दिन प्रति दिन बढ़ती ही जाती है इस लिए लोगोने सभी फसल की उत्पादन समता बढ़ाने के लिए रासायनिक दवाई और रासायनिक खाद का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
खेती में रासायनिक दवाई और रासायनिक खाद का उपयोग करने से जमीन की उपजाव शक्ति कम होती है इन के आलावा लोगो में कई रोग और गंभीर बीमारी का शिकार भी बनते है। जैविक खेती या ऑर्गनिक खेती की संपूर्ण जानकारी (Complete information About Organic Farming) हासिल करेंगे।
आज के इस आर्टिकल में हम जैविक खेती के बारे में आप के मन में जो भी सवाल है इन सारे सवाल के जवाब आप को इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएंगे और इस ले लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।
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क्या आप जानते है की जैविक खेती क्या है?
जैविक खेती कोई नई खेती नहीं है ये तो पुरानी पद्धति की खेती है। इस प्रकार की जैविक खेती में रासायनिक दवाई और रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया जाता और जैविक खेती में अच्छे से सड़ी गोबर की खाद, वर्मीकम्पोष्ट, और विविध फसल के पते और खनिज पदार्थो का उपयोग किया जाता है।
जैविक खेती में फसल को जरुरी पोषक तत्व गोबर की खाद, वर्मीकम्पोष्ट, और हरी खाद द्वारा दिए जाते है। जैविक खेती प्रकृति एवं वातावरण को कोई नुकशान नहीं पहुंचाती और जमीन की उपजाव शक्ति बढ़ती है और उपज अधिक होता है।
जैविक खेती करने का तरीका
जैविक खेती करने के लिए आप को इस प्रकार की बातो का ध्यान देना होगा जैसे की मिट्टी की जआंच, जैविक खाद बनाने का तरीका, हरी खाद और वर्मीकपोष्ट बनाने का तरीका जो निचे दी गई जानकारी मुजब है।
अगर आज से आप ने मनो मन निचाई कर लिया है की में ऑर्गनिक खेती करूंगा तो आप को जैविक खेती करने के लिए पहेले तो आप अपनी जमीन की जांच करवा लीजिए। ताकि आप को पता चले की इस जमीन में कौन कौन से तत्व की कमी है और कैसे इन की पूर्ति करे। ज़मीन में जो भी तत्व की कमी है इस तत्व की पूर्ति के लिए आप गोबर की खाद, हरी खाद और वर्मीकम्पोष्ट का उपयोग कर शकते है।
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जैविक खाद कैसे बनाते है
जैविक खेती या ऑर्गनिक खेती के लिए आप के पास जरुरी मात्रा में जैविक खाद होना बेहद जरुरी है। और इस जैविक खाद को बनाने के लिए कौन कौन से पदार्थ की जरुरत होती है। जैविक खाद बनाने के लिए आप को पशु के गोबर और मूत्र की जरुरत होगी इस से ही जैविक खाद बनाते है। जैविक खाद जल्द तैयार करने के लिए आप को डिस्पोजर की जरुरत पड़ेगी और इस की मदद से 4 से 6 महीने में तैयार हो जाते है।
गोबर की खाद बनाने की विधि
गोबर की खाद बनाने के लिए आप को पहेले एक खड्डा खोद के तैयार करना होगा और इस खड्डे की लंबाई एवं चौड़ाई आप अपने हिसाब से रखे जितना आप को जैविक खाद की जरुरत है इतना रख शकते है पर उदहारण के लिए हम आप को बता दे की 3.5 फिट गहरा और 3.5 फिट चौड़ा 30 से 35 फिट लंबा खड्डा तैयार करना चाहिए।
इन खड्डे में पल्स्टिक का कागज अच्छे से बिछा दे और इन खड्डे में पशु गोबर और पशु पुत्र और फसल के पतों आदि पर के इन खड्डे को पानी से भर दे और मिट्टी से इन खड्डे को अच्छे से ढक देना चाहिए। बाद में 30 दिन बाद इन खड्डे को खोल के अच्छे से मिश्रित कर ले और ढक दे बाद में 3 महीने बाद फिर इस मिश्रित को अच्छे से मिला दे और ढक दे इस प्रकार दो बार मिश्रित करने से 4 महीने के बाद जैविक खाद तैयार हो जाता है और इस खाद को आप किसी भी फसल में उपयोग कर शकते है।
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वर्मीकम्पोष्ट केंचुआ की खाद कैसे तैयार करे
जमीन में जो बारिश के मौसम में दिखाई देते है वे केंचुए किसान का मित्र होते है पर हम क्या करते है इन केंचुए को रासायनिक दवाई और रासायनिक खाद जमीन में डाल के इन्हे मार देते है।
केंचुए जमीन की उपजाव शक्ति को बढ़ता है केंचुए की खाद तैयार कर ने के लिए आप को 4 से 6 किलोग्राम केंचुए, पशु गोबर एवं पशु मूत्र, फसल के पदार्थो और पतिया की जरुरत होती है
केंचुए की खाद बनाने के लिए आप लो छायादार एवं नम वातावरण की आवश्यकता होती है। इस की खेती सात के नीचे या घने पेड़ की छाया में करनी चाहिए। जीस जगह पर आप केंचुए की खाद बनाने जा रहे है उस जगह पर जल निकास की अच्छी वयवस्था करनी होगी।
केंचुए खाद तैयार करने के लिए एक लंबा चौड़ा खड्डा खोद के तैयार करे बाद में इन खड्डे में गोबर, फसल के पतों, थोड़ी मिट्टी और केंचुए मिला देने के बाद इन मिश्रण पर पनिका छिड़काव करे आप ने जो इन में केंचुए मिलाया है वे दो किलोग्राम की मात्रा से मिलाया है तो वे एक घंटे में दो किलोग्राम वर्मीकम्पोष्ट बना के तैयार कर शक्ति है।
जैविक खेती करने से क्या क्या लाभ होता है?
जैविक खेती करने से बहुत सारे लाभ होता है जो इस प्रकार के है जैसे की जमीन की उपजाव क्षमता में बड़ोतरी होती है और सिंचाई अंतर में भी वृद्धि देखने को मिलेंगी इन के अलावा रासायनिक दवाई और खाद का उपयोग नहीं करने से फसल में लगत कम होती है और उपज अधिक होती है उपज अधिक होने से मुनाफा भी बढ़ जाता है।
जैविक खाद और वर्मीकम्पोष्ट का उपयोग करने से जमीन की जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है और जमीं में से जो पानी का वाष्पीकरण होता है वे भी कम होता है। जमीन का जल स्तर ऊपर आता है और कचरे का उपयोग खाद बनाने के लिए किया तजा है इस लिए फसल में बीमारी भी कम आती है
नमस्ते मेरे किसान बंधू एवं मित्रो आज के इस आर्टिकल में हमने आप को जैविक खेती की संपूर्ण जानकारी (Jaivik Kheti Ki Sampurn Jankari) बड़ी आसानी से बताया है।
यह आर्टिकल आप को जैविक खेती (Jaivik Kheti) करने के लिए बहुत ही हेल्प फूल होगा ऐसी उम्मीद हम रखते है और यह आर्टिकल आप को पसंद आया है तो आप अपने सगा सबंधी एवं मित्रो और किसान बंधू को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे
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