काजू का कुल उत्पादन में 25 प्रतिशत उपज भारत में होता है। काजू एक सूखा मेवा हे और यह ड्राई फ्रूट और कई मिठाई में भी इस्तेमाल करते है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की काजू की खेती कब और कैसे करें (kaju ki kheti kab aur kaise kare) इन की जानकारी विस्तार से जानेंगे
आज के ज़माने में ड्राई फ्रूट की बाजार में अधिक मांग है इस लिए किसान भी इस की खेती की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे है और नई फसल की कई तकनीक से खेती करने में लगे है।
अगर आप कोई ऐसी खेती की तलास में है की इन खेती में नुकशान कम हो और मुनाफा अधिक हो तो आज हम एक ऐसी ही खेती की जानकारी आप को देंगे।
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किसान लखपति ही नहीं करोड़पति भी बन शकता है काजू की खेती कब और कैसे करें इन हिंदी
काजू की खेती से अधिक उपज प्राप्त कर के किसान कखपती ही नहीं करोड़पति भी बन शकता है प् काजू की खेती कब और कैसे करे इन की सहि जानकारी किसान को होनी चाहिए।
काजू की खेती को अनुकूल मिट्टी, तापमान और वातारवण, उत्तम प्रकार की किस्मे, योग्य समय पर सिंचाई, आदि बातो की जानकारी होनी चाहिए। और इस आर्टिकल के अंत तक आप को इन सभी बातो का पता चल जाएंगा।
जिसकी बाजार में बहुत अच्छी डिमांड हो और यह एक ऐसी खेती है की इस की खेती से को फल पक के तैयार होते है इन की मांग बाजार में शर्दी के मोसम में या गर्मी के मौसम दोनो में बाजार में इन की डिमांड और मांग भी काफी होती है।
इस को बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी बड़े चाव से सेवन करते है और छोटे गांव से लेवल बड़े शहर तक इन की मांग बड़े पैमाने में होती है।
हम जिस खेती की बात कर रहे है इन खेती का नाम हैं काजू की खेती हमारे देश भारत में खेती को लेकर कई तकनीक और तोर तरीके अपनाए जाते है और अधीन मात्रा में उपज भी लेते है।
काजू की कुल उत्पादन में भारत 25 प्रतिशत की उपज प्रदान करते है। काजू की खेती (When And How To Cultivate Cashew) हमारे देश के कई राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है और अधिक कमाई भी प्राप्त करते है।
हमारे देश भारत के महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, इन राज्य में किसान करते है इन के अलावा उतार प्रदेश एवं झारखंड में भी कई विस्तार में काजू की खेती कर रहे है।
आज के जमाने में हमारे देश भारत के कई किसान परंगपरागत खेती को छोड़कर नकदी फसल पर ज्यादा ध्यान दे रहे है और हमारे कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी नई खेती के तोरतरीके और उत्तम प्रकार के बीज का सुझाव देते है।
हमारे कृषि वैज्ञानिक को आज कई खेती की तकनीक और अधिक उपज देने वाली किस्में की खोज की है इन तकनीक से खेती आप करेंगे तो उत्पादन तो अधिक मिलेगा पर कमाई भी काफी हद तक प्राप्त कर शकते है।
काजू एक सूखा मेवा है और यह काजू बहुत ही लोकप्रिय मेवा है। काजू की फसल में काजू का पेड़ होता है और यह पेड़ 15 मीटर से अधिक उच्च होता है और 20 मीटर से कम होता है।
काजू के पौधे बुवाई के बाद ठीक 3 साल बाद फल देना शुरू कर देते है, काजू के फल में से काजू अलग हो जाने के बाद जो इन का छिलका होता है यह भी बहुत काम लगता है।
काजू के छिलके से लुब्रिकेट और पेंट बना कर तैयार होता है इसी लिए तो काजू की खेती बड़े फायदेमंद मानी जाती है काजू का छोटा पोधा या बड़ा पेड़ गर्मी के मोसम में भी बड़ी आसानी से विकास करता है। और गर्म तापमान को भी सहन कर शकता है।
काजू की खेती आम तो सभी प्रकार की मिट्टी में कर शकते है पर इन के पौधे की अच्छी विकास और काजू के पेड़ से अधिक मात्रा में फल प्राप्त करने के लिए इन की खेती बलुई दोमट मिट्टी में या लाल मिट्टी में अच्छे से होती है।
काजू के पेड़ की अच्छी वृद्धि और अधिक फल के लिए 21°C से 35°C तक का तापमान अच्छा माना जाता है।
काजू के पौधे तैयार करने की एक खास विधि है और इस विधि का नाम है, सफ्त वुड ग्राफ्टिंग और इन के अलावा भी काजू के पौधे तैयार कर शकते है जैसे की कलम विधि से भी पोधा तैयार कर शकते है।
काजू की खेती में जब काजू के पेड़ बड़े हो जाते है तब इन के बीच मुंगफली, सियाबिज, अरहर, बाजार, तिल, दाल आदि अंतर फसल की बुवाई कर के अच्छी मात्रा में उपज ले शकते है।
काजू की खेती में इस प्रकार की अंतर फसल की बुवाई कर के किसान ज्यादा कमाई कर शकते है। इसी लिए तो कहा जाता है की काजू की खेती कर के किसान लखपति ही नहीं करोड़पति भी बन शकता है।
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नमस्कार सर हमारे को काजु के पौधे कहॉ पर मिलता है ओर एक पौधे की रेट बताना सर जी ओर एक बिघा जमीन मे काजु के कितने पौधे लगाये जाते है सर जी ओर काजु के पौधे लगाने के कितने मे पानी लगाया जाता है सर जी प्रणाम सर जी वापस बताना सर