ककोड़ा एक सब्जी वर्गी फसल है, इन कंकोड़ा की खेती प्रासिनकाल से हमारे देश भारत में किसान करते है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे की कंकोड़ा की खेती कब की जाती है (Kakoda Ki Kheti Kab Ki Jati Hai) इन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
कंकोड़ा को अंग्रेजी में Spine Gourd और कई लोग तो इसे कंटोला, कंकोरा, कंकोडे आदि नाम से जानते है, कंकोड़ा की सब्जी को पोषक तत्व का भंडार भी कह शकते है। कंकोड़ा की मांग बाजार में बहुत होती है इस लिए इन की खेती कर के किसान अच्छी कमाई कर शकते है, इस कंकोड़ा की खेती में कम लगत है और अधिक मुनाफा प्राप्त कर शकते है।
कंकोड़ा की खेती हमारे देश भारत के कम राज्य में किसान करते है इस लिए इन की मांग भी बाजार में बनी रहती है, कंकोड़ा की सब्जी स्वाद में बडिया और मानव शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। कंकोड़ा की सब्जी खाने से कई प्रकार के रोग एवं बीमारी में रहत और ठीक भी हो जाते है जैसे की खासी, पित्तनाशक, हृदय रोग, कफ आदि बीमारी और रोगो से छुटकारा पा शकते है।
ककोड़ा की खेती कब की जाती है
कंकोड़ा की खेती मानसून में और गर्मी के मौसम में की जाती है। कंकोड़ा की खेती उष्णकटिबंधीय एवं उपउष्णकटिबंधीय दोनों विस्तार में आसानी से कर शकते है। कंकोड़ा की खेती ग्रीष्म ऋतु में जनवरी महीना या फरवरी महीना में कर शकते है और मानसूर में जुलाई महीने में कंकोड़ा की खेती करते है।
कंकोड़ा की खेती दोमट मिट्टी में एवं रेतीली मिट्टी में और चिकनी मिट्टी में अच्छे से विकास करती है। और इस प्रकार की मिट्टी में कंकोड़ा की बेल अधिक पैदावार देती है। कंकोड़ा की खेती के लिए जमीन का पी.एच. मान 5 से 7 के मध्यम का अच्छा माना जाता है। और जीस मिट्टी में कंकोड़ा की खेती करे उस मिट्टी की जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।
कंकोड़ा की खेत तैयारी में दो से तीन बार गहरी जुताई कर के जमीन को पाटा चला के अच्छे से समतल कर लेना चाहिए। बाद में उस जमीन पर 2 मीटर की दुरी रख के खड्डा खोद के तैयार किया जाता है। कंकोड़ा की फसल 22°C से 32°C तक का तापमान अच्छा माना जाता है। कंकोड़ा की खेती 60 से 75 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
कंकोड़ा की उन्नत किस्मे
कंकोड़ा की किस्मे इंदिरा ककोड़ 1, अम्बिका 12-1, अम्बिका 12-2, अम्बिका 12-3, इन सभी कंकोड़ा की प्रसिद्ध किस्मे में इंदिरा कंकोड़ा अती लोकप्रिय किस्मे है, इंदिरा कंकोड़ा की किस्मे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा दिल्ली में तैयार किया गया है। कंकोड़ा की यह हाइब्रिड किस्मे की खेती भारत के विविध राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है।
कंकोड़ा की यह उन्नत किस्मे की खासियत है की वे कई कीट और रोग के सामने बहुत रोग प्रतिरोधक साबित हुई है। यह हाइब्रिड कंकोड़ा की किस्मे के बीज बुवाई के बाद ठीक 30 से 35 दिन में उत्पादन देना शुरू हो जाता है। कंकोड़ा की यह किस्मे के बीज ट्यूबर्स में बुवाई करते है तो 65 से 75 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाते है। कंकोड़ा की यह हाइब्रिड किस्मे की उपज पहेले साल एक एकड़ में से 5 क्विंटल तक की उपज होती है। कंकोड़ा की यह किस्मे की खेती से तीसरे साल 8 से 9 क्विंटल तक की उपज मिलती है।
कंकोड़ा के बीज की बुवाई कैसे करे?
कंकोड़ा की खेती में बेड में बुवाई करनी है तो 2 सेंटीमीटर की दुरी में 3 बीज की बुवाई कर शकते है। और बेड से पत्येक बेड की दुरी 2 से 3 मीटर की राखी जाती है और पौधे से पौधे की 65 से 75 सेंटीमीटर की रखनी चाहिए।
कंकोड़ा की खेती पौधे लगा के भी कर शकते है और इन पौधे को नर्सरी में तैयार कर के बाद में मुख्य खेत में रोपाई कर शकते है। इस के लिए खेत में खड्डे तैयार किया जाता है बाद में इन खड़े में कंकोड़ा का पौधा रोपाई किया जाता है।
खेत में कंकोड़ा के पौधे की रोपाई पंक्ति में की जाती है और पंक्ति से पंक्ति की दुरी 4 से 4.5 की राखी जाती है और इन पंक्ति में खड्डे तैयार कर के कंकोड़ा के पौधे लगाई जाते है और इन में नर और मादा दोनों पौधे लगाई जाते है।
कंकोड़ा की खेती में खाद कौन सा और कितना डाले जाते है?
कंकोड़ा की फसल में कंकोड़ा की बेल की अच्छी विकास के लिए और कंकोड़ा की बेल से अच्छे फल के लिए इन्हे योग्य समय पर योग्य मात्रा में खाद देना बेहद जरूरी है। कंकोड़ा की फसल में सड़ी गोबर की खाद दाल के अच्छे से मिट्टी में मिला देनी चाहिए इन के आलावा रासायनिक खाद भी योग्य समय पर योग्य मात्रा में डालनी चाहिए।
कंकोड़ा की फसल में सिंचाई
कंकोड़ा की खेती में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। इन की सिंचाई बीज बुवाई के बाद या पौधे की रोपाई करने के बाद एक सिंचाई अवश्य कर लेनी चाहिए। कंकोड़ा की फसल में सिंचाई बारिश के मौसम में जरूरियात मुजब करे और गर्मी के मौसम में जमीन की नमी बानी रहे इस लिए सिंचाई हल्की करे ताकि जलभराव की शमश्या ना रहे।
कंकोड़ा की खेती में ज्यादा पानी भराव से कंकोड़ा की बेल को हानि पहुंचती है और जड़ गलन जैसे रोग भी लगते है और बेल सुख के नष्ट हो जाती है।
कंकोड़ा की कटाई और लाभ
कंकोड़ा की कटाई बीज बुवाई के बाद या पौधे रोपाई के बाद 75 से 85 दिन के बाद पहेली कटाई कर शकते है। और दूसरे साल 35 से 45 दिन के बाद पहेली कटाई शुरू हो जाती है।
कंकोड़ा की खेती में पहेले साल 5 क्विंटल तक की उपज मिलती है एक एकड़ के हिसाब से और दूसरे साल 7 क्विंटलऔर तीसरे साल 9 क्विंटल तक का कंकोड़ा की पैदावार बढ़ती जाती है और उत्पादन भी बढ़ता जाता है।
कंकोड़ा मानव शरीर के लिए बहुत लाभदायक है कंकोड़ा के सेवन से वल्डप्रेशर एवं कैंसर की बीमारी पेट का इंफेक्शन, खासी, सर्दी, इन सभी में फायदेमद साबित होता है।
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FAQ’s
कंटोला का बीज कब लगाना चाहिए?
कंकोड़ा के बीज दो मौसम में लगा शकते है एक तो गर्मी के मौसम में और मानसून के मौसम में इन के बीज बुवाई कर शकते है। और ग्रीष्म ऋतु में जनवरी महीना या फरवरी महीना में और मानसून में जुलाई के महीने में लगाई जाते है।
कंटोला का दूसरा नाम क्या है?
कंकोड़ा को कई नाम से जाना जाता है जे से की Spine Gourd और कई लोग तो इसे कंटोला, कंकोरा, कंकोडे आदि नाम से जानते है।
ककोड़ा कितने रुपए किलो है?
कंकोड़ा एक सब्जी वर्गी फसल है और इन का बाजारी दाम अच्छा मिलता है क्यों की कंकोड़ा की फसल बहुत कम किसान करते है और इन के सेवन करने से मानव शरीर को बहुत लाभ होता है इस लिए बाजार में इन का दाम 80 से 130 तक प्रति किलो के बिकते है।
कंटोला की सब्जी खाने से क्या होता है?
कंकोड़ा की सब्जी और अचार भी बना के सेवन कर शकते है जैसे की वजन कम करने में कैंसर के खतरे को कम करता है और डायबिटीज को कंट्रोल करने में, ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में इस प्रकार कंकोड़ा की सब्जी बहुत लाभदायक होती है।
कंटोला सब्जी में कितना प्रोटीन होता है?
कंकोड़ा में कई पोषक तत्व मौजूद होते है जे से की कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम पोटेशियम, फायबर, फैट, अदि पोषक तत्व पाए जाते है।
सारांश
नमस्ते किशान बंधू इस आर्टिकल के माध्यम से आपको कंकोड़ा की खेती कब की जाती है (Kankoda Ki Kheti Kab Ki Jati Hai) के बारे में बारीक़ से जानकारी मिली होगी।
हमे उम्मीद है कि, आपको हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्त एवं किसान भाई को शेयर जरूर करे।
कंकोड़ा की खेती कब की जाती है (Kankoda Ki Kheti Kab Ki Jati Hai) में ए आर्टिकल आप को बहुत हेल्पफुल होगा इस लिए इस आर्टिकल को लाईक, शेयर एवं कमेंट करेगे।