खजूर की विविध किस्में और उत्पादन क्षमता यहां जाने पूरी जानकारी

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Khajur Ki Unnat Kism Aur Visheshta

खजूर की प्रमुख किस्मों और विशेषता (Khajur Ki Unnat Kism Aur Visheshta) : खजूर धरती पर सब से पुराना पेड़ है। खजूर में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते है जैसे की कैल्शियम, शुगर, वसा, प्रोटीन, पोटेशियम, रेशे, आयरन, मेग्नेशियम, फास्फोरस आदि तत्व पाए जाते है। खजूर में यह सब पोषक तत्व मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते है। खजूर खाने से कई बीमारी भी दूर हो जाती है और कई बीमारी में रहत भी रहती है जैसे की कब्ज में रहत, हृदय रोग, गर्भावस्था में सहायता इन के अलावा खजूर की चटनी, आचार, जैम, इन में भी खजूर का इस्तेमाल किया जाता है।

किसान खजूर की खेती करना चाहते है तो पहले इन की उन्नत किस्में के बारे में थोड़ी जानकारी होना बेहद जरुरी है। जब आप को खजूर की उन्नत किस्में की जानकारी अच्छे से हो जाए तब आप सरकारी नर्सरी से इन के अच्छे पौधे खरीद के मुख्य खेत में पौधे की रोपाई कर के इन की खेती शुरू कर शकते है और खजूर की मांग भी पुरे साल भर मार्केट के अधिक रहती है कई त्योहारों में इन की मांग बढ़ जाती है तब इन का मार्केट भाव भी अधिक रहता है इस लिए किसान को कमाई भी अधिक होती है।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम खजूर की बेस्ट किस्में के बारे में और इन की क्या है खाशियत इन के बारे में विस्तार से जानेंगे इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे।

खजूर की प्रमुख किस्मों और विशेषता (Khajur Ki Unnat Kism Aur Visheshta)

खजूर की उन्नत किस्में कई सारी है जैसे की मेडजूल, आलास, हवाली, शामरान, बरही, सेवी, जुगलूल, इन से भी आदि खजूर की किस्में है और इन सभी किस्में की विशेषता भी अलग अलग है।

मेडजूल : खजूर की प्रजाति मोरक्को में उत्पति हुई है। इन के पफ नरंगीपन और पीले रंग का होता है। इन के फल काफी बड़े आकर के होते है। एक फल कम से कम 30 से 40 ग्राम का होता है। इस किस्म के फल देर से पक के तैयार होते है। इन के फल को बारिश से भी कोई नुकशान नहीं होता है। खजूर की प्रजाति के एक पौधे से 100 किलोग्राम तक की पैदावार प्राप्त होती है।

आलास : यह खजूर की वैरायटी के शुरू आती समय में फल पीले रंग के और खाने में बड़ा मीठा होता है। इन के फल का वजन 15.5 ग्राम तक का होता है और इन फल में ठोस 25 प्रतिशत तक होता है। इन के फल माध्यम अवधि में पक के तैयार हो जाती है। खजूर की उन्नत किस्में के एक पेड़ से 76 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

हवाली : खजूर की यह उन्नत किस्म में शुरू आती समय में फसल पीले रंग के और खाने में बड़ा मीठा लगता है। इन के अल फल का वजन 12.5 ग्राम तक का होता है। और इन के फल में ठोस पदार्थ 32 प्रतिशत होता है। और खजूर की प्रजाति के फल जल्द पक के तैयार हो जाते है। खजूर की वैरायटी के एक पेड़ से 90 से 95 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

शामरान : खजूर की यह उन्नत किस्म के फल निचे से हल्के बैंगनी और पीले रंग के होते है। खजूर की उन्नत किस्में शुरूआती समय में फल कसैले होते है। इन के एक फल का वजन 13.5 ग्राम तक का होता है। इन में ठोस पदार्थ 35.2 प्रतिशत का होता है। और यह फल माध्यम समय में पक के तैयार हो जाते है। इन के एक पेड़ से 100 से 110 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

बरही : खजूर की इस किस्म के फल माध्यम आकार के और सुनहरे पीले रंग के देखने को मिलेगा। इन के एक फल का वजन 13.5 ग्राम तक का होता है। और जो ठोस पदार्थ है वे 32.5 प्रतिशत तक का पाए जाता है। इन के फल माध्यम देरी से पक के तैयार होते है। और फल खाने में बड़ा मीठा होता है। इन के एक पौधे से 190 से 200 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

खदरावी : खजूर की इस किस्म के फल शुरू आती समय में पीले और हल्के हरे रंग के होते है। इन के एक फल का वजन 13.1 ग्राम का होता है और जो ठोस पदार्थ की मात्रा 37 प्रतिशत तक की होती है। और फल माध्यम समय में पक के तैयार हो जाते है। इस किस्म को बारिश से और वातावरण से बहुत नुकशान होता है।

जाहिदी : खजूर की उन्नत किस्में के फल शुरू आती समय में पिले और कसैले होते है। इन के फल बहुत ठोस और ऊपर का छिलका चिकना होता है। इस लिए इस किस्म के फल बारिश में भी ख़राब नहीं होते है। खजूर की इस किस्म के फल से पिण्ड अच्छी बनाई जाती है। इन के एक फल का वजन 10.2 ग्राम तक का होता है और ठोस पदार्थ की बात करे तो 36.1 प्रतिशत तक का होता है। यह देर से पकने वाली किस्म है और एक पेड़ से 125 से 130 किलोग्राम तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

खजूर की उन्नत किस्में | खजूर की किस्में | खजूर की प्रजाति | खजूर की वैरायटी

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को खजूर की प्रमुख किस्मों और विशेषता (Khajur Ki Unnat Kism Aur Visheshta) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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