खीरे की फसल में रोग और कीट का नियंत्रण (Khire Ki Fasal Me Rog Aur Kit Ka Niyantran) Cucumber Disease Control
खीरे की फसल में रोग और कीट का नियंत्रण (Khire Ki Fasal Me Rog Aur Kit Ka Niyantran) : किसान गर्मी के मौसम में खीरे की खेती तो बहुत करते है पर जब इन फसल में कोई रोग का अटैक होता है और इन का सही तरीके से उपाय नहीं किया जाए तब इस खीरे की फसल से उत्पादन बहुत कम प्राप्त होता है। और किसान को मुनाफा कम और लागत अधिक होती है।
खीरे का इस्तेमाल हम सलाद और सब्जी बनाने में अधिक करते है। खीरे को कच्चा भी खाया जाता है इन में 95 प्रतिशत तक का पानी होता है जो गर्मी के दिनों में मानव शरीर के लिए अच्छा होता है। इस से लोग कई नाम से जानते है जैसे की खीरा, खीरे, ककड़ी आदि नाम से जानते है। और खीरा किडनी और हृदय रोग इन के अलावा तत्चा के लिए भी लाभदायक है।
खीरे की फसल में जब इन रोग और कीट का अटैक दिखाई दे तब आप को इन का नियंत्रण जल्द से जल्द करना है नहीं तो खीरे की फसल इन रोग से प्रभावित हो जाती है और उत्पादन कम प्राप्त होता है। पर आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम खीरे की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और कीट का नियंत्रण के बारे में जानकारी देने जा रहे है इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक जरूर बने रहे।
खीरे की खेती किसान बंधू साल में तीन मौसम में कर शकते है। एक खरीफ मौसम में जायद मौसम में और रबी मौसम में ऐसे साल भर में तीन बार खीरा की खेती किसान कर शकते है। हमारे देश भारत के उतरी इलाकेमें खीरे की खेती फरवरी से मार्च महीने तक कर शकते है और जून से जुलाई महीने में इन के अलावा पहाड़ी विस्तार में मार्च से जून महीने तक खीरे की खेती किसान करते है।
खीरे की फसल में रोग और कीट का नियंत्रण (Khire Ki Fasal Me Rog Aur Kit Ka Niyantran) Cucumber Disease Control
खीरे की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग जो अधिक नुकशान पहुंचते है। इन में मोजैक वायरस, उकठा रोग, डाउनी मिल्ड्यू आदि रोग लगते है इन का लक्षण और उपचार इस प्रकार से कर शकते है।
मोजैक वायरस : खीरे की फसल में या खीरा मोजेक वायरस विषाणु जनित रोग है। यह वायरस चूसक कीटो के माध्यम से फसल में फैलता है। पत्तो पर चितकबरापन जैसे दीखता है। पौधे की पत्ती छोटी और पिले रंग की हो जाती है। और पत्तो से जो पौधे को खुराक मिलती है यह बांध हो जाती है और पौधे का विकास रूक जाता है। और जो फूल आते है यह भी गुच्छे में बदल जाते है इस लिए फल बहुत कम लगते है। और यह खीरा मोजेक वायरस सभी कद्दू वर्गी फसल में लगता है।
नियंत्रण : खीरे की फसल में जीस पौधे पर खीरा मजाक वायरस का प्रकोप दिखाई दे इन पौधे को आप जमीन से उखाड़ के जला देना चाहिए। और फसल में खरपतवार नियंत्रण करें। और जब भी खीरे की उन्नत किस्मे की बिजाई करे तब आप इन रोग प्रतिरोधक किस्मे का चुनाव करें। और फसल में जब भी चूसक किट दिखाई दे तब इन का नियंत्रण जल्द से जल्द करें।
खीरे की फसल में मोजेक वायरस के नियंत्रण के लिए आप (Acetamiprid 20% SP) 10 ग्राम 16 लीटर पानी में अच्छे से मिला के छिड़काव करें।इन के अलावा थायोमिथेक्साम 0.05 प्रतिशत का 10 ग्राम का नाम, (Imidacloprid 17.8% SL) 10 मिली, (Diafenthiuron 50% WP) 25 ग्राम 16 लीटर पानी में मिला के छिड़काव करें
उकठा रोग और जड़ गलन रोग : खीरे की फसल में उकठा रोग बीज अंकुरित के समय ही पौधे को प्रभावित करते है। इन के फैलने का कारण है फंगस या फफूंदी के माध्यम से फैलता है। जड़ गलन रोग से पौधे की जड़ सड़ने लगती है और पौधे को मिट्टी से तत्व नहीं मिलते है इस लिए पौधा धीरे धीरे सूखने लगता है।
नियंत्रण : उकठा रोग और जड़ गलन रोग के नियंत्रण के लिए आप को बीज बुवाई से पहले बीज उपचार जरूर करें आप (Carboxin 37.5% + Thiram 37.5% DS) से एक किलोग्राम बीज में 2 से 3 ग्राम तक नाप लेकर उपचारित कर सकते है। इन के अलावा आप Thiophanate-methyl 70 % WP को 20 से 25 ग्राम 16 लीटर पानी में मिला के छिड़काव करें
डाउनी मिल्ड्यू : खीरे की फसल में यह पाउडरी मिल्ड्यू रोग एक प्रमुख रोग है और यह रोग फंगस के माध्यम से लगता है। यह रोग कद्दूवर्गी फसल को बहुत नुकशान पहुँचता है। इन पौधे के पत्तो और तने दोनों को नुकशान करता है। पत्तो पर और तनो पर पावडर जैसे दिखाई देते है। इन के कारण पौधे का विकास रूक जाता है। और पौधे पर फूल या फल नहीं लगते है।
नियंत्रण : इन के नियंत्रण के लिए आप को फफूंदीनाशक दवा जैसे कैराथेन या कैलिक्सीन 1.5 मिली एक लीटर पानी में अच्छे से घोल के छिड़काव करना चाहिए। इन के आलावा आप प्रोपीकोनाजोल को एक मिली चार लीटर पानी में अच्छे से घोल के छिड़काव कर शकते है।
खीरे की फसल में रोग और कीट का नियंत्रण (Khire Ki Fasal Me Rog Aur Kit Ka Niyantran) Cucumber Disease Control
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को नमो खीरे की फसल में रोग और कीट का नियंत्रण (Khire Ki Fasal Me Rog Aur Kit Ka Niyantran) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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