अगर आप लौकी की खेती कर के अच्छी कमाई करना चाहते है तो आप सही आर्टिकल पर आये है। इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे ऐसी हमारी गुज़ारिश है, क्यों की इसी आर्टिकल में हम लौकी की हाइब्रिड वैराइटी (Loki Ki Hybrid Varieties) की बात करेंगे।
लौकी की कई उन्नत किस्मे है पर लौकी की हाइब्रिड किस्मे की खेती (Loki Ki Hybrid Varieties) कर के अधिक मात्रा में लौकी की पैदावार किसान प्राप्त कर शकते है और अधिक मात्रा में कमाई भी कर शकते है
लौकी की खेती में इस वेराइटी के बीज की बुवाई करने से पैदावार में बड़ोतरी देखने को मिलेंगी। आज के इस आर्टिकल में हम लौकी की प्रसिद्ध किस्में के बारे में बारीक से जानेंगे और इन वेराइटी की बुवाई केसे और कब करनी चाहिए इन के बारे में भी अधिक जानकारी प्रदान करेंगे।
हमारे देश में लौकी की फसल व्यापक रूप से उगाई जाती है। इस लौकी की फसल गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक आदि राज्य में किसान बड़े पैमाने में करते है।
सब से अच्छी बात तो ए है की लौकी की खेती में लाभ भर भर के मिलते है, और इन की खेती पूरे साल में किसी भी वक्त किसान कर सकते है।
लौकी को मार्किट में बेचकर अच्छा मुनाफा भी होता है, इन के अलावा लौकी में कई प्रकार के विटामिन और पोषक तत्व भी अधिक मात्रा में पाए जाते है।
लौकी में खनिज, मैग्नेशियम, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, लोहा, विटामिन सी, विटामिन ए आदि पोषक तत्व मौजूद होते है।
लौकी की खेती में इस प्रकार के लाभ होते है।
लौकी में पोषक तत्व तो अधिक मौजूद होता है। पर लौकी की फसल से किसान को भी बहुत बडिया लाभ होता है। लौकी की मांग बाजार में साल भर बहुत होती है।
लौकी की इसी मांग के कारण इन के बाजार में दाम भी अच्छा मिलता है, एक किलोग्राम लौकी का दाम 15 से 25 या इन से भी अधिक मिलता है।
इसी लिए तो लौकी की खेती कर के किसान ज्यादा कमाई कर शकते है, और लौकी की खेती में से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए लौकी की उन्नत किस्में की बुवाई करनी होगी।
लौकी की हाइब्रिड किस्में
आज के समय में लौकी की कई सारी हाइब्रिड किस्में (प्रसिद्ध किस्में) बाजार में उपलब्ध है, जैसे की काशी गंगा, अर्को बहार, काशी बाहर, पूसा नवीन, पूसा संदेश, आदि लौकी की उन्नत किस्में है।
इन लौकी की किस्में के बीज की बुवाई कर के किसान अधिक मात्रा में पैदावार और अच्छी मात्रा में कमाई कर शकते है।
लौकी की इन उन्नत किस्में में से पूसा नवीन प्रजाति की लौकी की वेराइटी काफी लोकप्रिय है, और इस वेराइटी के बारे में आज हम विस्तार से जानेंगे।
पूसा नवीन लौकी की किस्में को भारत के कृषि संस्थान द्वारा तैयार की गई एक उत्तम प्रकार की वेराइटी है, इस किस्में के बीज की बुवाई जायद एवं खरीफ दोनो मौसम के की जाती है।
इस किस्में की लौकी की एक खासियत है की इन को बाजार में बेचने के लिए इस राज्य से उस राज्य तक भेजा जाए तब भी ए लौकी ताजी और हरी भरी रहती है।
लौकी की खेती में इन बातो पर ध्यान देना चाहिए।
लौकी की खेती आम तो सभी प्रकार की मिट्टी में कर शकते है पर लौकी की खेती में से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए लौकी की खेती इस प्रकार की मिट्टी में करनी चहिए।
जैसे की लौकी की फसल अधिक उपजाब और दोमट मिट्टी में अच्छे से विकास करती है, और इन की खेती जहा भी करे उस जमीन का पी.एच मान 5.5 से 7 के बीचका होना चाहिए।
लौकी की खेत तैयारी में दो से तीन बार अच्छे से गहरी जुताई कर के बाद पाटा चला के जमीन को समतल कर लेना चाहिए। ताकि बाद में जल भराव की समस्या टल जाएं।
लौकी की खेती में अधिक जल भराव से बहुत नुकसान होता है जैसे की जल का निकास नही होने के कारण कई रोग एवं कई कीट भी अटैक करते है। इन से लौकी के बेल को भी नुकशान होता है और इन बेल पर लगे लौकी को भी नुकशान पहुंचता है।
लौकी की पूसा नवीन किस्में गर्मी के मौसम में एवं शर्दी के मौसम में भी अच्छे से विकास करते है, इसी लिए तो इने जायद और खरीफ दोनो मौसम में उगाया जाता है।
लौकी की इन सभी उन्नत किस्में के बीज के पैकिंग बाजार में बेड आसानी से मिल जाता है। इन के पैकिंग का वजन 100 ग्राम होता है। लौकी के इन पैकिंग के बाजरी दाम लगभग 50 से 70 रुपए तक के होते है,
लौकी के बीज मुख्य खेत में कैसे बोए जाते है।
लौकी की फसल में से अधिक उपज और अधिक कमाई प्राप्त करने के लिए लौकी के बीज को उचित समय और उचित तकनीक से बोना चाहिए।
लौकी की फसल के लिए उत्तम वेराइटी के बीज को पसंद करना चाहिए, और लौकी के इन बीजो के बुवाई करने से पैदावार भी अधिक मिलती है।
लौकी के बीज को पसंद कर के आप को इन के पौधे भी तैयार करना होगा, इन के अलावा बीज को सीधे मुख्य खेत में तैयार नालियों में बोया जा सकता है।
लौकी के पौधे नर्सरी में से खरीद के मुख्य खेत में बो शकते हैं। लौकी के पौधे बुवाई से पहेले 15 से 25 दिन पहेले नर्सरी में तैयार किया जाता है।
लौकी के ए पौधे मुख्य खेत में बुवाई करने से पहेलेे इने उपचारित जरूर कर लेना चाहिए। और उपचारित में गोवमुत्र का भी उपयोग कर शकते है।
लौकी के बीज अच्छे से अंकुरित हो जाए इस लिया इन को गर्म और नम वातावरण की आवश्कता होती है,
लौकी की फसल में रोग एवं कीट का नियंत्रण कैसे करे।
लौकी की खेती में भी जब चोटी मोटी लौकी दिखाई देने लगती है, तब कई प्रकार के रोग एवं कीट अटैक करते है, इन अटैक होने से लौकी की बेल इन से ग्रसित हो जाते है।
लौकी की फसल सारी बनी बिगड़ जाती है और किसान को बहुत नुकशान भुगतना पड़ सकता है, इस लिया लौकी की खेती में जब भी कोई रोग या कीट दिखाई दे तब योग्य दवाई का छिड़काव करना चाहिए।
लौकी की खेती में ज्यादा तार इस प्रकार के रोग एवं कीट दिखाई देते है जैसे की फल मक्खी, लाल कृमि, पपडी, जड़ गलन, पत्तो पर धब्बे, हरी ईली जैसे कई रोग एवं कीट दिखाई देते है।
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FAQs
लौकी की खेती कब और कैसे करें?
लौकी की खेती दिसंबर माह में बीज बुवाई कर के पौधे तैयार करलेना चाहिए और फरवरी महीने में इन पौधे की बुवाई मुख्य खेत में कर शकते है।
लौकी की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
लौकी की खेती में बंपर पैदावार प्राप्त करने के लिए लौकी की इन हाइब्रिड वेराइटी की बुवाई करनी चाहिए। जैसे की पूसा नवीन, अर्का नूतन, कशी गंगा, सम्राट, पूसा संदेश, अर्का बहार आदि अधिक उपज के लिए प्रसिद्ध किस्मे है।
लौकी का पौधा कितने दिन में फल देता है?
लौकी के पौधे बुवाई के बाद 45 से 55 दिन में अच्छी पैदावार देने लगते है
लौकी में कौन सा खाद डालना चाहिए?
लईकी की खेती में अच्छी उपज के लिए इन के बेल को खाद देना बेहद जरूरी है। लौकी की फसल में साडी गोबर की खाद 13 से 15 टन, नाइट्रोजन 45 से 50 किलिग्राम, फॉस्फोरस 30 से 35 किलोग्राम और पोटाश 25 से 30 किलोग्राम डालना चाहिए।
लौकी की उपज कैसे बढ़ाएं?
लौकी की उपज बढ़ाने के लिए लोकि की फसल में अच्छे से देख भाल करनी चाहिए जैसे की योग्य समय पर सिंचाई और उत्तम प्रकार के बीज, जब कोई रोग या कीट दिखाई दे तब योग्य समय पर दवाई का भी छिटकाव करना चाहिए।
सारांश
नमस्ते किशान भाईयो इस आर्टिकल के माध्यम से आपको लौकी की हाइब्रिड वैराइटी (Loki Ki Hybrid Varieties) इन के बारे में बारीक़ से जानकारीमिली होगी।
लौकी की उन्नत किस्मे कौन कौन सी है। इन के बारेमे भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा। लौकी की खेती कब और कैसे की जाती है इन के बारे में भी बहुत कुछ बताया है।
लौकी की खेती एक हेक्टर में करे तो उपज कितनी प्राप्त कर शकते है। और लौकी की खेती में कौन कौन से खाद और कितना देना चाहिए। इन के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
लौकी की खेती में ए आर्टिकल आप को बहुत हेल्पफुल होगा। उम्मीद रखते है की ए आर्टिकल आप को बहुत पसंद भी आया होगा। इस लिए ए आर्टिकल को अपने सबंधी एवं मित्रो और किशान भाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।
लौकी की हाइब्रिड वैराइटी (Loki Ki Hybrid Varieties) इन आर्टिकल के अंत तक बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद