पूसा बासमती की बेस्ट 2 वैरायटी जो उत्पादन अधिक देती है।

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Pusa Basmati Ki Unnat Kism

पूसा बासमती की उन्नत किस्म (Pusa Basmati Ki Unnat Kism) : हमारे देश के पश्चिम बंगाल, बिहार, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आदि राज्य में किसान चावल की खेती बड़े पैमाने पे करते है। अब मानसून की बारिश होने के साथ कई किसान चावल की विविध किस्म की खेती करेंगे।

चावल की खेती से अच्छा उत्पादन और अच्छी कमाई करने के लिए आप को चावल की उन्नत क़िस्म के बारे में थोड़ी जानकारी होनी बेहद जरुरी है ताकि चावल की खेती से आप को अधिक उत्पादन और बंपर मुनाफा हो शके। इन में से कुछ धान की उन्नत किस्म ऐसी है जो अधिक लोकप्रिय और अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की पूसा बासमती की उन्नत किस्म (Pusa Basmati Ki Unnat Kism) कौन कौन सी है और इन की खासियत क्या है इन सभी सवाल के जवाब आप को इस आर्टिकल के अंत तक मिल जाएगा इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

पूसा बासमती की उन्नत किस्म (Pusa Basmati Ki Unnat Kism)

हमारे देश भारत के कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) पूसा संस्थान ने चावल (धान) की उन्नत किस्में कई सारी विकसित की है इन में से आज हम पूसा बासमती 1985 और पूसा बासमती 1121 के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जो अधिक लोकप्रिय है और अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। और चावल की यह उन्नत क़िस्म की बुवाई आप को सीधी करनी है। और एकड़ से 4000 रूपए तक की अधिक कमाई होती है।

पूसा बासमती 1121 उन्नत किस्म की विविधता

चावल की यह उन्नत किस्म पूसा बासमती 1121 अर्ध बौनी वैरायटी है। इन के पौधे की उचाई 110 सैमी से 120 सैमी तक की होती है। इन को साल 2003 में पूसा बासमती इसे पूसा सुगंध 4 से विकसित किया गया था। इन के बाद साल 2008 में इन को पूसा बासमती 1121 ले नाम से जारी की गई वैरायटी है। और इन की खेती हमारे देश के दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, जम्मू कश्मीर, आदि राज्य के लिए सूचित की गई है। इन के दाने लंबे और पतले होते है यह सुगंधित दाने होते है। इन की बुवाई के बाद 145 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। इन की खेती एक हैक्टर जमीन में की है तो 4.5 टन तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

पूसा बासमती 1985 उन्नत किस्म की विविधता

चावल की यह उन्नत किस्म पूसा बासमती 1985 को पूसा बासमती 1509 को सुधार कर एक उन्नत किस्म तैयार की है। धान की यह उन्नत किस्म की बुवाई करने के बाद 115 से लेकर 120 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है। इन की खास बात यह है की यह यह किस्म हर्बिसाइड इमाजेथापियर 10 प्रतिशत एसएल के प्रति सहनशील है। इन की बुवाई आप ने एक एकड़ जमीन में की है तो 23 से लेकर 25 टन तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

पूसा की यह दोनों वैरायटी के बीज की बुवाई कैसे करें?

चावल की यह दोनों उन्नत किस्म के बीज की बुवाई आप सीधी बुवाई तकनीक से और पानी की बचत के साथ आप को उत्पादन भी अधिक मिलेगा। चावल की खेती आप सीधी करना चाहते है तो आप को इन दो विधि का इस्तेमाल करना है। इन में से एक विधि है इनको तरबतर विधि कहते है। इन में गेहूं की फसल की कटाई हो जाने के बाद जुताई करके पानी दिया जाता है और तीन दिनों तक छोड़ देना है। और दूसरी विधि लेबलग करके की जाती है।

चावल की खेती में आप बुवाई के बाद खरपतवार नष्ट करने के लिए आप 20 दिन बाद खरपतवार नाशक दवाई का छोडकाव करना है। यह खरपतवार दवाई का छिड़काव करने से खरपतवार नष्ट हो जाता है और चावल की फसल को कोई नुकशान नहीं होता है। इन के अलावा आप धान की बुवाई करने के बाद 15 से 20 दिन बाद अच्छे से सिंचाई करने के बाद खरपतवार नाशक दवाई का छिड़काव करें।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को पूसा बासमती की उन्नत किस्म (Pusa Basmati Ki Unnat Kism) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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