प्याज की खेती कब और कैसे करें (Pyaj Ki Kheti Kab Aur Kaise Karen) : प्याज की खेती कई किसान इस नई तकनीक से करते है। प्याज की खेती में मौसम परिवर्तन से और ज्यादा या कम बारिश के वजे भी बहुत नुकशान होता है। पर इस नई तकनीक से प्याज की खेती कम बारिश और कम लगत में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। हमारे कई किसान बंधू इस तकनीक से प्याज की खेती करने से कम पानी वाले विस्तार में भी अधिक उत्पादन होता है।
प्याज की खेती इस तकनीक से करने से एक तो यह फायदा है की मजदुर का भी बहुत जरुरत नहीं होती है। कम मजदुर होने पर भी प्याज की खेती अच्छे से कर शकते है। हम सब अच्छे से जानते है की प्याज की खेती करने से पहले हमें हर दिन मौसम की मार का खतरा रहता है। हमारे देश भारत के मध्य प्रदेश के कई किसान ने इस प्याज की खेती की नई तकनीक सीख ली है और इन से इन किसान को बहुत फायदा भी मिला है।
प्याज की खेती में इस नई तकनीक से जो मौसम सम्बंधित नुकशान होता है यह भी नहीं होता है। सीहोर के किसान के लिए यह प्याज का उत्पादन बंपर लेना बहुत सरल हो गया है। इस जिले के एक किसान ने बताया की यह हर साल 5 से 6 बीघे में प्याज की खेती कर रहा था। और इस नई तकनीक का प्रयोग 2 से 3 बीघा जमीन में कर रहा था। इस में उत्पादन भी अधिक प्राप्त होता है और लागत भी कम होती है। पर आज के समय में इस नई तकनीक का प्रयोग गांव के सभी किसान कर रहे है।
आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम प्याज की खेती इस नई तकनीक से करने की जानकारी देने वाले है और इन से किसान को अच्छा उत्पादन भी मिलने वाला है। इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे ,
प्याज की खेती कब और कैसे करें (Pyaj Ki Kheti Kab Aur Kaise Karen)
प्याज की खेती खरीफ मौसम में बीज को क्यारी में बुवाई कर के पौधे तैयार कर ले बाद में जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए यानि के 40 से 45 दिन का हो जाए तब इन पौधे की रोपाई मुख्य खेत में कर देनी चाहिए।
प्याज की खेती कैसे करें
किसान ने बताया की यह नई तकनीक से खेती 5 से 6 एकड़ में दो से तीन साल से कर रहे है और इन हों यह भी बताया हे की इस तकनीक का प्रयोग गांव से सभी किसान बंधू आज के समय में कर रहे है। और इस तकनीक से प्याज की खेती करने से उत्पादन अधिक मिलता है। साथ ही उन्होंने बताया की हमारे विस्तार में सिंचाई की भी बहुत कम है बारिश भी कम आती है फिर भी प्याज की खेती में उत्पादन अधिक प्राप्त होता है। और ज्यादा मजदुर की भी जरुरत नहीं होती है।
प्याज की खेती इस नई तकनीक से करें
प्याज की खेती नई तरीके से करने के लिए आप को अपनी खेत की अच्छे से जुताई कर के पलेला कर ले। इन के बाद खेत के खुली यानि के धुप में अच्छे से सूखने के लिए छोड़ दे। इन के बाद आप ट्रैक्टर की मदद से रोटावेटर चला के जमीन को ढाल बनाईए। जमीन को समतल नहीं करना ढाल बना के तैयार करे। इन के बाद प्याज के बीज को DAP खाद के साथ या प्याज के पौधे की रोपाई कर शकते है। इन के बाद आप समय समय पर सिंचाई करते रहे और DAP का छिड़काव भी करना चाहिए। किसान का कहना है की इस नई तकनीक से प्याज की खेती करने से 1 एकड़ जमीन से किसान को प्याज का उत्पादन 160 से लेकर 180 क्विंटल तक प्राप्त होता है।
प्याज की खेती इस साल 5 से 6 हजार हैक्टर जमीन में की गई थी। और इन में से कई किसान बंधू ऐसे है जो इस नई तकनीक से प्याज की खेती की थी। इन सभी किसान को कम पानी और कम लागत में अच्छा उत्पादन मिला है। आप भी प्याज की खेती करते है तो आप इन नई तकनीक यानि के कमीन को अच्छे से जुताई कर के ढाल बना के खेती करे उत्पादन बंपर मिलेगा और लागत भी कम होगी।
अन्य भी पढ़े :
- गर्मी के मौसम में मूली की खेती कर के मात्र 30 दिवस में कमाई शुरू जाने तरीका
- हाइब्रिड नारियल की खेती और उन्नत किस्में जो तगड़ा उत्पादन के लिए जानी जाती है।
- हाइब्रिड नारियल की खेती और उन्नत किस्में जो तगड़ा उत्पादन के लिए जानी जाती है।
आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को प्याज की खेती कब और कैसे करें (Pyaj Ki Kheti Kab Aur Kaise Karen) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।
इन सब की मदद से किसान खेतीबाड़ी से अच्छी इनकम कर सकता है। इस लिया आप हमारी यह वेबसाईट आईखेडूतपुत्रा को सब्सक्राब करे ताकि आप को अपने मोबाईल में रोजाना नई आर्टिकल की नोटिफिकेशन मिलती रहे। इस आर्टिकल के अंत तक हमारे साथ बने रहने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद।