प्याज की खेती करने का तरीका और इन से होने वाला बंपर उत्पादन एवं मुनाफा

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प्याज की खेती करने का तरीका (Pyaj Ki Kheti Karne Ka Tarika) : हमारे देश में कई सारे राज्य में किसान प्याज की खेती बड़े पैमाने में करते है और इन की खेती से अच्छी मात्रा में उत्पादन प्राप्त कर के किसान अधिक कमाई के साथ अच्छा मुनाफा भी प्राप्त करते है।

Pyaj Ki Kheti Karne Ka Tarika

अगर आप भी एक किसान है और प्याज की खेती (farming of onion) से अच्छा उत्पादन प्राप्त करना चाहते है तो आप सही आर्टिकल पर हो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे की प्याज की खेती करने का तरीका (Pyaj Ki Kheti Karne Ka Tarika) सही कौनसा है। और इन की खेती कर के कैसे लाखो रुपए का मुनाफा करे। प्याज एक सब्जी वर्गी फसल है जो भारत के कई राज्य में इन की खेती किसान बंधु करते है। जैसे की गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, बिहार, उतार प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आदि राज्य में प्याज की खेती होती है।

प्याज को कई लोग कांदा के नाम से जानते है। इन का इस्तेमाल सब्जी के रूप में किया जाता है इन के अलावा विविध सब्जी के साथ भी हरी प्याज और सुखी प्याज का इस्तेमाल रसोई घर में होता है। इन्हे सलाद के साथ भी कच्चा खा सकते है। इन में मानव शरीर को उपयोगी कई सारे पोषक तत्व पाए जाते है। प्याज की बाजारी मांग साल भर बनी रहती है इस लिए इन की खेती कर के किसान अच्छी मात्रा में कमाई कर के अच्छा मुनाफा प्राप्त कर शकते है। तो आई ए बिना देरी किए बिना इन की खेती के बारे में संपूर्ण जानकारी देखे।

प्याज की खेती करने का तरीका (Pyaj Ki Kheti Karne Ka Tarika)

प्याज की खेती किसान दो तरीके से कर शकता है। एक इन के छोटे कंद की बुवाई कर के और पौधे नर्सरी में से खरीद के या घर पर इन के पौधे क्यारी में तैयार कर के इन पौधो को मुख्य खेत में रोपाई कर शकते है। प्याज की खेती से अच्छा उत्पादन और अधिक कमाई करने के लिए किसान को निचे दी गई जानकारी के मुताबित ध्यान देना चाहिए।

मिट्टी की पसंदगी केसे करे?

प्याज की खेती दरअसल सभी प्रकार की मिट्टी में हो शक्ति है पर प्याज की फसल से अधिक उत्पादन और पौधे की अच्छी विकास के लिए रेतीली मिट्टी, बलुई दोमट मिट्टी, चिकनी मिट्टी, अच्छी जैविक तत्व वाली सभी मिट्टी में सब से अच्छी होती है। प्याज की खेती अधिक जल भराव वाली मिट्टी में ना के बराबर की जाती है। और जमीन का पी.एच नाप 5.5 से 7 के बिच का अच्छा माना जाता है।

खेत तैयारी कैसे करे?

प्याज की फसल के लिए खेत तैयारी में आप दो से तीन बार मिट्टी की गहरी जुताई करे और आखरी जुताई से पहले अच्छे से सड़ी गोबर की खाद एक हैक्टर के हिसाब से 13 से लेकर 15 टन तक डाले इन से मिट्टी में जैविक तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इन के बाद एक जुताई करे और मिट्टी भुरभुरी हो जाने के बाद पाटा चलाके जमीन को समतल करे। और बेड भी तैयार करले।

वातावरण और तापमान कैसा होना चाहिए?

प्याज की खेती आमतौर पर किसान गर्मी के मौसम में और शर्दी के मौसम में करते है। पर सर्दी के मौसम में पड़ने वाला पाला इन की फसल को प्रभावित करता है। और तापमान की बात करे तो प्याज के पौधे की अच्छी विकास के लिए न्यूतम तापमान 15℃ तक का और प्याज के कंद की अच्छी विकास के लिए 30℃ तक का तापमान सब से अच्छा माना जाता है। इन से अधिक तापमान पर पौधे के पतों और प्याज के कंद दोनों को नुकशान करता है।

Pyaj Ki Kheti Karne Ka Tarika

प्याज की उन्नत किस्में कौन कौन सी है?

हाल के समय के अनुसार और जलवायु और तापमान को मत्तेनजर रख के हमारे कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको ने कई सारी उन्नत किस्में तैयार की है। जो अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। और इन में से कुछ किस्में खरीफ मौसम में अच्छा उत्पादन देती है तो कई किस्में रबी के मौसम में अधिक पैदावार देती है।

रबी के मौसम : प्याज की यह उन्नत किस्में शर्दी के मौसम यानि के रबी मौसम में सब से अच्छी विकास करती है और अधिक उत्पादन भी देती है। इन किस्में की रोपाई किसान नवंबर महीने में से दिसंबर महीने तक मुख्य खेती में करते है। इन किस्में का नाम कुछ इस प्रकार के है। जेम के पूसा रतनार, N-2-4-1, भीमा रेड, पूसा रेड, बसवंत 780, एग्रीफाउंड लाइट रेड, भीमा शक्ति आदि प्याज की उन्नत किस्में रबी के मौसम में होती है।

खरीफ के मौसम : प्याज की यह उन्नत किस्में की रोपाई किसान खरीफ मौसम में करते है। और इन खरीफ मौसम में यह प्याज की उन्नत किस्में सब से अच्छी होती है। जेम के एग्रीफाउंड डार्क रेड, भीमा सुपर, पूसा व्हाइट राउंड, आदि उन्नत किस्में की रोपाई करते है। जो खरीफ मौसम में अच्छा उत्पादन देती है।

भीमा सुपर : प्याज की यह उन्नत किस्में बुवाई के बाद 100 से 115 दिन में अच्छे से खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। इन किस्में को खरीफ मौसम में पिछेती फसल के रूप में लगाई जाती है। और इन का एक हैक्टर जमीन में रोपाई की है तो उत्पादन के रूप में 250 से लेकर 300 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

बसवंत 780 : प्याज की यह उन्नत किस्में को आप रबी मौसम और खरीफ मौसम दोनों में रोपाई कर शकते है। इस प्याज का रंग गहरा लाल होता है। इन की रोपाई के बाद 100 से 120 दिन में खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। और एक हैक्टर से 260 से 300 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

एग्रीफाउंड डार्क रेड : प्याज की यह उन्नत किस्में को किसान गर्मीं के मौसम के उगते है। और इस किस्में की रोपाई हमारे देश के कई सारे राज्य में किसान करते है। इन के कंद गोलाकार होते है। और इन किस्में की रोपाई के बाद 100 से 115 दिन में अच्छे से खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। एक हैक्टर मे से 270 से लेकर 300 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

पूसा व्हाइट राउंड : प्याज की यह उन्नत किस्में के कंद सफ़ेद रंग के होते है। इन किस्में की रोपाई मुख्य खेती में करने के बाद 120 से 130 दिन में खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। और एक हैक्टर से 160 से 300 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

N-2-4-1 : प्याज की यह उन्नत किस्में रबी मौसम के लिए सही है। इन के कंद का रंग केसरी होता है। और गोलाकार होते है। इन किस्में का भंडारा भी अधिक समय तक करने से अच्छी रहती है। इन किस्में की बुवाई करने के बाद 120 से 130 दिन में अच्छे से पक के खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। और एक हैक्टर में से 300 से लेकर 350 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।

प्याज की बुवाई कैसे और कब करे? | (Pyaj Ki Kheti Karne Ka Tarika)

प्याज की खेती में पौधे की रोपाई की जाती है। और इन पौधो को पहले नर्सरी में या खेत में छोटी क्यारी बना के इन के बीज को बोया जाता है और इन बीज से पौधे को तैयार होने में एक महीने या इन से कुछ दिन और का समय लग जाता है। इन के अलावा आप इन के पौधे नजदीक की नर्सरी से खरीद के भी कर शकते है। नर्सरी से जब आप पौधे करिदे तब इस बात का ध्यान रखे की पौधा स्वस्थ और 1.5 से 2 महीना पुराना होना चाहिए।

प्याज की खेती तैयार खेत में मेड के दोनी तरफ करे। और मेड़ से मेड़ की दुरी 6 से 7 सैमी की रखे। प्याज के पौधे की रोपाई आप रबी मौसम में करना चाहते है तो दिसंबर महीने से जनवरी महीने में करे और खरीफ मौसम में पौधे की रोपाई करने से लिए अगस्त महीना सब से अच्छा माना जाता है। प्याज के पौधे मुख्य खेत में लगाने से पहले इन पौधे की जड़ को मोनोक्रोटोफॉस और कार्बेन्डाजिम के मिश्रण में अच्छे से उपचारी करे बाद में मुख्य खेत में रोपाई करे। इन के यह उपचार से पौधे के विकास में अच्छी वृद्धि होती है और कई रोग एवं कीट अटैक भी नहीं करते है।

प्याज की फसल में अटैक करने वाले कीट और रोग

प्याज की खेती में कई सारे रोग एवं कीट अटैक करते है और फसल को बर्बाद कर देते है। इन का सही समय पर नियंत्रण नहीं करने से प्याज की फसल में से किसान को उत्पादन बहुत कम प्राप्त होता है। जिन के कारण किसान को बहुत नुकशान होता है। इस लिए प्याज की फसल में जब भी कोई रोग या कीट दिखाई दे तब योग्य दवाई का छिड़काव कर के फसल को पूर्ण रूप से इन रोग एवं कीट से मुक्त करे।

प्याज की खेती में ज्यादातर इस प्रकार के रोग एवं कीट दिखाई देते है। कैसे की थ्रिप्स, पौध गलन रोग, जड़ सडन रोग, माइट, सुंडियां आदि रोग एवं कीट दिखाई देते है। इन का उपचार ऐसे करे।

थ्रिप्स : प्याज की फसल में यह रोग कीट के रूप में अटैक करते है। इन का मुख्य कार्य है पौधे के पतों से रस चूस लेते है। इन के कारण पत्तो पर सफ़ेद रंग का धब्बा दिखाई देते है। इन का कीट आकर में छोटा होता है। और इन कीट का रंग पीला होता है। इन के नियंत्रण के लिए आप इमीडाक्लोप्रि कीटनाशक दवाई 17.8 एस.एल. का योग्य नाप केलर 15 लीटर पानी में अच्छे से घोल मिला के छिड़काव करे।

पौध गलन रोग : प्याज की खेती में यह रोग पौधे रोपाई से बाद लगता है। इस रोग के ग्रसित पौधा पीला पड़ के धीरे धीरे नष्ट हो जाता है। पर पौधे को रोपाई से पहले थीरम की 0.2% से उपचारित करने से यह रोग नहीं लगता।

जड़ सडन रोग : प्याज के पौधे पर यह रोग लगने से पौधे की जड़ हल्की गुलाबी रंग की हो जाती है। बाद में पौधा सुख के नष्ट हो जाता है। इन के नियंत्रण के लिए आप कार्बेन्डाजिम का योग्य नाप लेकर 15 लीटर पानी में अच्छे से मिला के फसल पर छिड़काव करना चाहिए।

माइट : इस कीट के अटेक से पौधे की पत्तो पर छोटे छोटे धब्बे दिखाई देते है। यह धब्बे धीरे धीरे पुरे पतों पर फेल जाते है और पता सुख कर नष्ट हो जाता है। इन के नियंत्रण के लिए आप 0.05 डाइमेथोएट का योग्य नाप लेकर 15 लीटर पानी में अच्छे से मिला के फसल पर छिड़काव करे।

सुंडियां : प्याज की फसल में यह सुंडी का अटैक जनवरी महीने में या फरवरी महीने में दिखाई देता है। इन का मुख्य कार्य है पौधे की जड़ो को खाने का और नुकशान पहुचाना। इन के अटेक से पौधे के पतों भूरे रंग के हो जाते है। इन के नियंत्रण के लिए कार्बरील 4 किलो या फोरेट 4 किलो मिट्टी के साथ मिलादे। और एक हल्की सिंचाई करे

प्याज की खेती में सिंचाई कब करे?

प्याज की फसल में सिंचाई आप ड्रिप विधि से करे तो सब से अच्छी माना जाता है। प्याज की फसल में 10 से 12 सिंचाई की जरूरत होती है। पर शर्दी के मौसम में इन की खेती की है तो कम सिंचाई की जरूरत होगी पर गर्मी के मौसम में इन की खेती की है तो सिंचाई की जरूरत अधिक होती है और इन की खेती में सिंचाई हल्की करे ज्यादा जल भराव से इन के कंद ख़राब होने की शक्यता रहती है। पर जब प्याज की फसल पूरीतरह से पक ने का समय आता है तब इन को अधिक पानी की जरूरत होती है।

प्याज की खेती में खरपतवार का नियंत्रण कैसे करे?

प्याज की खेती में खरपतवार का नियंत्रण करना बेहद जरुरी है। जब फसल में बहुत खरपतवार हो जाता है तब कई रोग एवं कीट का प्रकोप फसल में दिखाई देते है और फसल में यह रोग एवं कीट बहुत नुकशान करते है। इस लिए इन की खेती में समय सर खरपतवार का नियंत्रण करे। प्याज की खेती में खरपतवार का नियंत्रण आप दो तरी के से कर शकते है एक प्राकृतिक विधि से और रासायनिक विधि से पर प्राकृतिक विधि से निदाई गुड़ाई करने से जमीन की उत्पादन शक्ति बनी रहती है और रासायनिक दवाई का इस्तेमाल करने से जमीन की उत्पादन शक्ति कम होती है और कई साल बाद किसी भी फसल की रोपाई करे उत्पादन कम मिलता है इस लिए हमारा सुझाव है की हाथो से खुरपी के मदद से निदाई गुड़ाई करे और पौधे पर मिट्टी अच्छे से चढ़ा देनी चाहिए।

प्याज का उत्पादन और इन से होने वाली कमाई

प्याज की खेती में पौधे रोपाई के बाद विविध उन्नत किस्में विविध समय पर खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। प्याज की फसल पौधे रोपाई के बाद 4 से 5 महीने के बाद अच्छे से तैयार हो जाती है। प्याज की फसल में जब पौधे के पतों पीले रंग के होकर जमीन पर गिरने लगे तब इन कंद अच्छे से बड़े होकर खुदाई के लिए तैयार हो जाते है। कंद की खुदाई करने के बाद इन को तीन से पांच दिन तक अच्छे से छायादार जगह पर सूखने दे अच्छे से सूखने के बाद इन पौधे से पतों को अलग किया जाता है और बाद में इन कंद को बोरी में भर के स्टोर कर शकते है।

किसान ने प्याज की खेती एक हैक्टर जमीन में की है तो 260 से 350 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है। और इन के बाजारी मांग साल भर होने के कारण इन के दाम अच्छे मिलते है इस लिए इन की खेती कर के एक ही बार में किसान 4 से 5 लाख रुपए की या इन से अधिक की कमाई कर के अच्छा मुनाफा कर शकता है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को प्याज की खेती करने का तरीका (Pyaj Ki Kheti Karne Ka Tarika) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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