Quail Farming Best Business : किसान भाई भारत में मुर्गी पालन और बातक पालन के बाद सबसे अच्छा बिजनेस प्लान बटेर पालन का आता है। इसके अंण्डे सबसे अच्छे होते है। भारत में बटेर पालन की बात करे तो उत्तेर प्रदेश में सबसे ज्यादा होता है। आम तोर पर भारत में सभी विस्तार में बटेर पालन होता है। मध्य भारत में सबसे ज्यादा होने वाला बिजनेस है। इसके अण्डे शेहद के लिए सबसे अच्छे है।
बटेर पालन सबसे अच्छा व्यवसाय (Quail Farming Best Business)
किसान भाई भारत में मुर्गी और बत्तक पालन के बाद तीसरा नंबर बटेर पालन का आता है। बटेर पालन से किसान कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं। बटेर पालन में बहुत ज्यादा ध्यान भी नही रखना पड़ता है। बटेर पालन का ग्रोथ रेट भी अच्छा होता है। मादा बटेर 6 से 7 सप्ताह में ही अंडे देना शुरू कर देती है। एक मादा बटेर साल भर में लगभग 250 से 300 तक अंडे दे देती है।
बटेर पालन में आहार में लागत बहुत कम होती है। बटेर में रोग प्रतिरोधी क्षमता बहुत ज्यादा होती है। बाजार में बटेर के मांस और अंडों की मांग बहुत ज्यादा होती है। बटेर को आसानी से स्थानीय बाजार में या नजदीकी शहरों में बेच सकते हैं। बटेर पालन आय और रोजगार का एक अच्छा विकल्प लोगों के लिए साबित हो सकता है।
बटेर कितने दिन में तैयार हो जाता है? (In How Many Days Does Quail Become Ready?)
किसान बटेर पालन करने वाले किसान ने बताया कि बटेर एक वर्ष में पांच से छे बार अंडे देते हैं। इस में से बटेर का चूजा होता है। उनकी बेहतर देखभाल करते हुए पालन पोषन करते हैं। बटेर 45 से 50 दिन में तैयार हो जाता है। इस व्यवसाय में बटेर बेचने कहीं बाहर नहीं जाना होता है। खुद बाहर के व्यापारी और ग्रामीण आकर खरीद कर ले जाते हैं। बटेर को बाजार से मिलने वाला आहार नहीं खिलाते हैं। खुद से तैयार किया आहार खिलाते हैं।
किसान भाई बटेर पालन के दौरान फार्म में साफ-सफाई पर बहुत ज्यादा ध्यान देना पड़ता है। फिलहाल प्रारंभिक दौर में दो हजार बटेर का पालन कर रहे हैं। जबकि और बढ़ाने की योजना है। यदि आप 50 से 60 हजार लगाकर बटेर पालन करते हैं। तो महीने में एक से डेढ़ लाख तक की कमाई कर सकते हैं. बटेर के एक चूजे की कीमत 18 से 20 रूपए पड़ता है। बड़ा करने में 30 से 35 रूपए खर्च आता है और 60 से 80 रूपए में आराम से बिक जाता है।
बटेर पालन में इन बातों का रखे ध्यान (Keep These Things In Mind While Rearing Quail)
एक किसान ने बताया कि बटेर पालन के लिए जाे शेड तैयार करते हैं। उसमें हवा और प्रकाश की उचित व्यवस्था रहना बेहद जरूरी है। एक उचित अनुपात के तहत नर और मादा बटेर को रखा जाता है। वहीं बटेर के चूजों को पहले दो सप्ताह तक प्रकाश की जरूरत रहती है। गर्मी पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिक लाइट भी लगाना पड़ता है। एक किलो बटेर का उत्पादन करने के लिए 2 से 2.5 किलो आहार की जरूरत होती है। एक व्यस्क बटेर को प्रतिदिन 25 से 35 ग्राम आहार की आवश्यकता होती है। बटेर में प्रजनन विधि आसान और सरल है। किसान भाई सामान्य रूप से बटेर 5 से 7 सप्ताह की आयु में प्रजनन के लिए परिपक्व हो जाती है। मादा बटेर 6 से 7 सप्ताह की आयु में ही अंडे देना शुरू कर देती है। अंडों से चूजे निकलने में लगभग 17 दिन लगते हैं। और एक दिन के चूजों का वजन लगभग 8 से 10 ग्राम का होता है।
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