सरसों की फसल में पहेली सिंचाई कब करे ताकि 18 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त हो शके

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सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए क्या करे? (Sarso Ki Paidawar Badhane Ke Liye Kya Kare) : सरसों की फसल में सही समय पर सिंचाई करने से पौधे की जड़ों का ग्रोथ होता है। तना मजबूत होता है, पौधे से ज्यादा फुटाव होता है, ज्यादा कल्ले निकलते है, और पौधे से अधिक मात्रा में शाखा निकलती है।

Sarso Ki Paidawar Badhane Ke Liye Kya Kare

सरसों की फसल जब चोटी होती है तब सिंचाई कर ने पर फसल पीली पड़ने का खतरा रहता है। और ज्यादा समय बाद सिंचाई करने से फसल की बढ़वार रूक जाती है और पौधे काले पड़ने लगती है। इस लिया सरसों की फसल में सही समय पर पानी की सिंचाई करनी खुबज जरूरी है।

सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए क्या करे? (Sarso Ki Paidawar Badhane Ke Liye Kya Kare)

सरसों की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान को कई बातो का ध्यान रखना चाहिए। जैसे की सरसों की फसल में सही समय खाद डाले और योग्य समय पर सिंचाई करे। इन के अलावा जब कोई रोग या कीट अटैक करते है तब इन का नियंत्रण करना चाहिए। सरसों

सरसों की फसल में बीज बुवाई के बाद 30 से 40 दिन का समय पहेली सिंचाई के लिया सब से अच्छा माना जाता है। पर ऐसा नहीं होता है अगर सरसों के पौधे की अच्छे से ग्रोथ हो रही है तो पहेली सिंचाई लेट कर सकते है। पर फसल में कोई पौधे मुलजाने लगते है तो सिंचाई जल्द से जल्द करदेनी चाहिए। इस लिया सरसों की फसल में बीज बुवाई के बाद 30 दिन के अंतर पर पहेली सिंचाई कर देनी चाहिए।

सरसों की फसल आप ने रेतीली या हल्की मिट्टी में बुवाई की है तो इस प्रकार की मिट्टी में ज्यादा पानी संग्रह करने की शक्ति नहीं होती है इस लिया इस प्रकार की जमीन में 25 से 30 दिन के अंतर में पहेली सिंचाई कर कहते है। पर जो मिट्टी काली दोमट या चिकनी मिट्टी है तो थोड़ी लेट सिंचाई कर सकते है। इस प्रकार की मिट्टी में पानी संग्रह की शक्ति अधिक होती है इस लिया ऐसी मिट्टी में 30 से 40 दिन बाद सिंचाई कर कहते है। इस लिया आप जब भी अपनी सरसों की फसल की सिंचाई करे तब मिट्टी की नमी एक बार जरूर शेक करे और बाद में सिंचाई करे।

सरसों की फसल में सिंचाई के साथ कौन सी खाद और कितनी मात्रा में देनी चाहिए

सरसों की फसल में पौधे की अच्छी विकास और उत्पादन में बढ़ावा के लिया कुछ खाद को सिंचाई के साथ देना बेहद जरूरी है। इन में से पोटाश, जिंक, सल्फर, यूरिया, डिएपी इन सभी खाद का इस्तेमाल कर के सरसों के पौधे का अच्छा विकास और उत्पादन में बड़ोतरी कर कहते है। अगर किसान बंधूने सरसों के बीज बुवाई के साथ कोई खाद नहीं डाली तो यह पहेली सिंचाई में डीएपी (DAP) और सल्फर खाद डाल सकते है। यह खाद की एक एकड़ के हिसाब से यूरिया 30 किलोग्राम, डिएपी 20 किलोग्राम, सल्फर 2 किलोग्राम इस प्रकार से देनी चाहिए। यह सल्फर खाद सरसों के बीज में तेल की मात्रा को बढ़ावा देता है। और सर्दी के मौसम से फसल को नुकसान नहीं होने देता और फसल से पीला पान दूर होता है।

किसान ने सरसों की बुवाई के साथ सल्फर खाद डाला है तो इस समय सिर्फ यूरिया खाद डाले। और फसल बहुत कमजोर दिखाई दे रही है तो यूरिया खाद के साथ माईकोराजा खाद का भी प्रयोग करे। यह खाद पौधे को जरूरी पोषक तत्व की पूर्ति करती है। इन के अलावा सरसों की फसल में नाइट्रोजन, पोटाश, और फास्फोरस की पूर्ति के लिया आप 19:19:19 या तो 20:20:20 का छिड़काव करने से सरसों की फसल में अच्छा रिजल्ट मिलेगा और पैदावार भी बढ़ जाएगी।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सरसों की पैदावार बढ़ाने के लिए क्या करे? (Sarso Ki Paidawar Badhane Ke Liye Kya Kare) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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