इस फसल से किसान मात्र 4 महीने में हो जाएंगे मालामाल जाने खेती का तरीका

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Shakarkand Ki Kheti Ka Samay

शकरकंद की खेती का समय (Shakarkand Ki Kheti Ka Samay) : हमारे देश भारत में किसान विविध मौसम और जलवायु के अनुरूप अलग अलग अजान, फल, और सब्जी की खेती करते है। इन में एक शकरकंद की खेती भी अच्छी लाभदायक फसल में जो सब्जी वर्गी फसल में आती है।

शकरकंद आलू की तरह दीखते है पर इन में आलू से ज्यादा स्टार्च और मिठास पाई जाती है। इन के अलावा इस में विटामिन भी अधिक मात्रा में मौजूद होता है। इन के सेवन से मानव शरीर के कई फायदे होते है। और इन की मांग भी बाजार में बहुत रहती है। जब महादेव यानि के शिवरात्रि का पर्व आता है तब तो मार्केट बाजार में शकरकंद की डिमांड अधिक होती है और इन के भाव भी अच्छा मिल जाता है। तब किसान को अच्छी कमाई करने के मौका मिल जाता है और बंपर मुनाफा प्राप्त होता है।

आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम शकरकंद की खेती का समय (Shakarkand Ki Kheti Ka Samay) और इन की खेती से कितनी बड़ी कमाई होती है इन सभी बाते पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।

शकरकंद की खेती का समय (Shakarkand Ki Kheti Ka Samay)

किसान को किसी भी फसल से अच्छी कमाई और अधिक उत्पादन प्राप्त करना है तो किसान को जो भी फसल की खेती करनी है इन फसल को कब और कैसे बोई जाती है इन के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए नहीं तो उत्पादन भी कम प्रपात होता है और कमाई भी कम होती है इस लिए किसान का बहुत नुकशान होता है।

आमतौर पर शकरकंद की खेती किसान किसी भी समय कर शकता है पर इन की फसल की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए आप शकरकंद की खेती बारिश के दिनों में या तो गर्मी के दिनों में करें। इन की खेती करने में आप को इन की नर्सरी लगानी पड़ती है और बाद में इन के पौधे जून महीने में या अगस्त महीने में की जाती है। इन के अलावा आप आप इन के पौधे को दिसंबर महीने में या तो जनवरी महीने में लगाई जाती है।

शकरकंद कैसा होता है?

हमारे देश भारत में शकरकंद को कई लोग शकारिया के नाम से भी जानते है। पर सर्दी के मौसम में अधिक बाजार में पाए जाती है। शकरकंद की अलग अलग कई किस्म है जो लाल रंग, बैंगनी रंग, पीले रंग, सफ़ेद रंग, विविध किस्म के रंग भी अलग अलग होते है। इनका इस्तेमाल सब्जी बनाने में बहुत होता है इन को आप सीधा भी खा शकते है।

शकरकंद की खेती की जानकारी

शकरकंद की खेती करने के लिए खेत की अच्छे से तैयारी करनी है इन में आप दो से तीन बार अच्छे से खेत की गहरी जुताई करे बाद में एक हेक्टर के हिसाब से सड़ी गोबर की खाद 13 से 15 टन अच्छे से डाल के रोटावेटर की मदद से मिट्टी में अच्छे से मिला देनी है। बाद में आप मेड तैयार करे और इन में मेड में आप को शकरकंद के पौधे नर्सरी से खरीद के लगा देना है।

शकरकंद की फसल की अच्छी विकास और अधिक उत्पादन के लिए आप अच्छी जल निकासी दोमट मिट्टी या चिकनी मिट्टी में पौधे की रोपाई मेड विधि से करें। और मिट्टी के पीएच मान की बात करें तो 5.5 से लेकर 6.5 के बिच का अच्छा माना जाता है। और जलवायु की बात करे तो शीतोष्ण और समशीतोष्ण सब से अच्छा माना जाता है। और तापमान 20℃ से लेकर 28℃ तक का अच्छा माना जाता है। इन से अधिक तापमान पर इन के बेल और कंद दोनों को हानि हो शक्ति है।

शकरकंद की उन्नत किस्म

शकरकंद की उन्नत किस्म हमारे देश में कृषि वैज्ञानिकों ने कई सारि विकसित की है। जो अधिक उपज के लिए जानी जाती है। इन में कुछ किस्म का नाम है। श्री वरुण, पूसा सुनहरी, राजेंद्र शकरकंद-5, श्री नंदिनी, श्री अरुण, पूसा सफेद, कालमेघ, श्री रत्न क्रॉस-4, कोंकण अश्विनी, वर्धिनी, श्रीभद्रा, इन से भी अधिक शकरकंद (शकारिया) की उन्नत किस्म है। और यह सभी शकारिया की उन्नत किस्म मुख्य खेत में बुवाई के बाद 115 से 125 दिन में अच्छे से खुदाई के लिए तैयार हो जाती है।

शकरकंद के पौधे की रोपाई कैसे करें

शकरकंद के पौधे से पौधे की दुरी आप एक फिट से दो फिट की मेड विधि में करें। और इन के पौधे मिट्टी में 20 से 25 सैमी तक की गहरा रखे और जब सारे पौधे की रोपाई अच्छे से हो जाए तब एक सिंचाई जरूर करें और इन के पौधे की रोपाई आप समतल जमीन में भी कर शकते है। समतल जमीन में आप कतार से कतार की दुरी दो फिट और पौधे से पौधे की दुरी 35 से 40 सैमी तक की रखे।

शकरकंद के फायदे

शकरकंद में कई विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते है। जैसे की आयरन, विटामिन, बी, सी, डी, फोलेट, कॉपर, मैगनीशियम आदि पाए जाते है। जो मानव शरीर के लिए बहुत लाभदायक है। इन का सेवन करने से कई वीमारी से रहत और मुक्ति भी मिल जाती है। जैसे की कैंसर, मधुमेह, दिल की बीमारी, शरीर की चर्बी, त्वचा की चमक आदि के लिए शकरकंद लाभलायक साबित होता है।

शकरकंद खाने का तरीका

शकरकंद को आप सब्जी बना के या सीधा भी खा शकते है। इन को आप अच्छे से गर्म पानी में उबाल के भी ठंडा हो जाने के बाद खा शकते है। इन्हे दूध के साथ खाने से बहुत फायदा होता है। शकरकंद को मिट्टी का घड़ा में डाले और घड़े का मुह हरे घास से अच्छे से बंध करे बाद में घड़े का मुह जमीन की तरफ रख के आप घड़े की चारो तरफ आग लगा दे और फिर इन शकरकंद खाने का मजा ही कुछ और है इन का स्वाद ही लाजबाब है।

शकरकंद का उत्पादन और कमाई

शकरकंद की खेती आप उन्नत तरीके से करेंगे तो यह हैक्टर जमीन में से 25 टन तक का उत्पादन प्राप्त होता है। और इन के बाजारी भाव एक किलोग्राम के 10 से 20 रूपए तक रहते है कई बार इन से अधिक भी बाजारी भाव मिल जाता है पर इस भाव पर भी 25 टन के उत्पादन से आप को लाखो रूपए की कमाई होती है।

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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को शकरकंद की खेती का समय (Shakarkand Ki Kheti Ka Samay) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

हमारे इस ब्लॉग ikhedutputra.com पर हर हमेेश किसान को खेती की विविध फसल के उन्नत बीज से लेकर उत्पादन और इन से होने वाली कमाई और मुनाफा तक की सारी बात बताई जाती है। इन के अलावा जो किसान के हित में सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली विविध योजना और खेती के नई तौर तरीके के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

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नमस्कार किसान मित्रो, में Mavji Shekh आपका “iKhedutPutra” ब्लॉग पर तहेदिल से स्वागत करता हूँ। मैं अपने बारे में बताऊ तो मैंने अपना ग्रेजुएशन B.SC Agri में जूनागढ़ गुजरात से पूरा किया है। फ़िलहाल में अपना काम फार्मिंग के साथ साथ एग्रीकल्चर ब्लॉग पर किसानो को हेल्पफुल कंटेंट लिखता हु।

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