सोयाबीन की नई वैरायटी (Soybean Ki New Variety) : इस साल हमारे देश भारत में सभी विस्तार में अधिक बारिश की संभावना है। हमारे मौसम विभाग के कुछ महानुभावो का कहना है की इस साल बारिश अधिक होने वाली है। इस से किसान को खरीफ सीजन में सोयाबीन की कौन कौन सी किस्म का बीज खरीदना चाहिए और इन बीज की सही समय खेत में बुवाई करनी चाहिए।
मौसम विभाग की तरफ से इस साल अच्छी बारिश होने की जानकारी मिलने पर किसान बहुत खुश खुसाल नजर आ रहे है। क्यों की सोयाबीन या अन्य खरीफ फसल अच्छी बारिश होने पर भी अच्छा उत्पादन देंगी। और किसान को अधिक उत्पादन प्राप्त होने से ही अच्छी कमाई और मुनाफा होता है।
इस साल अधिक बारिश होने के करना ही किसान को सोयाबीन की यह अधिक पानी वाली उन्नत किस्म के बीज की बुवाई करनी है। आज के इस ikhedutputra.Com के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की सोयाबीन की नई किस्में (Soybean Ki New Kism) कौन कौन सी है और इन का उत्पादन कितना प्राप्त हो शकता है इन सभी बाते पर विस्तार से जानेंगे इस लिए आप हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक बने रहे।
सोयाबीन की नई वैरायटी (Soybean Ki New Variety)
सोयाबीन की नई उन्नत किस्म आम तो कई सारी हमारे कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विविध जलवायु और मिट्टी के हिसाब से तैयार कर के विकसित की है। पर इन में से कुछ सोयाबीन की उन्नत किस्म के बारे में हम अधिक जानकारी प्राप्त करेंगे। जैसे की सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म, आरवीएसएम 1135 सोयाबीन किस्म, जेएस 2172 सोयाबीन किस्म, इन सोयाबीन की किस्म के बारें में बात सीत करेंगे।
सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म
सोयबीन की यह उन्नत किस्म राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म ने पहले साल ही गुणवत्ता के अनुसार किसान को चौका देने वाला उत्पादन दिया था। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म की बुवाई आप जल भराव वाले विस्तार में भी बड़ी आसानी से बुवाई कर शकते है। और यह उन्नत किस्म अधिक जल भराव वाले विस्तार में भी अधिक उत्पादन देती है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के पौधे पर इल्ली, जड़ सड़न और फसल पीली पड़जाना यह सभ कम होता है।
सोयाबीन आर.वी.एस. 2001-4 किस्म विशेषता
सोयाबीन की यह वैरायटी के पौधे की उचाई 55 से 60 सैमी की होती है। और पौधे पर जो फूल खिलते है उस का रंग है सफ़ेद और फलिया चिकनी होती है एवं फलियों में बीज होते है इन का रंग गहरा पीला होता है। इन के पौधे की जड़ मजबूत होती है और पीला मौजेक रोग, गर्दन बीटल, और सेमिलूपर जैसे कई रोग और कीट के सामने अति सहनशील है। इन का पौधा अधिक फैलावदार होता है। और इन के फलियों में दाना छोटे होते है इस लिए बीज दर के हिसाब से अधिक उत्पादन प्राप्त होता है।
इन के पौधे की उचाई ज्यादा होने से इन्हे आप हार्वेस्टर से भी काट शकते है। सोयाबीन के बीज की बुवाई एक हैक्टर में किसान को करनी है तो छोटे दाने वाली किस्म के बीज 60 किलोग्राम और माध्यम दाने वाली किस्म के 75 किलोग्राम और बड़े दाने वाली किस्म के 80 किलोग्राम बीज की जरुरत एक हेक्टर के हिसाब से पड़ेगा।सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के बीज बुवाई के बाद 90 से 95 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाते है और एक हैक्टर के हिसाब से 26 से 29 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है।
सोयाबीन आरवीएसएम 1135 किस्म
सोयाबीन की यह उन्नत किस्म पिछले 2 साल के अन्तमे आई आरवीएसएम की 1135 वैरायटी ने किसान के बिच अधिक लोकप्रिय हो रही है। सोयाबीन की यह उन्नत किस्म अधिक रोग प्रतिरोधक और अधिक उत्पादन के लिए जानी जाती है। सोयाबीन की यह उन्नत वैरायटी राजमाता सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तैयार कर के विकसित की है।
सोयाबीन की यह उन्नत किस्म में पीला मोजैक वायरस, जड़ गलन रोग, और चारकोल रॉट इन सभी घातक रोगो के सामने अति सहनशील है। और इस सोयाबीन की वैरायटी के बीज हमारे देश के मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, इन राज्य के लिए अति उपयुक्त बताई गई है। और इन राज्यों में सोयाबीन की यह किस्म अधिक उत्पादन देती है।
आरवीएसएम 1135 सोयाबीन किस्म विशेषता
सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के बीज की बुवाई करने के बाद 35 से 40 दिन बाद पौधे पर सफ़ेद रंग के फूल दिखाई देते है। इस किस्म के बीज की बुवाई एक हैक्टर जमीन में किसान ने की है तो 26 से 30 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त होता है। और इन के बीज बुवाई के बाद 90 से 95 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है।
सोयाबीन की यह वैरायटी येलो मोजैक और चारकोल रॉट जैसे आदि रोगो के सामने अति प्रतिरोधक है। और अधिक सहनशील होने से इस सोयाबीन की वैरायटी को उन्नत मल्टीपल रेजिस्टेसन और फली चटकने की समस्या भी कम रहती है। सोयाबीज की यह उन्नत किस्म के बीज की बुवाई आप भारी मिट्टी, अधिक जल भराव वाले विस्तार में और नमी वाले विस्तार में भी या जल भराव वाली मिट्टी में पानी सहन करने की अधिक क्षमता वाली किस्म है।
सोयाबीन की यह किस्म के पौधे अधिक उचाई वाले होते है और फैलावदार भी होते है। यह पौधा शाखायुक्त और फलियां तने के ऊपर से लगने के कारण इन को हार्वेस्टर से काटी जा शक्ति है। जीस विस्तार में मिट्टी की गहराई 90 से 100 फिट की है उस विस्तार के लिए सोयाबीज की यह किस्म अति उपयुक्त है।
सोयाबीन जेएस 2172 सोयाबीन किस्म
सोयाबीन की यह उन्नत किस्म हमारे देश के जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर (JNKVV) मध्यप्रदेश के कृषि कृषि वैज्ञानिकों ने कड़ी महेनत के बाद तैयार कर के हाल ही में विकसित की है। सोयाबीज की यह उन्नत किस्म को 33 बार ट्रायल करने के बाद जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने बदलते मौसम, बढ़ते तापमान और पानी की कमी को ध्यान में रखकर सोयाबीन की इस किस्म को तैयार किया है।
सोयाबीन की यह उन्नत किस्म के बीज की बुवाई मध्य विस्तार के लिए उपयुक्त बताई गई है। इन की बुवाई मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और बुंदेलखण्ड के लिए उपयुक्त है। जो अधिक बारिश और कम बारिश वाले दोनों विस्तार से लिए उपयुक्त बताया गया है।
जेएस 2172 सोयाबीन किस्म की विशेषता
सोयाबीन के इस किस्म के बीज बुवाई के बाद 90 से 95 दिन में अच्छे से पक के तैयार हो जाती है पर मिट्टी और बारिश कारण कुछ दिनों कम या अधिक हो शकता है। इस किस्म के बीज की बुवाई लाइन से लाइन की दुरी 45 की और बीज से बीज की दुरी 6 से 7 सैमी की राखी जाती है। इन के बीज की बुवाई एक हैक्टर जमीन में करनी है तो 80 किलोग्राम की जरूरत पड़ती है।
इस किस्म के पौधे पर सफ़ेद रंग के फूल खिलते है और फलियां रोहदार दाना चमकीले पीले रंग का होता है। इस में बहुत कम रोग और कीट अटैक करते है सोयाबीन की यह किस्म अधिक रोगप्रतिरोधी किस्म है। सोयाबीज की यह किस्म में राइजेकटोनिया एरियल ब्लाइट, ऐन्थ्रेक्नोज, फली झुलसा, चारकोल सड़न आदि रोगो के सामने अति सहनशील किस्म है।
इन की जड़ मजबूत होने से पौधे का विकास अच्छा होता है और इन के पौधे फैलता भी अधिक है। इन की फसल को आप हार्वेस्टिन से काट शकते है। और सोयाबीन की यह उन्नत किस्म की बीज की बुवाई किसान ने एक हेक्टर जमीन में की है तो 25 से 26 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त होता है। पर अच्छे से इस किस्म की देखभाल किसान करेंगे तो 25 से 30 क्विंटल तक का उत्पादन भी प्राप्त हो शकता है।
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आज के इस आर्टिकल में हम ने आप को सोयाबीन की नई किस्में (Soybean Ki New Kism) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।
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